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08 अप्रैल 2015

सरकार 50 फीसदी तक हुए लस्टर लोस गेहूं की भी करेगी खरीददारी- खाद्य मंत्री


चीनी का बफ्र स्टॉक बनाने की सरकार की कोई योजना नहीं
आर एस राणा
नई दिल्ली। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को हुए नुकसान को देखते हुए केंद्र सरकार ने सरकारी खरीद नियमों में ढील दी है। बुधवार को दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि सरकारी एजेंसियां 50 फीसदी तक लस्टर लोस गेहूं की खरीद करेंगी, जबकि 9 से 10 फीसदी तक टूटे हुए गेहूं की खरीद की जायेगी। साथ ही उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार का चीनी का बफर स्टॉक बनाने की कोई योजना नहीं है।
केंद्रीय खाद्य मंत्री ने कहा कि चालू रबी विपणन सीजन में गेहूं के प्रमुख उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान को देखते हुए सरकार ने खरीद नियमों में ढील दी है। उन्होंने कहा कि अभी राजस्थान और मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूं की आवक शुरू हुई है इसलिए इन राज्यों में खरीद नियमों में ढील दी है। मध्य प्रदेश में सरकारी एजेंसियां 40 फीसदी तक लस्टर लोस गेहूं की खरीद करेंगी जबकि राजस्थान में इसकी मात्रा बढ़ाकर 50 फीसदी कर दी है।
उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के साथ ही राज्य की खरीद एजेंसियां मध्य प्रदेश से 10 फीसदी तक टूटे हुए गेहूं की खरीद करेंगी तथा राजस्थान से 9 फीसदी तक टूटे हुए गेहूं को खरीदा जायेगा। सामान्यतः एफसीआई 6 फीसदी से ज्यादा मात्रा में टूटे हुए गेहूं की खरीद नहीं करती है। हालांकि उन्होंने कहा कि 14 फीसदी से ज्यादा नमी वाले गेहूं की खरीद नहीं की जायेगी क्योंकि 14 फीसदी से ज्यादा नमी वाले गेहूं के खराब होने के आसार ज्यादा रहते हैं।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार का चीनी का बफर स्टॉक बनाने की कोई योजना नहीं है। चीनी मिलों पर किसानों के बकाया का बोझ लगातार बढ़ रहा है जिसे देखते हुए चीनी डद्योग ने केंद्र सरकार ने बफर स्टॉक बनाने की मांग की थी। हालांकि केंद्र सरकार चीनी मिलों को 14 लाख टन रॉ-शुगर के निर्यात पर 4,000 रूपये प्रति टन की दर से इनसेंटिव दे रही है लेकिन विश्व बाजार में चीनी के दाम न्यूनतम स्तर पर होने के कारण मिलें रॉ-शुगर का निर्यात भी ज्यादा मात्रा में नहीं कर पा रही हैं। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में 31 मार्च 2015 तक देश में 247.20 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 28.41 लाख टन ज्यादा है।....आर एस राणा

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