25 जुलाई 2013
गन्ने ने दिया शानदार प्रतिफल
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) द्वारा कराए गए अध्ययन के अनुसार 2008-09 से 2010-11 के बीच सभी किसानों के लिए फसलों में गन्ने ने प्रति हेक्टेयर सर्वाधिक सकल प्रतिफल दिया है। इसके बाद कपास और गेहूं से किसानों को अच्छा मुनाफा मिला। इस अध्ययन में सिर्फ उन्हीं फसलों को शामिल किया गया जिनके लिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित करती है और इसमें फलों, सब्जियों, पोल्ट्री आदि को अलग रखा गया। इस अध्ययन को सीएसीपी के अशोक विशनदास और बी लुक्का द्वारा किया गया।
इसमें कहा गया है कि किसानों के लिए गन्ने ने प्रति हेक्टेयर रकबे के लिए 82,800 रुपये का औसतन प्रतिफल दिया जो सभी फसलों में सर्वाधिक है। इस अवधि (2008-09 से 2010-11) के दौरान सबसे खराब प्रदर्शन सूरजमुखी का रहा जिसने किसानों के लिए उत्पादन की लागत से भी कम प्रतिफल दिया। सूरजमुखी ने जो प्रतिफल दिया, वह उसकी उत्पादन लागत की तुलना में लगभग 40 फीसदी कम है।
मात्रा के संदर्भ में कपास किसानों के लिए प्रति हेक्टेयर औसतन प्रतिफल 2008-09 से 2010-11 के बीच लगभग 29,100 रुपये प्रति हेक्टेयर रहा जबकि गेहूं के लिए यह 24,300 रुपये प्रति हेक्टेयर रहा।
सीएसीपी ने कहा है, 'पिछले दशक में भी विश्लेषण में शामिल 22 फसलों में से 8 फसलों ने 100 प्रतिशत या इससे अधिक सकल मुनाफा दिया जबकि अन्य 10 फसलें 50 से 100 प्रतिशत का मुनाफा और सिर्फ तीन फसलें 50 प्रतिशत से कम का मुनाफा दे सकीं।Ó इस अवधि में सबसे खराब प्रदर्शन सूरजमुखी का रहा।
विश्लेषणों में यह भी पता चला है कि राज्यवार हरियाणा, केरल, पंजाब और उत्तराखंड ने किसानों के लिए सर्वाधिक मुनाफा दिया जो 2008-09 से 2010-11 के दौरान सभी फैसलों के लिए 30,000 रुपये प्रति हेक्टेयर से अधिक रहा जबकि आंध्र प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश ने भी किसानों के लिए राष्टï्रीय औसत की तुलना में अधिक मुनाफा दिया। खराब स्थिति झारखंड, असम और छत्तीसगढ़ में देखी गई जहां उत्पादन की अधिक लागत दर्ज की गई। अध्ययन में सिर्फ उन्हीं फसलों को शामिल किया गया जिनके लिए एमएसपी घोषित किया गया है और पूरे कृषि क्षेत्र को इसके दायरे में नहीं लाया गया। (BS Hindi)
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