मुंबई May 24, 2011
कृषि मंत्रालय ने राज्यों को सुझाव दिया है कि वे उर्वरक कंपनियों के साथ सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी)मॉडल के तहत मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने में अपनी कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) को भी शामिल करें। उर्वरकों के सर्वोत्तम उपयोग पर नंद कुमार समिति की रिपोर्ट में की गई सिफारिशों के आधार पर मंत्रालय ने स्थान विशेष मृदा परीक्षण कार्यक्रम (एसएसएसपी) के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी का सुझाव दिया है। एसएसएसपी, साइट स्पेसिाफिक न्यूट्रिएंट मैनेजमेंंट (एसएसएनएम) के तहत उïर्वरकों के उपयोग से भूमि की उपज को बढ़ाने के लिए मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया उपक्रम है। एसएसएनपी का मकसद उर्वरकों के उपयोग की सलाह देने से पहले मिट्टïी के नमूनों की जांच करना है। अधिकारियों ने कहा कि 50 फीसदी से अधिक एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम) की खपत वाले जिलों में सबसे पहले एसएसएसएम परियोजना शुरू की जाएगी। इसके बाद इस परियोजना में उन जिलों को शामिल किया जाएगा जहां मृदा में उर्वरकता की कमी है।गुजरात सरकार पहले ही मृदा परीक्षण प्रयोगशाला और किसानों को सहयोग देने के लिए एपीएमसी को परियोजना में शामिल कर रही है। इसी तरह हरियाणा ने 30 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं के साथ ही एक मोबाइल मृदा परीक्षण प्रयोगशाला सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत स्थापित की है। तमिलनाडु सरकार ने कृषि चिकित्सालय के साथ ही मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने की एक अनोखी योजना तैयार की है। इनका परिचालन बेरोजगार युवाओं द्वारा किया जाएगा, जिन्हें इनकी स्थापना के लिए बैंक लोन और सरकारी सब्सिडी मुहैया कराई जाएगी। तमिलनाडु सरकार ने एक विशेष किट बनाया है, जिसमें यूरिया, फार्म कंपोस्ट, और तकनीकी पुस्तिकाएं होंगी, जिन्हें किसानों में वितरित किया जाएगा। सरकार को सौंपी अपनी योजना में राज्य ने भूमि के अनुकूल बीजों के वितरण में 25 फीसदी सब्सिडी देने का प्रस्ताव रखा है। हर साल इन बीजों का करीब 250 टन वितरण होता है। सरकार वर्मी कंपोस्ट इकाइयों और शहरी कंपोस्ट इकाइयों की स्थापना पर 50 फीसदी सब्सिडी मुहैया करा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उर्वरकों की खपत के साथ ही कृषि उपज और उर्वरकों के बीच नकारात्मक उर्वरता संतुलन बढ़ रहा है। 1970 में पैदा होने वाली उपज के स्तर को बनाए रखने के लिए अब चार गुना अधिक 218 किलो प्रति हेक्टेयर उर्वरकों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। (BS Hindi)
25 मई 2011
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