11 जुलाई 2013
सोने के सिक्कों और छड़ों की ब्रिकी रोकी अधिकांश जौहरियों ने
अखिल भारतीय रत्न और आभूषण व्यापार महासंघ (जीजेएफ) ने बुधवार को कहा कि देश भर के 65 प्रतिशत जौहरियों ने सोने के सिक्कों और छड़ों की बिक्री रोक दी है ताकि चालू खाते के घाटे (कैड) को कम करने में सरकार के प्रयासों में मदद की जा सके.
जीजेएफ ने अपने सदस्यों से कहा था कि वे सोने के सिक्कों और छड़ों की ब्रिकी स्वैच्छिक रूप से रोक दें ताकि निवेश मांग घटे और सोने के आयात को नियंत्रित किया जा सके. जीजेएफ के 40,000 से अधिक सदस्य हैं.
जीजेएफ के मुताबिक, 'काफी अच्छी प्रतिक्रिया आई है और 65 प्रतिशत से अधिक जौहरियों ने इसे स्वीकार कर लिया है, जिससे मूल्यवान विदेशी मुद्रा की बचत में देश की मदद की जा सके.' संगठन ने कहा है कि 65 प्रतिशत जौहरियों की बाजार हिस्सेदारी 80 प्रतिशत है.
यह स्वैच्छिक प्रतिबंधित छह महीने या कैड संकट में कमी आने तक रह सकता है. जीजेएफ के चेयरमैन हरेश सोनी ने कहा, 'जौहरी समुदाय संकट के समय देश की मदद करने वाला रहा है. हमें इस स्वैच्छिक कार्रवाई के जरिए मदद कर खुशी है.'
बयान में कहा गया है, 'हालांकि सरकार को विनिर्माण बढ़ाने के लिए बुनियादी कदम उठाने होंगे जिससे मूल्यवर्धित निर्यात बढ़ेगा.' उल्लेखनीय है कि चालू खाते का घाटा पिछले वित्त वर्ष में बढ़कर जीडीपी का 4.8 प्रतशत हो गया और इसे रुपये की विनिमय दर में गिरावट का प्रमुख कारण माना जा रहा है. कैड विदेशी मुद्रा के अंतरप्रवाह और बहिर्प्रवाह का अंतर है. (Aaj Tak)
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