नई दिल्ली May 01, 2011
खाद्य व जन वितरण पर मोंटेक सिंह अहलूवालिया की अध्यक्षता वाला कार्य समूह जन वितरण प्रणाली के तहत पूरे परिवार के बजाय हर पात्र व्यक्ति विशेष को खाद्यान्न का वितरण करने की सिफारिश कर सकता है। मौजूदा समय में पीडीएस के तहत सब्सिडी वाले अनाज का वितरण गरीबी रेखा से नीचे व ऊपर रहने वाले परिवारों को किया जाता है, चाहे उस परिवार में सदस्यों की संख्या कितनी भी हो। विशेषज्ञों को लगता है कि इस वजह से आïबंटन में गड़बड़ी होती है क्योंकि अलग-अलग परिवार में सदस्यों की संख्या अलग-अलग होती है।अगर नया प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है तो अनाज का वितरण व्यक्ति विशेष के आधार पर होगा, न कि चिह्नित किए गए परिवारों के आधार पर। कार्य समूह की रिपोर्ट के मसौदे के मुताबिक, प्रति व्यक्ति के हिसाब से अनाज का वितरण प्रगतिशील कदम होगा क्योंकि नैशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) के आंकड़ों से पता चलता है कि कम आय वाले परिवारों में सदस्यों की संख्या उच्च आय वाले परिवारों के मुकाबले ज्यादा होती है। इसमें यह भी कहा गया है कि प्रति व्यक्ति के हिसाब से अनाज का वितरण होने से राज्यों को इसके लाभ का विस्तार वास्तविक स्थिति के हिसाब से करने में मदद मिलेगी।पिछले साल अप्रैल में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संपन्न बैठक के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कृषि, खाद्य व जन वितरण और उपभोक्ता मामलों पर तीन कार्य समूह का गठन किया था। इस बैठक का आयोजन खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों और खाद्य महंगाई में कमी लाने के लिए ठोस कदम उठाने की खातिर विचार-विमर्श करने के लिए हुआ था।कृषि पर गठित कार्य समूह की अगुआई हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कर रहे हैं, वहीं उपभोक्ता मामले पर गठित कार्यसमूह की अध्यक्षता गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी। तीसरा कार्यसमूह अहलूवालिया की अध्यक्षता में गठित हुआ था। इस कार्यसमूह को पीडीएस में सुधार, भंडारण और नुकसान को कम से कम करने के लिए उपाय सुझाने का काम सौंपा गया है। अधिकारियों ने कहा कि अहलूवालिया की अध्यक्षता वाला कार्यसमूह गैर-पीडीएस सामानों की बिक्री राशन दुकानों के जरिए करने और उचित मूल्य की दुकानों का आवंटन संस्थाओं व समूहों को करने की सिफारिश कर सकता है। इसके अलावा कार्यसमूह इसकी उचित निगरानी और उचित मूल्य की दुकानों पर नियंत्रण की भी सिफारिशें कर सकता है। अधिकारियों ने कहा कि अहलूवालिया की अगुआई वाला पैनल पीडीएस के तहत वितरित किए जाने वाले अनाज के वितरण व परिवहन की निगरानी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कंप्यूटराइज्ड सिस्टम की वकालत कर सकता है। यह समूह अनाज का वितरण नेक्स्ट-जेन स्मार्ट कार्ड के जरिए करने की सिफारिश कर सकता है ताकि सब्सिडी की रकम सीधे लाभार्थियों को करने का रास्ता साफ हो सके। यह समूह नंदन नीलेकणी की अध्यक्षता वाले टास्क फोर्स को अनाज व खाद्यान्न सब्सिडी के प्रभावी वितरण के लिए सुझाव दे सकता है। (BS Hindi)
03 मई 2011
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