05 सितंबर 2012
गेहूं का खरीद मूल्य नहीं बढ़ाने की सिफारिश
गेहूं का एमएसपी 1,285 रुपये प्रति क्विंटल पर अपरिवर्तित रखा जाए : सीएसीपी
सीएसीपी के तर्क
गेहूं का विशाल भंडार होने के कारण एमएसपी बढ़ाना जरूरी नहीं
एमएसपी बढ़ाया तो सरकार पर खाद्य सब्सिडी का बोझ बढ़ेगा
तिलहन व दलहन की फसलों का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत
इससे इन जिंसों की सप्लाई सुधरने से महंगाई पर अंकुश लगेगा
अगर गेहूं का निर्यात रोका जाए तो एमएसपी 10 फीसदी बढ़े
इन फसलों का ज्यादा एमएसपी - गेहूं को छोड़कर बाकी सभी फसलों जौ, चना, मसूर, सरसों व सूरजमुखी का एमएसपी बढ़ाने की सिफारिश की गई है। सीएसीपी ने तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरसों का एमएसपी 500 रुपये बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति क्विंटल तय करने की सिफारिश की है।
देश में अनाज का रिकॉर्ड भंडार देखते हुए और गैर अनाज फसलों को बढ़ावा देने के लिए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने अगले साल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी न करने का सुझाव दिया है। इस साल सरकार ने गेहूं का एमएसपी बढ़ाकर 1285 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था।
गेहूं की सरकारी खरीद का नया सीजन अगले अप्रैल में शुरू होगा। मौजूदा मार्केटिंग सीजन 2012-13 (अप्रैल-मार्च) के लिए एमएसपी 1285 रुपये प्रति क्विंटल पर तय किया गया था और गेहूं की पैदावार रिकॉर्ड स्तर पर 939 लाख टन तक पहुंच गई। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि प्रमुख कृषि उपजों के लिए मूल्य नीति पर सरकार को सलाह देने वाले सीएसीपी ने कहा है कि अगले साल गेहूं का खरीद मूल्य बढ़ाया नहीं जाना चाहिए। अगले साल सरकारी खरीद मूल्य 1285 रुपये प्रति क्विंटल ही रखना चाहिए।
सीएसीपी का कहना है कि देश में गेहूं का विशाल भंडार मौजूद है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों में इस समय 460 लाख टन गेहूं उपलब्ध है। एमएसपी में बढ़ोतरी से सरकार पर खाद्य सब्सिडी का बोझ बढ़ेगा। सीएसीपी का यह भी तक है कि गैर अनाज फसलों की पैदावार बढ़ाने की जरूरत है। इससे सप्लाई सुधरेगी और महंगाई पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
सीएसीपी ने कहा है कि अगर सरकार गेहूं के निर्यात पर रोक लगाती है, तभी उसे एमएसपी में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी करनी चाहिए। सरकार ने चार साल के प्रतिबंध के बाद सितंबर 2011 में गेहूं निर्यात की अनुमति दी थी। तब से करीब 15 लाख टन गेहूं का निर्यात हो चुका है। रबी सीजन की प्रमुख अनाज फसल गेहूं की बुवाई आमतौर पर अक्टूबर में शुरू होती है लेकिन सरकार इससे पहले एमएसपी की घोषणा कर देती है ताकि किसान फसल बोने के बारे में फैसला कर सकें।
सीएसीपी ने रबी सीजन की छह फसलों के एमएसपी के बारे में अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी हैं। गेहूं को छोड़कर बाकी सभी फसलों जैसे जौ, चना, मसूर, सरसों व सूरजमुखी का एमएसपी बढ़ाने की सिफारिश की गई है। सीएसीपी ने तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरसों का एमएसपी 500 रुपये बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति क्विंटल तय करने की सिफारिश की है। सीएसीपी की सिफारिशों पर फैसला केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में होगा। (Business Bahskar)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें