20 जुलाई 2013
अब 14 कैरट आभूषण पर दांव
आभूषण के शौकीन लोगों को यदि कम दाम पर आभूषण मिले, तो कौन उसे नहीं लेना चाहेगा। सोने के भाव कम हुए तो रत्न जडि़त आभूषण सस्ते होने की उम्मीद थी, लेकिन डॉलर की मजबूती से रंगीन रत्नों का आयात महंगा हो गया, जिससे आभूषण के दाम में कमी नहीं आ पाई। इससे परेशान जयपुर के आभूषण कारोबारियों ने अब लागत कम करने के लिए डायमंड और कुंदन मीना ज्वैलरी में भी 18 के बजाय 14 कैरट सोने का प्रयोग करना शुरू कर दिया है।'
कालाजी ज्वैलर्स के विवेक काला ने बताया कि अभी तक हीरे के आभूषण 18 कैरट सोने में और कुंदन मीना आभूषण 20 से 22 कैरट सोने में बनाए जा रहे थे, लेकिन अब महंगे होते आभूषण की लागत कम करने के लिए जयपुर के जौहरियों ने 14 कैरट सोने के आभूषण बनाना शुरू कर दिया है। जयपुर के अधिकांश आभूषण कारोबारी 14 कैरट में आभूषण बना रहे हैं। इससे आभूषण की कीमत को काबू में रखने का प्रयास किया गया है, ताकि लोगों का आभूषण का शौक पूरा हो सके।
ज्वैलर्स एसोसिएशन, जयपुर के अध्यक्ष निर्मल बरडिया का कहना है कि 14 कैरट आभूषण को प्रचलन में आने में ज्यादा समय नहीं लगेगा, क्योंकि इससे लागत कीमत में 10 फीसदी तक की कमी लाई जा सकेगी, जो महंगाई के दौर में ग्राहकों को राहत प्रदान करने वाली होगी।
बरडिया ने बताया कि आभूषण में उपयोग होने वाले सोने की शुद्धता में कमी लाना आसान काम नहीं है, क्योंकि ग्राहक एक ही ट्रेंड पर आभूषण की खरीद करते हैं। भारत में 22 कैरट आभूषण ज्यादा प्रचलन में रहे, लेकिन सोने के भाव में बढ़ोतरी के कारण लोगों ने जब 18 कैरट आभूषण को अपना लिया तो उन्हें 14 कैरट आभूषण बनाने के लिए जौहरियों को ज्यादा सोचना नहीं पड़ा। अगर विदेशी खरीदारों की बात करें तो विदेशों में ग्राहक 9 और 14 कैरट स्टैंडर्ड की ज्वैलरी खरीदते हैं, इसलिए वहां आभूषण बेचने में कोई समस्या नहीं है। (BS Hindi)
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