15 सितंबर 2012
सोने में चांदी से ज्यादा रिटर्न
वैश्विक अर्थव्यवस्था की धड़कन के साथ घटने-बढऩे वाले सोने की चमक चांदी से बेहतर रहने की संभावना दिखाई दे रही है। चांदी ने पिछले साल जोरदार रफ्तार से हर किसी को विस्मित कर दिया था लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था के मौजूदा हालात के चलते सोने में चांदी से ज्यादा तेजी की गुंजाइश है।
विश्लेषकों का मानना है कि जब तक वैश्विक अर्थव्यवस्था डांवाडोल रहेगी, तब तक निवेशकों का रुझान सुरक्षित निवेश के लिए सोने की ओर रहेगा और इसमें तेजी आती रहेगी।
शेअरखान कमोडिटीज के रिसर्च प्रमुख गौरव दुआ का कहना है कि चांदी के मुकाबले सोने में रिटर्न की बेहतर संभावनाएं होने की कई वजहें हैं। निवेशकों की पहली पसंद होने की मुख्य वजह सोने की कीमत ज्यादा होना ही है। एक लाख रुपये निवेश करने के लिए सिर्फ तीस ग्राम सोना खरीदना होगा जबकि चांदी करीब डेढ़ किलो खरीदनी होगी। मात्रा और वजन कम होने की वजह से सोने का लेनदेन और परिवहन काफी आसान है।
दुआ का कहना है कि अमेरिका और यूरोप की आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर बनी हुई है। ऐसे में निवेशकों का भरोसा करेंसी, इक्विटी, बांड और कमोडिटीज में कम हो रहा है। जोखिम से बचते हुए निवेश के लिए सोने के बेहतर कोई अन्य चीज नहीं है। यही वजह से सोने में तेजी आ रही है। सोने का पूरी दुनिया में किसी भी देश की करेंसी से कहीं ज्यादा भरोसेमंद अल्टीमेट एसेट के तौर पर देखा जाता है। जब तक दुनिया की अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं आएगी, तब तक सोने में बढ़ोतरी का रुख बना रहेगा।
दूसरी ओर चांदी की बात करें, तो इसमें सोने जैसी खूबी नहीं है। इस वजह से चांदी में सोने से बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना नहीं है। चांदी का औद्योगिक इस्तेमाल काफी ज्यादा होता है। चूंकि दुनिया में चांदी की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में हो रही है जबकि इसकी औद्योगिक खपत अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर निर्भर करती है।
अगर अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी है तो चांदी की औद्योगिक खपत सीमित ही रहेगी। कीमती धातुओं सोने और चांदी के बीच अनुपात इसके रिटर्न की रफ्तार को दर्शाता है। इस समय अंतरराष्ट्रीय मूल्य पर देखा जाए तो यह अनुपान करीब 52 का है।
इसका आशय है कि अंतरराष्ट्रीय कीमत पर एक औंस सोना 1778 डॉलर में मिलेगा, जबकि इस कीमत में 52 औंस चांदी (34 डॉलर प्रति औंस की कीमत पर) खरीदी जा सकती है। पिछले साल सितंबर में यह अनुपात 45 पर था। इसका अनुपात 52 पर पहुंचने का आशय है कि चांदी के मुकाबले सोने की कीमत में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। विश्लेषकों का अनुमान है कि यह अनुपात और बढ़ेगा क्योंकि सोने की कीमत और बढ़ सकती है।
(Business Bhaskar)
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