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09 अप्रैल 2015

पहले दस महीनों में ही रिकार्ड 41 लाख टन हो चुका है दालों का आयात


चालू महीने में ही 2000 रूपये प्रति क्विंटल तक बढ़ चुके हैं दलहन के दाम
आर एस राणा
नई दिल्ली। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से चालू रबी में दलहनी फसलों को हुए नुकसान के कारण स्टॉकिस्टों और दाल मिलरों की खरीद बढ़ गई है। चालू महीन में ही उत्पादक मंडियों में दालों की कीमतों में 1,000 से 2,000 रूपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। वित्त वर्ष 2014-15 के पहले दस महीनों (अप्रैल से जनवरी) के दौरान देश में 41 लाख टन दालों का रिकार्ड आयात हो चुका है।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वित्त वर्ष 2014-15 के पहले दस महीनों अप्रैल से जनवरी-2015 के दौरान 41 लाख टन दालों का आयात हो चुका है तथा वित्त वर्ष 2014-15 में कुल आयात बढ़कर 44 से 45 लाख टन होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014-15 में दालों की पैदावार घटकर 184.3 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले वर्ष पैदावार 197.8 लाख टन की हुई थी। ऐसे में वित्त वर्ष 2015-16 में दालों के आयात में और बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
दलहन कारोबारी दुर्गा प्रसाद ने बताया कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से रबी दलहन की प्रमुख फसल चना और मसूर को ज्यादा नुकसान हुआ है। नुकसान को देखते हुए ही स्टॉकिस्टों के साथ दाल मिलर की मांग बढ़ने से चना, अरहर, मूंग, उड़द और मसूर की कीमतों में तेजी बनी हुई है। चालू महीने में ही इनकी कीमतों में करीब 1,000 से 2,000 रूपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। उत्पादक मंडियों में मूंग दाल की कीमतें बढ़कर 8,000 से 8,100 रूपये, अरहर की कीमतें 6,100 से 6,150 रूपये और चने की कीमतें बढ़कर 3,750 से 3,850 रूपये प्रति क्विंटल हो गई।
दलहन व्यापारी निशांत मित्तल ने बताया कि दिल्ली में चना दाल के भाव बढ़कर 4,615 रूपये, उड़द दाल के 8,200 रूपये, मूंग दाल के 10,000 रूपये, अरहर दाल के 9,200 रूपये और मसूर दाल के भाव 8,000 रूपये प्रति क्विंटल हो गए। उन्होंने बताया कि चालू महीनें में दालों की कीमतों में और भी तेजी की संभावना है लेकिन मई-जून में भाव स्थिर हो जायेंगे।......आर एस राणा

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