15 सितंबर 2012
अल्यूमीनियम में दीर्घावधि का निवेश देगा लाभ
मांग रहेगी मजबूत
कैलेंडर वर्ष की चौथी तिमाही में अल्युमीनियम की सीजनल मांग बढऩे की है संभावना।
अल्युमीनियम को स्टील के विकल्प के तौर पर भी देखा जा रहा है।
अल्युमीनियम में निवेश के लिए निवेशकों को 115 रुपये के नीचे के स्तर पर सौदों की खरीद करनी चाहिए। क्योंकि लंबी अवधि के दौरान इसमें निवेश फायदेमंद हो सकता है। अभी एक साथ अधिक लॉट के सौदे न करें।
अंतरराष्ट्रीय संकेतों से बेस मेटल्स की कीमतों में वृद्धि दर्ज की जा रही है। इसका असर घरेलू बाजार में अल्यूमीनियम के भावों पर भी देखने को मिल रहा है। हालांकि वैश्विक स्तर पर अल्यूमीनियम के उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्टील के विकल्प के तौर पर अल्यूमीनियम की बढ़ती संभावनाओं के कारण भविष्य में इसकी मांग बढऩे की संभावना है। इसलिए वायदा कारोबार में लंबी अवधि के लिए निवेशक अल्यूमीनियम में खरीद कर मुनाफा कमा सकते हैं।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर पिछले एक माह में अल्यूमीनियम के अक्टूबर वायदा अनुबंध में करीब 10 फीसदी की भारी तेजी दर्ज की गई है। 14 अगस्त को अल्यूमीनियम के अक्टूबर वायदा अनुबंध का भाव 105.75 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया था जो शुक्रवार को 116.05 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया।
इस दौरान अल्यूमीनियम के हाजिर भावों में भी 16 फीसदी की भारी तेजी दर्ज की गई है। 14 अगस्त को घरेलू बाजार में अल्यूमीनियम का हाजिर भाव 101 रुपये प्रति किलो के स्तर पर दर्ज किया गया था जो शुक्रवार को 16 करीब 16 प्रतिशत की तेजी के साथ 117.05 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गया।
कर्वी कॉमट्रेड के मेटल विश्लेषक सुमित मुखर्जी ने बताया कि चालू कलेंडर वर्ष की चौथी तिमाही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अल्यूमीनियम की सीजनल मांग में भारी तेजी की संभावना को देखते हुए इसकी कीमतों में लगातार तेजी जारी रहने के संकेत हैं। उन्होंने बताया कि पिछले महीने यूरोपीय संघ ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए नए नियम बनाए हैं। इससे आगामी दिनों में वाहनों में स्टील के विकल्प के तौर पर अल्यूमीनियम की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। इससे मांग में बढ़ोतरी होने के कारण कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना है।
लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में भी पिछले दस दिन में अल्यूमीनियम के भाव में 277 डॉलर प्रति टन की तेजी दर्ज की गई है। शुक्रवार को एलएमई पर अल्यूमीनियम की तीन माह की खरीद का माह 2177.25 डॉलर प्रति टन दर्ज किया गया। 3 सितंबर को एलएमई पर इसका भाव 1900.75 डॉलर प्रति टन दर्ज किया गया था।
विश्लेषकों के मुताबिक साल की अंतिम तिमाही में अल्यूमीनियम की सीजनल मांग की वजह से कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना है। इस कारण निवेशकों के लिए एमसीएक्स पर लंबी अवधि के सौदों में निवेश फायदेमंद होगा।
इंडियाबुल्स कमोडिटीज लिमिटेड के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च-कमोडिटीज) बदरुद्दीन का कहना है कि पिछले सप्ताह जर्मन कांस्टीट्यूशनल कोर्ट और फैडरल ओपन मार्केट कमेटी की पॉलिसी के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में अल्यूमीनियम के सौदे ऊंचे भावों पर किए गए।
वैश्विक वित्तीय बाजारों के लिए पॉलिसी सकारात्मक होने की वजह से बेस मेटल्स की कीमतों में तेजी दर्ज की जा रही है। इसका असर घरेलू बाजार में भी बेस मेटल्स पर दर्ज किया जा रहा है। इसलिए अल्यूमीनियम के भाव में तेजी आई है।
उन्होंने बताया कि आगामी कुछ समय के लिए बेस मेटल्स की कीमतों में सकारात्मक रुख रहने के संकेत मिल रहे हैं।
विश्व की अनेक मिश्रित अर्थव्यवस्थाओं की ओर से स्टील की मांग में बढ़ोतरी और जिंक के सबसे बड़े सप्लायर चीन द्वारा उत्पादन में कटौती के प्रभाव से बेस मेटल्स की कीमतों में मजबूती रहने की संभावना है। इसका असर अल्यूमीनियम की कीमतों पर भी लगातार देखने को मिल सकेगा। मांग में बढ़ोतरी के संकेतों से अन्य बेस मेटल्स के साथ अल्यूमीनियम की कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना है।
विश्लेषकों के मुताबिक फिलहाल अल्यूमीनियम में निवेश के लिए निवेशकों को 115 रुपये के नीचे के स्तर पर सौदों की खरीद करनी चाहिए। क्योंकि लंबी अवधि के दौरान अल्यूमीनियम में निवेश बेहद फायदेमंद हो सकता है।
बेस मेटल्स की कीमतों में भारी तेजी की संभावना को देखते हुए भी अल्यूमीनियम में निवेश फायदेमंद होगा। हालांकि, निवेशकों को अल्यूमीनियम में स्केलिंग के आधार पर निवेश करना चाहिए। यानि एक साथ अधिक लॉट्स में सौदे नहीं करने चाहिए। क्योंकि अल्यूमीनियम के उत्पादन में बढ़ोतरी के संकेतों से बाजार अस्थिर भी हो सकता है।
(Business Bhaskar)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें