18 जुलाई 2013
विदेशी फलों से होड़ करनी होगी किसानों को : पवार
फलों का आयात घरेलू उत्पादकों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। बुधवार को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय बागवानी सम्मेलन में कृषि वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि शरद पवार ने कहा कि घरेलू फल उत्पादकों को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सप्लाई ढांचे को मजबूत बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि फलों की सप्लाई और स्टोरेज सिस्टम को सुदृढ़ किए जाने की सख्त आवश्यकता है। कोल्ड चैन के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सौमित्र चौधरी की सिफारिशों को लागू करने की आवश्यकता है।
फल उत्पादकों की आय में बढ़ोतरी करने के साथ ही फलों के भंडारण के लिए कोल्ड चेन सिस्टम को और मजबूत बनाने की जरूरत है। इसके अलावा किसानों को फलों की बिक्री के लिए उचित प्लेटफार्म उपलब्ध कराना भी जरूरी है ताकि उत्पादक आयातित फलों से मुकाबला कर सकें।
उन्होंने कहा कि लोगों की बढ़ती आमदनी के साथ ही खान-पान में आ रहे बदलाव से फलों की मांग लगातार बढ़ रही है। 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-2017) में तय की गई कृषि की 4 फीसदी विकास दर को प्राप्त करने के लिए खाद्यान्न के साथ ही बागवानी फसलों का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। युवा पीढ़ी को खेती की तरफ आकर्षित करने के लिए इसे लाभकारी बनाने की आवश्यकता है। इसके लिए किसानों को प्रौद्योगिकियों के साथ ही नए उत्पाद उपलब्ध कराने होंगे।
उन्होंने कहा कि भारत में बागवानी फलों की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता अन्य देशों के मुकाबले कम है इसलिए उत्पादकता बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार से आह्वान किया कि बागवानी फसलों पर जलवायु परिर्वतन के प्रभाव को कम करने के उपायों पर जोर दे। फल एवं सब्जियों के उत्पादन में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है। (Business Bhaskar)
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