माल्ट कपंनियों की खरीद नहीं होने से जौ के दाम एमएसपी से नीचे
मई-जून में मांग बढ़ने से कीमतों में तेजी का अनुमान
आर एस राणा
नई दिल्ली। राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेष की प्रमुख उत्पादक मंडियों में जौ की दैनिक आवक बढ़ रही है जबकि माल्ट कंपनियां खरीद नहीं कर रही है। इसीलिए उत्पादक मंडियों में जौ के दाम घटकर 900 से 1,050 रूपये प्रति क्विंटल रह गए हैं जबकि चालू फसल सीजन के लिए केंद्र सरकार ने जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,150 रूपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
जौ के थोक कारोबारी राजीव बंसल ने बताया कि उत्पादक मंडियों में जौ की दैनिक आवक बढ़कर 6 से 7 लाख बोरी (एक बोरी-80 किलो) की हो गई है लेकिन माल्ट कंपनियां अभी खरीद नहीं कर रही है। जिससे जौ की कीमतों में गिरावट आई है। हरियाणा की मंडियों में जौ के भाव घटकर 900 से 1,050 रूपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। उन्होंने बताया कि मौसम साफ रहा तो आगामी सप्ताह में जौ की दैनिक आवक बढ़कर 8 से 10 लाख बोरियों की हो जायेगी, जिससे मौजूदा कीमतों में 25 से 50 रूपये प्रति क्विंटल की और गिरावट आने की आषंका है। उन्होंने बताया कि इस बार नई फसल के समय जौ का बकाया स्टॉक लगभग समाप्त हो चुका था जिससे जौ का भविश्य तेजी का ही है।
जौ कारोबारी सीताराम अग्रवाल ने बताया कि सरकारी अनुमान के अनुसार तो चालू रबी में जौ की पैदावार कम होने का अनुमान है लेकिन व्यापारिक अनुमान पैदावार ज्यादा होने की संभावना है। इसीलिए स्टॉकिस्ट स्टॉक कम रहे हैं। इस समय पषुआहार में ही जौ की मांग निकल रही है। उन्होंने बताया कि जून में माल्ट कंपनियों की खरीद बढ़ेगी, जिससे जौ का भविश्य तेजी का ही है। राजस्थान की मंडियों में जौ के भाव 1,025 से 1,050 रूपये प्रति क्विंटल रह गए। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों से निर्यातक कांडला बदरगाह पहुंच जौ की खरीद 1,250 रूपये प्रति क्विंटल की दर से कर रहे हैं लेकिन विष्व बाजार में दाम कम होने के कारण निर्यात में ज्यादा उम्मीद नहीं है।
कृशि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में जौ का उत्पादन घटकर 17.7 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 18.3 लाख टन की पैदावार हुई थी।......आर एस राणा
मई-जून में मांग बढ़ने से कीमतों में तेजी का अनुमान
आर एस राणा
नई दिल्ली। राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेष की प्रमुख उत्पादक मंडियों में जौ की दैनिक आवक बढ़ रही है जबकि माल्ट कंपनियां खरीद नहीं कर रही है। इसीलिए उत्पादक मंडियों में जौ के दाम घटकर 900 से 1,050 रूपये प्रति क्विंटल रह गए हैं जबकि चालू फसल सीजन के लिए केंद्र सरकार ने जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,150 रूपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
जौ के थोक कारोबारी राजीव बंसल ने बताया कि उत्पादक मंडियों में जौ की दैनिक आवक बढ़कर 6 से 7 लाख बोरी (एक बोरी-80 किलो) की हो गई है लेकिन माल्ट कंपनियां अभी खरीद नहीं कर रही है। जिससे जौ की कीमतों में गिरावट आई है। हरियाणा की मंडियों में जौ के भाव घटकर 900 से 1,050 रूपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। उन्होंने बताया कि मौसम साफ रहा तो आगामी सप्ताह में जौ की दैनिक आवक बढ़कर 8 से 10 लाख बोरियों की हो जायेगी, जिससे मौजूदा कीमतों में 25 से 50 रूपये प्रति क्विंटल की और गिरावट आने की आषंका है। उन्होंने बताया कि इस बार नई फसल के समय जौ का बकाया स्टॉक लगभग समाप्त हो चुका था जिससे जौ का भविश्य तेजी का ही है।
जौ कारोबारी सीताराम अग्रवाल ने बताया कि सरकारी अनुमान के अनुसार तो चालू रबी में जौ की पैदावार कम होने का अनुमान है लेकिन व्यापारिक अनुमान पैदावार ज्यादा होने की संभावना है। इसीलिए स्टॉकिस्ट स्टॉक कम रहे हैं। इस समय पषुआहार में ही जौ की मांग निकल रही है। उन्होंने बताया कि जून में माल्ट कंपनियों की खरीद बढ़ेगी, जिससे जौ का भविश्य तेजी का ही है। राजस्थान की मंडियों में जौ के भाव 1,025 से 1,050 रूपये प्रति क्विंटल रह गए। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों से निर्यातक कांडला बदरगाह पहुंच जौ की खरीद 1,250 रूपये प्रति क्विंटल की दर से कर रहे हैं लेकिन विष्व बाजार में दाम कम होने के कारण निर्यात में ज्यादा उम्मीद नहीं है।
कृशि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में जौ का उत्पादन घटकर 17.7 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 18.3 लाख टन की पैदावार हुई थी।......आर एस राणा
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