नई दिल्ली May 02, 2011
इस साल उपभोक्ताओं को सेब के लिए ज्यादा कीमतें चुकानी पड़ सकती है। इसकी वजह सेब की फसल के लिए प्रतिकूल मौसम को माना जा रहा हैं। दरअसल सेब उत्पादक इलाकों में असमय हुई बर्फबारी और बारिश के कारण इसकी फसल को भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही हैं, जिससे देश के कुल सेब उत्पादन में 50 फीसदी की गिरावट मुमकिन है। कश्मीर में सामान्य तौर पर 9-10 करोड़ पेटी (प्रति पेटी करीब 20 किलोग्राम) सेब का उत्पादन होता है और हिमाचल प्रदेश में यह आंकड़ा 2 से 2.5 करोड़ पेटी हैं। इसके अलावा 50 लाख पेटी सेब का उत्पादन उत्तराखंड में होता है। इस तरह सामान्य तौर पर देश का कुल सेब उत्पादन 11.5 से 13 करोड़ पेटी बैठता है। इस साल प्रतिकूल मौसम के चलते कुल सेब उत्पादन 50 फीसदी घटकर 6 से 7 करोड़ पेटी रह सकता है। अखिल भारतीय सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष रवींद्र चौहान ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस बार तापमान में ज्यादा उतारचढ़ाव देखा गया हैं, जिसका सेब की फसल पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उनके मुताबिक मार्च और अप्रैल महीने की शुरुआत में असमय ज्यादा बर्फ पड़ी थी और इस दौरान पेड़ों में फूल आने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। ऐसे में वर्फ पडऩे से इसका विकास ढंग से नहीं हो पाया। चौहान का कहना है कि आमतौर इन दिनों तापमान 20-23 डिग्री सेल्सियस रहता है, जो घटकर 7 से 8 डिग्री सेल्सियस तक चला गया था। परिणामस्वरूप सेब की फसल को भारी नुकसान हुआ है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कश्मीर, हिमाचल सहित देश के कुल सेब उत्पादन में 50 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। हिमाचल प्रदेश के बागवानी बोर्ड के निदेशक डॉ. गुरुदेव सिंह भी सेब के उत्पादन में कमी बात से इत्तिफाक रखते हैं। सिंह बताते है कि असमय बारिश और मौसम अत्यधिक ठंडा होने से सेब की फसल को नुकसान हुआ है। सिंह का कहना है कि प्रतिकूल मौसम सेब का उत्पादन कम रहेगा, लेकिन कितनी गिरावट आएगी, इस बारे कुछ नहीं कहा जा सकता। हिमाचल सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष लेखराज चौहान हिमाचल में सेब की पैदावार 50 फीसदी तक गिरने की संभावना व्यक्त करते हैं। चौहान भी इस बात से इत्तिफाक रखते हैं। इस समय हिमाचल में कोल्ड स्टोर वाले सेब के दाम 2500-3000 रुपये प्रति पेटी चल रहे हैं। ये दाम पिछले साल से ज्यादा हैं। (BS Hindi)
03 मई 2011
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