रिटेल सेक्टर में एफडीआई आने से महंगाई घटेगी और ग्राहकों को कम कीमत में सामान मिलेंगे.
बढ़ती मुद्रास्फीति से चिंतित अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) ने महंगाई पर नियंत्रण के लिये बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश को मंजूरी देने तथा कृषि विपणन कानून में बदलाव का सुझाव दिया है.नई दिल्ली में शुक्रवार को मुख्य आर्थिक सलाहकार तथा आईएमजी के चेयरमैन कौशिक बसु ने कहा, 'हम बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में स्पष्ट रूख अपना रहे हैं. यह सिफारिश है न कि नीति.'कौशिक बसु की अगुवाई वाले इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप ने रिटेल सेक्टर में विदेशी निवेश की जोरदार सिफारिश की है.कमेटी का मानना है कि रिटेल सेक्टर में एफडीआई आने से प्रतियोगिता बढ़ेगी. इसके अलावा कमेटी का कहना है कि रिटेल सेक्टर में एफडीआई आने से देश के छोटे सप्लायर्स विदेशी कंपनियों तक पहुंच पाएंगे. साथ ही, रिटेल सेक्टर के लिए रेगुलेटर भी बनने की सिफारिश की गई है.कौशिक बसु ने महंगाई पर लगाम के लिए कृषि उत्पादों के लिए बने एपीएमसी एक्ट में बदलाव की सिफारिश की है. महंगाई को देखते हुए एपीएमसी एक्ट में बदलाव करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अंतर मंत्रालयी समूह एक आदर्श कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) कानून तैयार किये जाने के पक्ष में है. इसे राज्य भी स्थानीय स्तर पर आपूर्ति संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिये अपना सकते हैं. बसु ने कहा, 'खेत-खलिहान एवं उपभोक्ता मूल्य में अंतर को कम करने के लिये एपीएमसी कानून को संशोधित करने की जरूरत है. हमें ऐसे एक ऐसे नये कानून की जरूरत है जिसे राज्य अपना सकें.' उच्च मुद्रास्फीति से चिंतित सरकार ने जनवरी महीने में बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने के बारे में सुझाव देने के लिये अंतर-मंत्रालयी समूह का गठन किया था. अप्रैल महीने में सकल मुद्रास्फीति 8.66 प्रतिशत रही जो 5-6 प्रतिशत के सामान्य स्तर से कहीं अधिक है. खाद्य मुद्रास्फीति 14 मई को समाप्त सप्ताह में 8.55 प्रतिशत रही. सरकार के साथ साथ रिजर्व बैंक ने भी महंगाई को काबू में करने के लिये कई कदम उठाये हैं लेकिन इसके बावजदू यह उच्च स्तर पर बनी हुई है.बसु ने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक दोनों बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने के लिये साथ मिलकर काम कर रहे हैं. (Samay Live)
28 मई 2011
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