चंडीगढ़ May 26, 2011
गेहूं की बंपर पैदावार के बाद अब धान की बारी है। अच्छे मॉनसून के पूर्वानुमानों के आधार पर भारत सरकार के कृषि विभाग ने 2011-12 में धान का उत्पादन 1030 लाख टन रहने का अनुमान जताया है। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, धान का रकबा संभवतया स्थिर (करीब 420-430 लाख हेक्टेयर) ही रहेगा, लेकिन इस साल कुल उत्पादन बढ़ सकता है, क्योंकि इस साल अनुकूल मॉनसून की उम्मीद है। पूर्वी भारत में हरित क्रांति लाकर इन राज्यों में सिंचाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने से पैदावार में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। पूर्वी राज्यों के किसानों को आधुनिक कृषि विधियों से परिचित कराने के लिए पिछले साल राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत इस क्रांति की शुरुआत की गई थी। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व और झारखंड में मक्का और कपास जैसी फसलों के लिए भूमि की उपयुक्तता से धान के रकबे पर असर पड़ेगा, लेकिन इसकी भरपाई पूर्वी राज्यों की गहन खेती से हो जाएगी। भारत में धान का रिकॉर्ड उत्पादन 991.8 लाख टन वर्ष 2008-09 में दर्ज किया गया था। वहीं, इसके बाद के दो सूखे वर्षों में धान का उत्पादन 891.3 लाख टन (2009-10) और 940 लाख टन (2010-11) रहा। उन्होंने बताया कि जो जिले उत्पादन में पिछड़े हैं, उनके किसानों को प्रदर्शनी के जरिए कृषि विधियों की जानकारी मुहैया कराने के लिए भारत सरकार की योजना के तहत मजदूरों को किराए पर लिया गया है।केंद्रीय विज्ञान शोध संस्थान कटक, के निदेशक टी के आद्या ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से किसान चावल की फसल बोने के लिए प्रोत्साहित होते हैं, क्योंकि उन्हें अच्छी आमदनी प्राप्त होने की उम्मीद होती है। वहीं, पिछले कुछ वर्षों से लगातार एमएसपी बढ़ रहा है, लेकिन अब भी यह चावल उत्पादकों की उम्मीदों के अनुकूल नहीं है। अधिक उत्पादन उच्च उत्पादकता से ही हासिल किया जा सकता है। उन्हें कृषि के रकबे में बड़ी मात्रा में बढ़ोतरी होने की उम्मीद नहींं है, केवल अच्छे मॉनसून से धान के रकबे में मामूली वृद्धि हो सकती है। भारत में धान की पैदावार बढ़ाने की काफी संभावनाएं मौजूद हैं। मिस्र में धान की उत्पादकता सबसे अधिक 9.73 टन प्रति हेक्टेयर है, वहीं भारत इस मामले में 13वें स्थान पर है। देश में धान उत्पादकता 3.37 टन प्रति हेक्टेयर है। विश्व में भारत का धान के रकबे की दृष्टि से पहला स्थान, कुल उत्पादन में चीन के बाद दूसरा स्थान और उत्पादकता के मामले में 13वां स्थान है। (BS Hindi)
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