खरीफ में मानसूनी बारिष कम होने की आषंका से खरीद में आई तेजी
आर एस राणा
नई दिल्ली। ग्वार और ग्वार गम में इस समय स्टॉकिस्टों की खरीद बनी हुई है जिससे कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना है। उत्पादक मंडियों में ग्वार की दैनिक आवक 28 से 30 हजार क्विंटल की हो रही है लेकिन स्टॉकिस्टों के साथ ही प्लांट निर्माताओं की मांग से सोमवार को जोधपुर में ग्वार के भाव बढ़कर 4,650-4,700 रुपये और ग्वार गम के 10,600 से 10,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। खरीफ में मानसूनी बारिष कम होने की आषंका के कारण मांग में आई तेजी।
ग्वार के थोक कारोबारी सुरेंद्र सिंघल ने बताया कि मार्च-अप्रैल महीने में हुई बेमौसम बारिष का असर खरीफ सीजन में मानसूनी बारिष पर पड़ने की आषंका है। खरीफ में मानसूनी बारिष सामान्य से कम रहने की आषंका बनने लगी है, साथ ही अल-नीनो का असर भी रहेगा। इसका सीधा असर ग्वार की बुवाई पर पड़ेगा, इसलिए स्टॉकिस्टों ने ग्वार की खरीद पहले की तुलना में बढ़ा दी है। कीमतों में आ रही तेजी को देखते हुए प्लांट निर्माताओं की मांग भी बढ़ी है। इसलिए ग्वार और ग्वार गम की कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना है।
ग्वार गम निर्यातक विपिन अग्रवाल ने बताया कि क्रुड तेल के भाव नीचे होने के बावजूद भी वित्त वर्श 2014-15 में ग्वार गम का निर्यात मात्रा के हिसाब से बढ़ा है। एपीडा के अनुसार वित्त वर्श 2014-15 के पहले 11 महीनों अप्रैल से फरवरी के दौरान ग्वार गम पाउडर का निर्यात बढ़कर 6.62 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्श की समान अवधि में 5.45 टन का हुआ था। हालांकि मूल्य के हिसाब के इस दौरान ग्वार गम पाउडर के निर्यात में 12.91 फीसदी की कमी आकर 9,561.68 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्श की समान अवधि में 10,978.96 करोड़ रुपये मूल्य का निर्यात हुआ था। उन्होंने बताया कि घरेलू बाजार में दाम कम होने का असर ग्वार गम पाउडर के निर्यात पर मूल्य के आधार पर पड़ा है।
ग्वार कारोबारी सुमेषचंद जैन ने बताया कि ग्वार का स्टॉक किसानों के पास ज्यादा है तथा किसान रबी फसलों में लगा हुआ है इसलिए उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक भी 28 से 30 हजार क्विंटल की ही हो रही है। कीमतों में आई तेजी से बिकवाली कम आ रही है जबकि स्टॉकिस्ट इन भावों को नीचा मान रहे हैं इसलिए मौजूदा कीमतों में अभी तेजी जारी रहने की संभावना है।......आर एस राणा
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