आर एस राणा
नई दिल्ली। अरहर और चना में दालों की मांग बढ़ने से भाव में लगातार तेजी बनी हुई है। मुंबई में आयातित अरहर के दाम बढ़कर शनिवार को 1,100 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) हो गए जबकि आस्ट्रेलिया से आयातित चने के भाव भी बढ़कर 4,200 रुपये प्रति क्विंटल मुंबई पहुंच हो गए।
दलहन आयातक संतोष उपाध्याय ने बताया कि दालों में मिलों के साथ ही स्टॉकिस्टों की मांग बढ़ने से तेजी का रुख बना हुआ है। उन्होंने बताया कि खरीफ में मानसूनी वर्षा होने की आशंका के कारण खरीद पहले की तुलना में बढ़ गई है। वैसे भी खरीफ में दलहन की बुवाई आमतौर पर खरीफ में होने वाले बारिश पर निर्भर करती है। उन्होंने बताया कि आयातित लेमन अरहर के भाव बढ़कर मुंबई में 1,100 डॉलर प्रति टन हो गए। आस्ट्रेलिया से आयातित चने के भाव बढ़कर 4,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। उड़द एफएक्यू के भाव बढ़कर 1,140 डॉलर और एसक्यू के भाव 1,210 डॉलर, आयातित मूंग के भाव 1,230 से 1,240 डॉलर और पेड़ीसेवा के भाव बढ़कर 1,300 डॉलर प्रति टन हो गए।
दलहन कारोबारी दुर्गा प्रसाद ने बताया कि दालों की कीमतों में आई तेजी से स्टॉकिस्टों और किसानों की बिकवाली कम हो गई है जिससे आवक कम हुई है। उन्होंने बताया कि मई-जून में दालों की खपत कम रहती है इसलिए इस दौरान कीमतों में गिरावट आने का अनुमान है। दिल्ली में चने के भाव बढ़कर 4,200 से 4,225 रुपये और मूंग के भाव 8,000 रुपये, मसूर के भाव 5,200 रुपये और अरहर के भाव 6,200 से 6,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। रबी में तो दालों की पैदावार में कमी आई ही है साथ ही, मानसून सामान्य से कमजोर रहने की आशंका से खरीफ में भी पैदावार कम होने का अनुमान है। ऐसे में आयातित दालों पर निर्भरता और बढ़ जायेगी। वैसे भी वित्त वर्ष 2014-15 के पहले दस महीनों में ही देश में दालों का रिकार्ड आयात हो चुका है। इसीलिए आयातित दालों के भाव भी बढ़ गए हैं।
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में 129.3 लाख टन पैदावार होने का अनुमान है जबकि पिछले साल रबी सीजन में 137.9 लाख टन की पैदावार हुई थी। चालू फसल वर्ष 2014-15 में दलहन की कुल पैदावार घटकर 184.3 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 197.8 लाख टन की पैदावार हुई थी।.......आर एस राणा
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