03 सितंबर 2012
कम बारिश से हरियाणा में घटा कपास व धान का रकबा
जुलाई में कम बारिश के चलते हरियाणा में खरीफ की दो प्रमुख फसलों कपास व धान के रकबे पर असर पड़ा है और यह पिछले साल के मुकाबले घटा है। राज्य में धान का रकबा 14 फीसदी घटा है जबकि कपास का रकबा 13 फीसदी कम है।
चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक (शोध) आर पी नोरवाल ने कहा - रकबा घटने का असर खरीफ फसलों के उत्पादन पर भी पड़ेगा। राज्य कृषि विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि हरियाणा में धान का रकबा 10.62 लाख हेक्टेयर रहा है जबकि पिछले साल यह 12.35 लाख हेक्टेयर रहा था। रकबे में कमी के चलते इसके उत्पादन पर असर पड़ सकता है।
इसी तरह हरियाणा में कपास का रकबा 5.25 लाख हेक्टेयर रहा है जबकि पिछले साल 6.03 लाख हेक्टेयर में कपास की बुआई हुई थी। अगस्त के दौरान बारिश में सुधार से हालांकि किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौटी है। इस साल हरियाणा में ग्वार का रकबा 3 लाख हेक्टेयर को पार कर गया है जो पिछले साल 2.15 लाख हेक्टेयर रहा था। ग्वार के कारोबारियों का कहना है कि अगस्त में हुई बारिश से ग्वार के रकबे में बढ़ोतरी हुई है और यह 3.41 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जबकि पिछले साल 2.15 लाख हेक्टेयर में ग्वार की बुआई हुई थी। इसी तरह बाजरे का रकबा इस साल 6 लाख हेक्टेयर को पार कर गया है। इस साल बाजरे का रकबा 6.10 लाख हेक्टेयर रहा है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 5.77 लाख हेक्टेयर में बाजरे की बुआई हुई थी। हालांकि वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अब हो रही ज्यादा बारिश का असर खरीफ पर पड़ सकता है क्योंकि आने वाले दिनों में इसका जारी रहना खरीफ फसल के लिए खतरनाक हो सकता है। (BS Hindi)
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