नई दिल्ली May 23, 2011
जिंस व्यापारियों की संस्था कमोडिटी पार्टिसिपेन्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई) ने वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) को पूर्ण स्वायत्त देने और शेयर बाजार नियामक सेबी के समकक्ष रखे जाने की सरकार से अपील की है।
सीपीएआई के नव निर्वाचित अध्यक्ष और एसएमसी कॉमट्रेड फर्म के प्रबंध निदेशक डी के अग्रवाल ने कहा कि स्वायत्ता के अभाव में वायदा बाजार आयोग जिंस कारोबार के नियमन में वैसी प्रभावी भूमिका नहीं निभा पा रहा है, जैसी होनी चाहिए। अग्रवाल ने आयोग को 'पूर्ण स्वायत्ताÓ देने के लिए अध्यादेश जारी करने की मांग की है।
अग्रवाल ने आज एक बयान में कहा कि वायदा बाजार नियमन विधेयक, जो इस समय संसद की स्थाई समिति के समक्ष लंबित है, उसमें जिंस वायदा बाजार आयोग को शेयर बाजार के नियामक के समकक्ष रखने के प्रावधान हैं। यह बिल 2006 से लंबित है। उन्होंने कहा कि वायदा बाजार आयोग को एक अध्यादेश के जरिए पूर्ण स्वायत्ता दी जानी चाहिए और आयोग को इतने अधिकार होने चाहिए कि वह बाजार नियमन के विवादों को सुलझाने के लिए सरकार द्वारा बुलाई जाने वाली नियामक संस्थाओं की बैठक में भाग ले सके।
सीपीएआई का कहना है कि जिंस वायदा बाजार के तेजी से प्र्रसार को देखते हुए इसके नियामक को स्वायत्ता देना जरूरी हो गया है। एक अनुमान के मुताबिक 2010-11 में जिंस वायदा बाजार 100 लाख करोड़ रुपए के आंकड़ों को पार कर गया और चालू वित्त वर्ष में जिंस वायदा कारोबार 150 लाख करोड़ रुपए के स्तर को छू जाएगा। (BS Hindi)
24 मई 2011
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