11 मई 2011
मैंथा तेल का उत्पादन 20फीसदी तक बढऩे की संभावना
निर्यात बाजार निर्यातक 30 डॉलर प्रति किलो का भाव बोल रहे हैं लेकिन इन भावों में नए निर्यात सौदे नहीं हो रहे हैं। चालू वित्त वर्ष 2010-11 के पहले 11 महीनों के दौरान मेंथा उत्पादों के निर्यात में 8 फीसदी की गिरावट आई है।उत्पादक मंडी उत्पादक मंडियों संभल, चंदौसी और बाराबंकी में मेंथा तेल की दैनिक आवक 200-250 ड्रम (एक ड्रम-180 किलो) की हो रही है। आवक के मुकाबले मांग कम होने से मेंथा तेल की कीमतें घटकर 1,120-1,125 रुपये प्रति किलो रह गई। पैदावार में बढ़ोतरी और निर्यात मांग कमजोर होने से मेंथा तेल की कीमतों में करीब आठ से दस फीसदी की गिरावट आने की संभावना है। चालू महीने के आखिर तक उत्पादक मंडियों में आवक का दबाव बनने पर मेंथा तेल की कीमतों में 100 से 125 रुपये प्रति किलो की गिरावट आने का अनुमान है। चालू सीजन में बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी और अनुकूल मौसम से पैदावार में करीब 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस समय निर्यातक 30 डॉलर प्रति किलो का भाव बोल रहे हैं लेकिन इन भावों में नए निर्यात सौदे नहीं हो रहे हैं। एसेंशियल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष योगेश दुबे ने बताया कि मेंथा तेल में निर्यातकों के साथ ही घरेलू फार्मा कंपनियों की मांग पहले की तुलना में कम हो गई है। इसीलिए पिछले सप्ताह भर में इसकी कीमतों में करीब 50 रुपये प्रति किलो की गिरावट आ चुकी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रिस्टल बोल्ड का भाव 30 डॉलर प्रति किलो है लेकिन इन भावों में नए निर्यात सौदे नहीं हो रहे हैं। अमेरिका, यूरोप और खाड़ी देशों के आयातक नई फसल को देखते हुए इंतजार करो और देखों की नीति अपना रहे हैं। उत्तर प्रदेश मेंथा उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष फूल प्रकाश ने बताया कि उत्पादक मंडियों में छिटपुट आवक शुरू हो गई है। मौसम अनुकूल रहा तो चालू महीने के आखिर तक आवक का दबाव बन जाएगा। चालू सीजन में अभी तक के मौसम और बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोत्तरी को देखते हुए मेंथा की पैदावार पिछले साल के मुकाबले 15 से 20 फीसदी बढऩे की संभावना है। इसीलिए भविष्य मंदे का ही है। पिछले सीजन में देश में मेंथा तेल का 27 से 28 हजार टन का उत्पादन हुआ था। जबकि उत्पादक मंडियों में इस समय बकाया करीब 10 से 12 फीसदी स्टॉक बचा हुआ है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2010-11 के पहले 11 महीनों (अप्रैल से फरवरी) के दौरान मेंथा उत्पादों के निर्यात में 8 फीसदी की गिरावट आई है। इस दौरान निर्यात घटकर 16,250 टन का ही हुआ है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में 17,725 टन का निर्यात हुआ था। चंदौसी मंडी स्थित ग्लोरिस केमिकल के डायरेक्टर अनुराग रस्तोगी ने बताया कि उत्पादक मंडियों संभल, चंदौसी और बाराबंकी में मेंथा तेल की दैनिक आवक 200-250 ड्रम (एक ड्रम-180 किलो) की हो रही है। आवक के मुकाबले मांग कम होने से मेंथा तेल की कीमतें घटकर 1,120-1,125 रुपये प्रति किलो रह गई। क्रिस्टल बोल्ड के दाम घटकर 1,300 से 1,325 रुपये प्रति किलो रह गए। (Business Bhaskar....R S Rana)
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