नई विदेष व्यापार नीति से ग्वार गम उद्योग को भारी झटका
ग्वार गम उत्पादों के निर्यात पर मिलने वाले 2 फीसदी इनसेंटिव को किया समाप्त
आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा जारी नई विदेष व्यापारी नीति (एफटीपी) से ग्वार गम उद्योग को भारी झटका लगा है। सरकार ने इस नीति के तहत निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मेक इन इंडिया और व्यापार में आसानी पर जोर देने की बात कही है लेकिन सरकार ने ग्वार गम उत्पादों के निर्यात पर निर्यातकों को दिए जाने वाले 2 फीसदी इनसेंटिव को समाप्त कर दिया है साथ ही ग्वार सीड के निर्यात पर पहली बार निर्यातकों के लिए 3 फीसदी इनसेंटिव देने की घोशणा भी कर दी है। इससे भारतीय ग्वार गम उद्योग को आगामी दिनों में भारी मुष्किलों का सामाना करना पड़ सकता है।
टिकू राम गम एंड केमिकल प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक विपिन अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने ग्वार गम उत्पादों ग्वार गम पाउडर, कोरमा और चूरी के निर्यात पर दिए जाने वाले 2 फीसदी इनसेंटिव को नई विदेष व्यापार नीति 2015-2020 में समाप्त कर दिया है जबकि सीधे ग्वार सीड के निर्यात पर निर्यातकों को 3 फीसदी इनसेंटिव देने की घोशणा की है। ऐसे में सीधे ग्वार सीड का निर्यात षुरू हो जायेगा, तथा घरेलू ग्वार गम उद्योग तालाबंदी के कगार पर पहुंच जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ तो मेक इन इंडिया की बात करती है, और दूसरी तरफ उत्पादों के बजाए सीधे सीड के निर्यात पर इनसेंटिव की घोशणा कर रही है।
हरियाणा ग्वार गम एंड केमिकल के प्रबंधक सुरेंद्र सिंघल ने बताया कि निर्यात मांग कम होने से पहले ही ग्वार सीड और पाउडर की कीमतें नीचे बनी हुई थी सरकार की नई नीति से भाव और घटेंगे। विदेष में ग्वार गम के क्रेसिंग प्लांट नहीं होने के कारण देष से ग्वार सीड का निर्यात होने की संभावना नहीं है। हालांकि सरकार की इस नई नीति का सीधा फायदा पड़ौसी देष पाकिस्तान के निर्यातकों को होगा। उन्होंने बताया कि उत्पादक मंडियों में ग्वार सीड का भाव 3,600-3,700 रूपये और ग्वार गम पाउडर का भाव 8,600-8,700 रूपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
वाणिज्य एंव उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्श 2014-15 के पहले दस महीनों (अप्रैल से जनवरी) के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात मूल्य के हिसाब से 12.44 फीसदी घटकर 8,765.69 करोड़ रूपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्श की समान अवधि में 10,010.97 करोड़ रूपये मूल्य का निर्यात हुआ था।.....आर एस राणा
ग्वार गम उत्पादों के निर्यात पर मिलने वाले 2 फीसदी इनसेंटिव को किया समाप्त
आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा जारी नई विदेष व्यापारी नीति (एफटीपी) से ग्वार गम उद्योग को भारी झटका लगा है। सरकार ने इस नीति के तहत निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मेक इन इंडिया और व्यापार में आसानी पर जोर देने की बात कही है लेकिन सरकार ने ग्वार गम उत्पादों के निर्यात पर निर्यातकों को दिए जाने वाले 2 फीसदी इनसेंटिव को समाप्त कर दिया है साथ ही ग्वार सीड के निर्यात पर पहली बार निर्यातकों के लिए 3 फीसदी इनसेंटिव देने की घोशणा भी कर दी है। इससे भारतीय ग्वार गम उद्योग को आगामी दिनों में भारी मुष्किलों का सामाना करना पड़ सकता है।
टिकू राम गम एंड केमिकल प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक विपिन अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने ग्वार गम उत्पादों ग्वार गम पाउडर, कोरमा और चूरी के निर्यात पर दिए जाने वाले 2 फीसदी इनसेंटिव को नई विदेष व्यापार नीति 2015-2020 में समाप्त कर दिया है जबकि सीधे ग्वार सीड के निर्यात पर निर्यातकों को 3 फीसदी इनसेंटिव देने की घोशणा की है। ऐसे में सीधे ग्वार सीड का निर्यात षुरू हो जायेगा, तथा घरेलू ग्वार गम उद्योग तालाबंदी के कगार पर पहुंच जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ तो मेक इन इंडिया की बात करती है, और दूसरी तरफ उत्पादों के बजाए सीधे सीड के निर्यात पर इनसेंटिव की घोशणा कर रही है।
हरियाणा ग्वार गम एंड केमिकल के प्रबंधक सुरेंद्र सिंघल ने बताया कि निर्यात मांग कम होने से पहले ही ग्वार सीड और पाउडर की कीमतें नीचे बनी हुई थी सरकार की नई नीति से भाव और घटेंगे। विदेष में ग्वार गम के क्रेसिंग प्लांट नहीं होने के कारण देष से ग्वार सीड का निर्यात होने की संभावना नहीं है। हालांकि सरकार की इस नई नीति का सीधा फायदा पड़ौसी देष पाकिस्तान के निर्यातकों को होगा। उन्होंने बताया कि उत्पादक मंडियों में ग्वार सीड का भाव 3,600-3,700 रूपये और ग्वार गम पाउडर का भाव 8,600-8,700 रूपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
वाणिज्य एंव उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्श 2014-15 के पहले दस महीनों (अप्रैल से जनवरी) के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात मूल्य के हिसाब से 12.44 फीसदी घटकर 8,765.69 करोड़ रूपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्श की समान अवधि में 10,010.97 करोड़ रूपये मूल्य का निर्यात हुआ था।.....आर एस राणा
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