29 जुलाई 2013
दलहन उत्पादन का फिर बनेगा रिकॉर्ड
इस साल दलहन उत्पादन का नया रिकॉर्ड बन सकता है। इस खरीफ सत्र में दलहनी फसल की बुआई पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 80 फीसदी से अधिक रकबे पर हो चुकी है। जानकारों का कहना है कि यदि अगस्त के अंत तक मौसम अनुकूल रहा तो देश में वर्ष 2013-14 में भी बंपर दलहन पैदावार की आमद हो सकती है। इस बार 2012-13 के 1.845 करोड़ टन की तुलना में अधिक उत्पादन का अनुमान है।
पिछले साल दलहन उत्पादन ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए, क्योंकि असमान बारिश ने किसानों को अपने नुकसान की भरपाई के लिए दलहन की खेती के लिए प्रेरित किया था। इस बार ज्यादा रकबे की वजह है अच्छी बारिश। कृषि विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस खरीफ सत्र में दलहन की बुआई 26 जुलाई तक लगभग 73.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले लगभग 84 फीसदी अधिक है।
खरीफ सत्र में लगभग 1.1 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन बोई जाती है। अधिकारियों ने कहा कि बुआई अगले 15 दिन तक चलने की उम्मीद है। दलहन के रकबे में सबसे अधिक वृद्घि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्टï्र और राजस्थान में हुई है जो कि मुख्य रूप से दलहन उत्पादक क्षेत्र हैं। अन्य फसलों में भी बुआई की रफ्तार मजबूत बनी हुई है, क्योंकि देश के ज्यादातर हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अनुकूल बना हुआ है। अलबत्ता, मध्य प्रदेश में लगातार बारिश की वजह से सोयाबीन की खड़ी फसल को कुछ नुकसान पहुंचने की खबर है।
लगभग 1.963 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में 26 जुलाई तक धान की रोपाई हो चुकी है जो पिछले साल के मुकाबले 6.58 फीसदी अधिक है। पिछले शुक्रवार तक मोटे अनाज की लगभग 1.488 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हुई जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 26.66 फीसदी अधिक है। तिलहन की बुआई 1.672 करोड़ हेक्टेयर में हो चुकी है जो समान अवधि के मुकाबले 21 फीसदी अधिक है।
कपास का रकबा लगभग 1.05 करोड़ हेक्टेयर दर्ज किया गया है जो 8 फीसदी अधिक है। भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 1 जून के बाद से सामान्य से लगभग 16 फीसदी अधिक है। हालांकि आने वाले दिनों में बारिश बेहद अहम होगी क्योंकि इससे बुआई वाली ज्यादातर फसलों को जल्दी पकने में मदद मिलेगी। (BS Hindi)
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