आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में गेहूं की पैदावार में 4-5 फीसदी की कमी आने की आशंका है। ऐसे में गेहूं की पैदावार कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान 957.6 लाख टन में से करीब 48 लाख टन कम होगी। पिछले सीजन में देश 958.5 लाख टन गेहूं की पैदावार हुई थी।
मंगलवार को नई दिल्ली में खरीफ सम्मेलन के अवसर पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन ने कि मार्च और अप्रैल में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से शुरूआती अनुमान के अनुसार चालू रबी में गेहूं की फसल को केवल 4 से 5 फीसदी ही नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने देशभर में रबी फसलों को करीब 113 हैक्टेयर में नुकसान हुआ है। हालांकि उन्होंने कहां कि राज्यों के साथ मिलकर नुकसान के वास्तिवक आंकड़ों का आंकलन किया जा रहा है।
जानकारों का मानना है कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को चालू रबी में 25 से 30 फीसदी नुकसान होने की आशंका है। उत्पादक मंडियों में इस रेनफेड गेहूं की आवक हो रही है तथा उत्पादक मंडियों में रेनफेड गेहूं के भाव 1,220 से 1,390 रूपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जोकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी नीचे हैं। केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन के लिए गेहूं का एमएसपी 1,450 रूपये प्रति क्विंटल तया किया हुआ है।
गेहूं के थोक कारोबारी संजीव अग्रवाल ने बताया कि गेहूं की फसल को भारी नुकसान होने से कुल पैदावार में 25 से 30 फीसदी की कमी तो आयेगी, लेकिन केंद्रीय में गेहूं का स्टॉक ज्यादा होने से कीमतों में तेजी की उम्मीद नहीं है। वैसे भी रेनफेड गेहूं के दाम नीचे ही बने रहेंगे। उन्होंने बताया कि आस्टेलिया से गेहूं के आयात सौदे हो रहे हैं जोकि भारत में बंदरगाह पहुंच करीब 270 डॉलर प्रति टन है। ऐसे में फ्लोर मिलर आयातित गेहूं के साथ ही रेनफेड गेहूं को मिक्स करके पिसाई कर लेंगे। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में गेहूं की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। हालांकि बढ़िया गेहूं के दाम तेज रह सकते हैं।........आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में गेहूं की पैदावार में 4-5 फीसदी की कमी आने की आशंका है। ऐसे में गेहूं की पैदावार कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान 957.6 लाख टन में से करीब 48 लाख टन कम होगी। पिछले सीजन में देश 958.5 लाख टन गेहूं की पैदावार हुई थी।
मंगलवार को नई दिल्ली में खरीफ सम्मेलन के अवसर पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन ने कि मार्च और अप्रैल में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से शुरूआती अनुमान के अनुसार चालू रबी में गेहूं की फसल को केवल 4 से 5 फीसदी ही नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने देशभर में रबी फसलों को करीब 113 हैक्टेयर में नुकसान हुआ है। हालांकि उन्होंने कहां कि राज्यों के साथ मिलकर नुकसान के वास्तिवक आंकड़ों का आंकलन किया जा रहा है।
जानकारों का मानना है कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को चालू रबी में 25 से 30 फीसदी नुकसान होने की आशंका है। उत्पादक मंडियों में इस रेनफेड गेहूं की आवक हो रही है तथा उत्पादक मंडियों में रेनफेड गेहूं के भाव 1,220 से 1,390 रूपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जोकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी नीचे हैं। केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन के लिए गेहूं का एमएसपी 1,450 रूपये प्रति क्विंटल तया किया हुआ है।
गेहूं के थोक कारोबारी संजीव अग्रवाल ने बताया कि गेहूं की फसल को भारी नुकसान होने से कुल पैदावार में 25 से 30 फीसदी की कमी तो आयेगी, लेकिन केंद्रीय में गेहूं का स्टॉक ज्यादा होने से कीमतों में तेजी की उम्मीद नहीं है। वैसे भी रेनफेड गेहूं के दाम नीचे ही बने रहेंगे। उन्होंने बताया कि आस्टेलिया से गेहूं के आयात सौदे हो रहे हैं जोकि भारत में बंदरगाह पहुंच करीब 270 डॉलर प्रति टन है। ऐसे में फ्लोर मिलर आयातित गेहूं के साथ ही रेनफेड गेहूं को मिक्स करके पिसाई कर लेंगे। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में गेहूं की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। हालांकि बढ़िया गेहूं के दाम तेज रह सकते हैं।........आर एस राणा
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