मुंबई May 09, 2011
साल 2007 के बाद पहली बार नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव एक्सचेंज ने सभी वर्गों में लेन-देन शुल्क (ट्रांजेक्शन चार्ज) में कटौती की है और इसके ढांचे में भी संशोधन किया है। हालांकि इस दौरान अदालती हस्तक्षेप की बात भी हुई थी।समझा जाता है कि एक्सचेंज ने यह कदम कारोबार में बढ़ोतरी (खास तौर से गैर-कृषि क्षेत्र में) की खातिर किया है। साथ ही खुदरा व दूसरे ग्राहकों की पहुंच जिंस बाजारों तक आसान बनाने के लिए भी यह कदम उठाया है। एनसीडीईएक्स ने लेनदेन शुल्क 4 रुपये प्रति लाख से घटाकर 2 रुपये प्रति लाख कर दिया है जबकि बड़े निवेशक के लिए 1 रुपये से घटाकर 50 पैसे। एक्सचेंज के अधिकारियों ने कहा कि इससे एक्सचेंज पर कारोबार बढ़ेगा और इसका लक्ष्य खुदरा कारोबारियों को भी इससे जोडऩा है।साल 2007 में जारी सर्कुलर के मुताबिक, सदस्यों को 20 लाख रुपये तक रोजाना औसत कारोबार पर 4 रुपये प्रति लाख के हिसाब से शुल्क चुकाना पड़ता था। 20 करोड़ से 50 करोड़ रुपये के कारोबार पर सदस्यों को प्रति लाख 3 रुपये चुकाना होता था जबकि 50 करोड़ रुपये से 125 करोड़ रुपये रोजाना औसत कारोबार पर 2 रुपये प्रति लाख। इसके अलावा रोजाना औसत कारोबार अगर 125 करोड़ रुपये से ज्यादा होता था तब सदस्यों को 1 रुपये प्रति लाख के हिसाब से शुल्क देना पड़ता था।संशोधित ढांचे के मुताबिक अब सदस्यों को 100 करोड़ रुपये के रोजाना औसत कारोबार के लिए 2 रुपये प्रति लाख और 100-200 करोड़ रुपये के रोजाना औसत कारोबार पर 1 रुपये प्रति लाख के हिसाब से शुल्क चुकाना होगा। इसके अलावा अगर रोजाना औसत कारोबार 200 करोड़ रुपये से ज्यादा हो तो सदस्यों को 50 पैसे प्रति लाख के हिसाब से शुल्क देना होगा।शुल्क के ढांचे में संशोधन की प्रक्रिया में एक्सचेंज ने चार स्तर वाले ढांचे को घटाकर तीन कर दिया है और प्रति लाख पर न्यूनतम 50 पैसे शुल्क की वसूली 200 करोड़ रुपये के रोजाना औसत कारोबार पर होगी जबकि पहले 125 करोड़ रुपये पर ऐसा शुल्क वसूला जाता था। 2 रुपये प्रति लाख की वसूली पहले 20 करोड़ रुपये पर होती थी, जिसे अब पांच गुना बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया गया है।सदस्यों के रोजाना औसत कारोबार का आकलन पूरे महीने हुए कारोबार में कारोबारी सत्र (शनिवार समेत) से भाग देकर किया जाता है। नियम के मुताबिक हर सदस्य को रोजाना औसत कारोबार के शुल्क के तौर पर सालाना 50,000 रुपये देने होते हैं, जो सदस्यों द्वारा किसी खास वर्ष में किए गए कारोबार के शुल्क से समायोजित कर दिए जाते हैं और असमायोजित राशि अगले साल ले जायी जाती है।इससे पहले साल 2009 में एनसीडीईएक्स ने सुबह 10 बजे से 5 बजे तक किए जाने वाले सभी जिंसों के कारोबार के लिए 3 रुपये प्रति लाख के हिसाब से एकसमान शुल्क वसूलने का फैसला किया था। इसके अलावा शाम 5 बजे से रात 11 बजे के सत्र के लिए प्रति लाख 2 रुपये का शुल्क वसूलने का फैसला हुआ था। हालांकि एफएमसी ने तब शाम के सत्र में प्रति लाख 5 पैसे शुल्क वसूलने की पेशकश को नामंजूर कर दिया था। एफएमसी ने कहा था कि यह नियमों का उल्लंघन है और बाजार के हित में नहीं है। एफएमसी के दिशानिर्देशों के मुताबिक, जिंस एक्सचेंज प्रति लाख के कारोबार पर अधिकतम 4 रुपये और न्यूनतम 1 रुपये का शुल्क वसूल सकते हैं। (BS Hindi)
11 मई 2011
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