आर एस राणा
नई दिल्ली। मार्च महीने में वैजिटेबल तेलों के आयात में 27 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 1,062,031 टन का हुआ है। चालू तेल वर्श के पहले पांच महीनों नवंबर से मार्च के दौरान वैजिटेबल तेलों के आयात में 24 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 5,353,184 टन का हो चुका है।
साल्वेंट एक्सट्ेक्टर्स एसोसिषन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार मार्च महीने में वैजिटेबल तेलों के आयात में 27 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मार्च महीने में 1,062,031 टन वैजिटेबल तेलों का आयात हुआ है जबकि पिछले साल मार्च महीने में 835,424 टन वैजिटेबल तेलों का आयात हुआ था। चालू तेल वर्श 2014-15 के पहले पांच महीनों नवंबर-14 से मार्च-15 के दौरान 5,353,184 टन वैजिटेबल तेलों का आयात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 4,332,231 टन खाद्य तेलों का आयात हुआ था।
इंडिनेषिया और मलेषिया ने पिछले पांच महीनों से वैजिटेबल तेलों के निर्यात पर षुल्क को षून्य किया हुआ है जबकि इन देषों में बायो-डीजल में सीपीओ की मांग कम हुई है। ऐसे में इन देषों में पॉम तेल का स्टॉक ज्यादा हो गया है जिससे कीमतों में भारी कमी आई है।
आर बी डी पॉमोलीन का भाव भारतीय बंदरगाह पर मार्च-2014 में 938 डॉलर प्रति टन था जबकि मार्च-2015 में इसका भाव घटकर 661 डॉलर प्रति टन रह गया। इसी तरह से क्रूड पाम तेल का भाव इस दौरान 951 डॉलर प्रति टन से घटकर 650 डॉलर प्रति टन रह गया। खाद्य तेलों के आयात में हुई बढ़ोतरी के कारण घरेलू बाजार में खाद्य तेलों का स्टॉक ज्यादा जमा हो गया है। पहली फरवरी को घरेलू बाजार में करीब 20 लाख टन वैजिटेबल तेल का स्टॉक जमा है। उत्पादक मंडियों में रबी तिलहनों की दैनिक आवक भी बढ़ने से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में मंदे कर ही संभावना है।.....आर एस राणा
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