आर एस राणा
नई दिल्ली। चीनी मिलों पर किसानों के बकाया बोझ को कम करने के लिए केंद्र सरकार चीनी का बफर स्टॉक बनाने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही चीनी के आयात शुल्क को भी 25 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी करने के लिए खाद्य मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है।
केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि केंद्र सरकार चीनी का बफर स्टॉक बनाने पर विचार कर रही है। चीनी मिलों पर किसानों के बकाया का बोझ लगातार बढ़ रहा है। चालू पेराई सीजन 2014-15 में अभी तक देशभर की चीनी मिलों पर 19,300 करोड़ रुपये का बकाया हो चुका है। उद्योग के अनुसार चीनी के दाम कम होने के कारण ही मिलों को घाटा उठाना पड़ रहा है, जिसकी वजह से मिलें किसानों को भुगतान कर पाने में असमर्थ है। इसके हल के लिए उद्योग ने केंद्र सरकार से 30 से 35 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाने की मांग की थी। उत्तर प्रदेश में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव 2,525 से 2,625 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि महाराष्ट्र 2,275 से 2,350 रुपये प्रति क्विंटल है।
खाद्य मंत्री ने कहा कि चीनी पर आयात शुल्क को 25 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी करने के लिए वित्त मंत्री को पत्र लिखा गया है। केंद्र सरकार चीनी मिलों को रॉ-शुगर के निर्यात पर 4,000 रुपये प्रति टन की दर से इनसेंटिव भी दे रही है लेकिन विश्व बाजार में दाम कम होने के कारण रॉ-शुगर का निर्यात भी सीतिम मात्रा में ही हो रहा है।
उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन में 15 अप्रैल 2015 तक देशभर में 263.56 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि के 231.50 लाख टन से 32.06 लाख टन ज्यादा है। उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन में 270 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है।....आर एस राणा
नई दिल्ली। चीनी मिलों पर किसानों के बकाया बोझ को कम करने के लिए केंद्र सरकार चीनी का बफर स्टॉक बनाने पर विचार कर रही है। इसके साथ ही चीनी के आयात शुल्क को भी 25 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी करने के लिए खाद्य मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है।
केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि केंद्र सरकार चीनी का बफर स्टॉक बनाने पर विचार कर रही है। चीनी मिलों पर किसानों के बकाया का बोझ लगातार बढ़ रहा है। चालू पेराई सीजन 2014-15 में अभी तक देशभर की चीनी मिलों पर 19,300 करोड़ रुपये का बकाया हो चुका है। उद्योग के अनुसार चीनी के दाम कम होने के कारण ही मिलों को घाटा उठाना पड़ रहा है, जिसकी वजह से मिलें किसानों को भुगतान कर पाने में असमर्थ है। इसके हल के लिए उद्योग ने केंद्र सरकार से 30 से 35 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाने की मांग की थी। उत्तर प्रदेश में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव 2,525 से 2,625 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि महाराष्ट्र 2,275 से 2,350 रुपये प्रति क्विंटल है।
खाद्य मंत्री ने कहा कि चीनी पर आयात शुल्क को 25 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी करने के लिए वित्त मंत्री को पत्र लिखा गया है। केंद्र सरकार चीनी मिलों को रॉ-शुगर के निर्यात पर 4,000 रुपये प्रति टन की दर से इनसेंटिव भी दे रही है लेकिन विश्व बाजार में दाम कम होने के कारण रॉ-शुगर का निर्यात भी सीतिम मात्रा में ही हो रहा है।
उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन में 15 अप्रैल 2015 तक देशभर में 263.56 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि के 231.50 लाख टन से 32.06 लाख टन ज्यादा है। उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन में 270 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है।....आर एस राणा
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