20 सितंबर 2012
खुले बाजार में और गेहूं उतारने का सुझाव
गेहूं की ऊंची कीमतों से चिंतित महंगाई पर अंतर-मंत्रालय समूह ने सरकार को हर महीने खुले बाजार में 20-25 लाख टन गेहूं उतारने का सुझाव दिया है। समिति का कहना है कि इससे कीमतें घटेंगी और अगले महीने शुरू होने वाली नई फसल की खरीद के लिए जगह बनेगी। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि पिछले हफ्ते मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन की अध्यक्षता में हुई बैठक में गेहूं, सब्जियां, खाद्य तेल, प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ, चीनी व दालों आदि की महंगाई कम करने के लिए विभिन्न मुद्दों पर विचार हुआ। समूह के सदस्यों के बीच इस बात पर आमसहमति थी कि खुले बाजार की योजना (ओएमएसएस) के तहत घरेलू बाजार में बिक्री के लिए गेहूं के ज्यादा आवंटन से बाजार में कीमतें घटेंगी।
ओएमएसएस के तहत भारतीय खाद्य निगम थोक खरीदारों मसलन आटा मिलों व बिस्कुट निर्माताओं को निविदा के जरिए गेहूं की बिक्री करता है। सूत्रों ने कहा, कैरीओवर विकल्प के साथ हर महीने 20-25 लाख टन गेहूं के आवंटन को समूह ने उचित माना है। समिति ने सुझाव दिया है कि ओएमएसएस के तहत आवंटित गेहूं की मात्रा का अग्रिम संकेत दिया जाना चाहिए। खाद्य मंत्रालय ने इस साल अब तक 30 लाख टन गेहूं आवंटित किया है। मंगलवार को खाद्य मंत्री के वी थॉमस ने कहा था कि सरकार इस योजना के तहत 50 लाख टन और गेहूं आवंटित करने पर विचार कर रही है। इस योजना के तहत सरकार की तरफ से गेहूं जारी करने से कीमतों पर बढ़ोतरी को रोकने में मदद मिली है, जो थोक बाजार में फिलहाल 15.50-22 रुपये प्रति किलोग्राम है जबकि एक महीने पहले यह 16.25-23 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
भंडार में 8 करोड़ टन खाद्यान
रिकॉर्ड उत्पादन तथा अनाज की खरीद से देश में खाद्यान का भंडार 1 जुलाई को 8.05 करोड़ टन के स्तर पर पहुंच गया है। यह बफर स्टॉक सीमा से करीब दो गुना ज्यादा है। नई दिल्ली में जारी सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, 'केंद्रीय भंडार में खाद्यान का रिकॉर्ड भंडार है। 1 जुलाई 2012 की स्थिति के अनुसार देश में 8.05 करोड़ टन खाद्यान का भंडार है जबकि बफर सीमा 3.19 करोड़ टन है।' गेहूं का वास्तविक भंडार 4.98 करोड़ टन है जबकि न्यूनतम बफर सीमा 2.01 करोड़ टन है। (BS Hindi)
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