विदेषों से 2.5 लाख टन गेहूं का आयात होने का अनुमान
मध्य प्रदेष, गुजरात और राजस्थान में नया गेहूं एमएसपी से नीचे
आर एस राणा
नई दिल्ली। बेमौसम बारिष और ओलावृश्टि की मार से जूझ रहे गेहूं किसान पर अब विदेष से गेहूं के आयात सौदो की दोहरी मार पड़नी षुरू हो गई है। आस्ट्ेलिया से भारतीय कंपनियां करीब 80,000 टन गेहूं के आयात सौदे कर चुकी है तथा आगामी दिनों में आस्ट्ेलिया और कनाड़ा से लगभग 2 से 2.5 लाख टन गेहूं आयात के सौदे होने का अनुमान है। आयात सौदे होने से दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों ने गेहूं की खरीद कम दी है जिससे मध्य प्रदेष, राजस्थान और गुजरात में गेहूं के दाम घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आ गए हैं। इन राज्यों में नया गेहूं 1,240 से 1,390 रूपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है जबकि गेहूं का एमएसपी 1,450 रूपये प्रति क्विंटल है।
बंगलुरू स्थित फर्म के एक वरिश्ठ अधिकारी ने बताया कि आस्ट्ेलिया से दो कंपनियां ने 3 षिप ( करीब 80 हजार टन) गेहूं के आयात सौदे 272 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) की दर से किए हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय कंपनियां आस्ट्ेलिया और कनाड़ा से भी गेहूं के आयात सौदे कर रही है तथा उम्मीद है कि चालू सीजन में करीब 2 से 2.5 लाख टन गेहूं के आयात सौदे हो जायेंगे। आयात सौदों को देखते हुए दक्षिण भारत की रोलर फ्लोर मिलों ने उत्तर भारत के गेहूं उत्पादक राज्यों से खरीद कम कर दी है जिससे इन राज्यों में गेहूं की कीमतों में गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि राजस्थान और मध्य प्रदेष की मंडियों में गेहूं के दाम घटकर 1,240 से 1,350 रूपये और गुजरात की मंडियों में 1,380 से 1,390 रूपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। इन राज्यों में अभी तक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने एमएसपी पर गेहूं की खरीद भी षुरू नहीं की है।
गेहूं के थोक कारोबारी संदीप गुप्ता ने बताया कि मध्य प्रदेष, राजस्थान और गुजरात में गेहूं की दैनिक आवक बढ़ रही है जबकि उत्तर प्रदेष, हरियाणा और पंजाब में नए गेहूं की दैनिक आवक सप्ताहभर में बढ़ जायेगी। दिल्ली में मध्य प्रदेष के गेहूं का भाव 1,550 से 1,560 रूपये प्रति क्विंटल है जबकि पुराने गेहूं का भाव 1,650 से 1,660 रूपये प्रति क्विंटल है। आगामी दिनों में आवक बढ़ने पर गेहूं की मौजूदा कीमतों में और भी 100 से 150 रूपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने का अनुमान है।
कृशि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में गेहूं का उत्पादन 957.6 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 958.6 लाख टन की पैदावार हुई थी। जानकारों के अनुसार मार्च महीने में हुई बैमौसम बारिष और ओलावृटि से गेहूं की फसल को करीब 10 से 12 फीसदी का नुकसान हुआ है।...आर एस राणा
मध्य प्रदेष, गुजरात और राजस्थान में नया गेहूं एमएसपी से नीचे
आर एस राणा
नई दिल्ली। बेमौसम बारिष और ओलावृश्टि की मार से जूझ रहे गेहूं किसान पर अब विदेष से गेहूं के आयात सौदो की दोहरी मार पड़नी षुरू हो गई है। आस्ट्ेलिया से भारतीय कंपनियां करीब 80,000 टन गेहूं के आयात सौदे कर चुकी है तथा आगामी दिनों में आस्ट्ेलिया और कनाड़ा से लगभग 2 से 2.5 लाख टन गेहूं आयात के सौदे होने का अनुमान है। आयात सौदे होने से दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों ने गेहूं की खरीद कम दी है जिससे मध्य प्रदेष, राजस्थान और गुजरात में गेहूं के दाम घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आ गए हैं। इन राज्यों में नया गेहूं 1,240 से 1,390 रूपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है जबकि गेहूं का एमएसपी 1,450 रूपये प्रति क्विंटल है।
बंगलुरू स्थित फर्म के एक वरिश्ठ अधिकारी ने बताया कि आस्ट्ेलिया से दो कंपनियां ने 3 षिप ( करीब 80 हजार टन) गेहूं के आयात सौदे 272 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) की दर से किए हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय कंपनियां आस्ट्ेलिया और कनाड़ा से भी गेहूं के आयात सौदे कर रही है तथा उम्मीद है कि चालू सीजन में करीब 2 से 2.5 लाख टन गेहूं के आयात सौदे हो जायेंगे। आयात सौदों को देखते हुए दक्षिण भारत की रोलर फ्लोर मिलों ने उत्तर भारत के गेहूं उत्पादक राज्यों से खरीद कम कर दी है जिससे इन राज्यों में गेहूं की कीमतों में गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि राजस्थान और मध्य प्रदेष की मंडियों में गेहूं के दाम घटकर 1,240 से 1,350 रूपये और गुजरात की मंडियों में 1,380 से 1,390 रूपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। इन राज्यों में अभी तक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने एमएसपी पर गेहूं की खरीद भी षुरू नहीं की है।
गेहूं के थोक कारोबारी संदीप गुप्ता ने बताया कि मध्य प्रदेष, राजस्थान और गुजरात में गेहूं की दैनिक आवक बढ़ रही है जबकि उत्तर प्रदेष, हरियाणा और पंजाब में नए गेहूं की दैनिक आवक सप्ताहभर में बढ़ जायेगी। दिल्ली में मध्य प्रदेष के गेहूं का भाव 1,550 से 1,560 रूपये प्रति क्विंटल है जबकि पुराने गेहूं का भाव 1,650 से 1,660 रूपये प्रति क्विंटल है। आगामी दिनों में आवक बढ़ने पर गेहूं की मौजूदा कीमतों में और भी 100 से 150 रूपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने का अनुमान है।
कृशि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में गेहूं का उत्पादन 957.6 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 958.6 लाख टन की पैदावार हुई थी। जानकारों के अनुसार मार्च महीने में हुई बैमौसम बारिष और ओलावृटि से गेहूं की फसल को करीब 10 से 12 फीसदी का नुकसान हुआ है।...आर एस राणा
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