04 सितंबर 2012
एक्सचेंज किसानों और हेजर्स पर ज्यादा ध्यान दें : एफएमसी
वायदा बाजार में मजबूती और तरलता के लिए जिंस एक्सचेंजों में किसानों और हेजर्स की भागीदारी बढ़ाने को नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने जिंस एक्सचेंजों को तीन-चौथाई जागरूकता कार्यक्रम केवल किसानों और हेजर्स के लिए रखने का निर्देश दिया है। ये वे कार्यक्रम हैं, जिनके लिए धन नियामक द्वारा दिया जाता है। इसके अलावा इन एक्सचेंजों द्वारा खुद भी जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
हालांकि देशभर में 9 साल पुराने ऑनलाइन जिंस वायदा सेगमेंट में मात्रा के लिहाज से कई गुना बढ़ोतरी हुई है, लेकिन उन विभिन्न जिंसों, विशेष रूप से कृषि जिंसों में किसानों और वास्तविक हेजर्स की भागीदारी नहीं दिखाई देती है जिनका वायदा एक्सचेंजों में कारोबार होता है। इस बाजार में बहुत कम जिंस हेजर्स की दिलचस्पी है, जबकि किसान को बिल्कुल ही गायब हैं। वहीं, तथ्य यह है कि 2003 में इस बाजार को किसानों के लिए यह सुनिश्चित करने को खोला गया था कि इससे उन्हें अपनी उपज की ऊंची कीमत मिलेगी और वे बुआई सीजन की शुरुआत में ही फसल से संबंधित जोखिम की हेजिंग कर सकेंगे।
इस सप्ताह के प्रारंभ में एफएमसी ने सभी जिंस एक्सचेंजों- एमसीएक्स, एसीडीईएक्स, एनएमसीई, एसीई और आईसीईएक्स को एक परिपत्र भेजा था। इसमें जिंस वायदा के फायदों के बारे में किसानों, हेजर्स, ब्रोकर्स और निवेशकों में जागरूकता लाने के लिए 300 से ज्यादा कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया था। साथ ही यह भी कहा गया कि प्रत्येक 4 में से 3 कार्यक्रमों का आयोजन किसानों और हेजर्स को लक्षित करके किया जाना चाहिए, जिससे उन्हें वायदा के बारे में जागरूक किया जा सके।
इन कार्यक्रमों पर होने वाला आधा खर्च एफएमसी द्वारा वहन किया जाएगा। एनसीडीईएक्स को मुख्य रूप कृषि जिंस वायदा कारोबार के लिए जाना जाता है। इसे सबसे अधिक 125 कार्यक्रमों के आयोजन के लिए कहा गया है। जबकि 85 फीसदी बाजार हिस्सेदारी और धातुओं व ऊर्जा पर केंद्रित एमसीएक्स को 115 कार्यक्रमों के आयोजन के लिए कहा गया है।
एफएमसी ने सभी एक्सचेंजों से एक एग्रीगेटर (संग्राहक) भी रखने को कहा है, जो किसानों या हेजर्स की हेजिंग पॉजिशंस को एग्रीगेट करेगा और इसे एक्सचेंज पर हेज करेगा। इसके लिए एक्सचेंजों द्वारा विभिन्न सहकारी समितियों और राज्य विपणन संघों से संपर्क साधा जा रहा है। (BS Hindi)
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