केंद्रीय उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने
उत्तर प्रदेश से गन्ना किसानों का बकाया समय पर निपटाने को कहा है।
उन्होंने कहा कि यह संबद्घ राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि किसानों को
समय पर भुगतान किया जाए। यहां मीडिया से बातचीत करते हुए पासवान ने कहा कि
केंद्र चीनी उद्योग द्वारा उठाई गई विभिन्न मांगों पर विचार कर रहा है।
इनमें से कुछ मांगों में आयात शुल्क वृद्घि, चीनी निर्यात प्रोत्साहन
मुहैया कराना, एथेनॉल कीमतें बढ़ाना और चीनी कंपनियों को आसान कर्ज मुख्य
रूप से शामिल हैं।उन्होंने बताया कि घरेलू चीनी उद्योग ने सरकार से चीनी की
गिरती कीमतों को समर्थन मुहैया कराने के लिए सालाना चीनी उत्पादन के 10
फीसदी का बफर स्टॉक बनाने की भी मांग की है। हालांकि उन्होंने कहा कि बफर
स्टॉक का निर्माण चीनी के बंपर उत्पादन और इस साल लगभग 90 लाख टन के
अनुमानित चीनी स्टॉक को देखते हुए आसान नहीं होगा।
उन्होंने कहा, 'हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि गठित नए बफर स्टॉक का इस्तेमाल निर्धारित समय-सीमा के अंदर किया जाए।' भारत का सालाना चीनी उत्पादन 2.88 करोड़ टन पर अनुमानित है। चीनी कंपनियां चालू सत्र में 2.6 करोड़ टन चीनी का उत्पादन पहले ही कर चुकी हैं। उन्होंने कहा, 'हमारी प्राथमिकता किसानों को भुगतान सुनिश्चित करना है, हालांकि हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि चीनी उद्योग पर अधिक दबाव न पड़े।' इस बीच उन्होंने शीर्ष खरीद वाले राज्यों में शुमार होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में गेहूं और चावल की कम खरीद के लिए 'दोषपूर्ण' मंडी (सरकारी कृषि विपणन/खरीद) व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया। पासवान ने अखिलेश यादव सरकार से कहा है कि वह खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू करे जिससे सार्वजनिक वितरण व्यवस्था (पीडीएस) को अधिक व्यवस्थित बनाया जा सके और गरीबों को अधिक लाभ मिल सके। (BS Hindi)
उन्होंने कहा, 'हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि गठित नए बफर स्टॉक का इस्तेमाल निर्धारित समय-सीमा के अंदर किया जाए।' भारत का सालाना चीनी उत्पादन 2.88 करोड़ टन पर अनुमानित है। चीनी कंपनियां चालू सत्र में 2.6 करोड़ टन चीनी का उत्पादन पहले ही कर चुकी हैं। उन्होंने कहा, 'हमारी प्राथमिकता किसानों को भुगतान सुनिश्चित करना है, हालांकि हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि चीनी उद्योग पर अधिक दबाव न पड़े।' इस बीच उन्होंने शीर्ष खरीद वाले राज्यों में शुमार होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में गेहूं और चावल की कम खरीद के लिए 'दोषपूर्ण' मंडी (सरकारी कृषि विपणन/खरीद) व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया। पासवान ने अखिलेश यादव सरकार से कहा है कि वह खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू करे जिससे सार्वजनिक वितरण व्यवस्था (पीडीएस) को अधिक व्यवस्थित बनाया जा सके और गरीबों को अधिक लाभ मिल सके। (BS Hindi)
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