25 जुलाई 2013
प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं पवार
मंत्री का तर्क - निर्यात पर प्रतिबंध से सप्लायर के रूप में देश की छवि बिगड़ेगी
प्याज के आंसू
प्याज के मूल्य में भारी बढ़ोतरी होने से उपभोक्ताओं की मुश्किल
महाराष्ट्र में भारी बारिश से प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई
अप्रैल-जून के दौरान 5.11 लाख टन प्याज का निर्यात
राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात से हो रही सप्लाई
भारी बारिश से सप्लाई में दिक्कत लेकिन जल्दी ही भाव गिरने की उम्मीद
प्याज के मूल्य में भारी बढ़ोतरी होने के बावजूद केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि वह प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है कि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से कृषि उपजों के सप्लायर के रूप में भारत की छवि प्रभावित होगी।
पवार ने बुधवार को यहां सीसीआई द्वारा आयोजित इंडियन डेयरी समिट-2013 के अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में हुई भारी बारिश से प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई है, जिससे कीमतों में तेजी आई है। लेकिन यह मूल्य वृद्धि अस्थाई है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही प्याज की आपूर्ति सुगम हो जाएगी, जिससे कीमतों में गिरावट आएगी। उन्होंने बताया कि उत्पादक राज्यों में मौसम खराब होने से प्याज की फसल के साथ ही आपूर्ति भी प्रभावित हुई है लेकिन जल्दी ही आपूर्ति बढ़ जाएगी, जिससे कीमतें कम होंगी।
दिल्ली में प्याज की कीमतें बढ़कर 35 से 40 रुपये प्रति किलो हो गई हैं जबकि उत्पादक राज्यों में इसके दाम बढ़कर 20 से 25 रुपये प्रति किलो हो गए हैं।
पवार ने कहा कि प्याज या किसी अन्य कृषि उपज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना उचित नहीं है क्योंकि भारत विश्व बाजार में कृषि उपजों के प्रमुख सप्लायरों के रूप में स्थापित हो चुका है। अगर निर्यात पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो भारत की यह छवि प्रभावित हो सकती है।
उन्होंने बताया कि देश का कृषि निर्यात वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान बढ़कर 2.33 लाख करोड़ रुपये का हो गया है जबकि वित्त वर्ष 2011-12 में केवल 1.86 लाख करोड़ रुपये का कृषि निर्यात हुआ था।
सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2013-14 की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) के दौरान देश से 776.47 करोड़ रुपये का 5.11 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ है जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 5.17 लाख टन से थोड़ा कम है।
इस समय राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से प्याज की आवक हो रही है। प्याज की नई फसल की आवक सितंबर-अक्टूबर महीने में बनेगी।
सूत्रों के अनुसार उपभोक्ता मामलात और वाणिज्य मंत्रालय प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है, जिससे मूल्य में कमी हो और उपभोक्ताओं को राहत मिले। उपभोक्ता महंगाई की मार से पहले ही परेशान हैं। (Business Bhaskar)
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