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30 अप्रैल 2015

उंचे भाव में मांग घटने से सोयाबीन की कीमतों में गिरावट की आशंका


आर एस राणा
नई दिल्ली। सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी भाव बढ़कर 4,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि इस समय सोया खली और रिफाइंड सोया तेल में मांग कमजोर है। उत्पादक राज्यों में सोयाबीन का करीब 40 से 45 फीसदी स्टॉक बचा हुआ है। इसलिए मौजूदा कीमतों में एक बार गिरावट आने की आशंका है।
साई सिमरन फुडस लिमिटेड के डायरेक्टर नरेश गोयनका ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग ने चालू खरीफ में मानसूनी वर्षा सामान्य से कम होने की आशंका जताई है जिससे स्टॉकिस्टों की खरीद सोयाबीन में बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि सप्ताहभर में ही सोयाबीन की कीमतों में करीब 600 से 700 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के भाव बढ़कर 3,800 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि प्लांट डिलीवरी भाव 4,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। उन्होंने बताया कि उंचे भाव में प्लांटों की मांग नहीं है। वैसे भी सोया खली में निर्यात मांग कमजोर है जबकि रिफाइंड सोया तेल में भी उठा कमजोर है। इसलिए सोयाबीन की मौजूदा कीमतों में गिरावट आ सकती है।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने बताया कि प्लांट डिलीवरी सोयाखली के भाव बढ़कर 36,500 से 37,000 रुपये प्रति टन हो गए हैं इन भाव में थोड़ी बहुत घरेलू मांग तो निकल रही है लेकिन निर्यात सौदे नहीं के बराबर हो रहे हैं। रिफाइंड सोया तेल का भाव 600-605 रुपये प्रति 10 किलो है। घरेलू बाजार में उपलब्धता ज्यादा होने से खाद्य तेलों में भी मांग कमजोर है। वित्त वर्ष 2014-15 में सोया खली के निर्यात में 44 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 659,593 टन का ही हुआ है। खरीफ में सोयाबीन की पैदावार 116.41 लाख टन की हुई थी तथा अभी करीब 40-45 फीसदी सोयाबीन का स्टॉक उत्पादक राज्यों में बकाया बचा हुआ है।
सोयाबीन के थोक कारोबारी हेंमत जैन ने बताया कि आगामी दिनों में सोयाबीन में स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ सकती है जिससे भाव में मंदा आने की संभावना है। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के दाम ज्यादा बढ़ गए हैं तथा इन भावों में प्लांटों की मांग नहीं निकल रही है। प्लांट कुल क्षमता का 30 से 40 फीसदी ही पेराई कर पा रहे हैं। इसलिए आगामी दिनों में सोयाबीन की कीमतों में मुनाफावसूली से गिरावट आने की संभावना है।......आर एस राणा

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