आर.एस. राणा नई दिल्ली
अनाज भंडारण की समस्या को दूर करने के लिए खाद्य मंत्रालय ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। मंत्रालय ने संभावना जताई है कि 31 मार्च, 2012 तक देशभर में 40 लाख टन की अतिरिक्त खाद्यान्न भंडारण क्षमता तैयार हो जाएगी। केंद्रीय पूल में गत 1 मई को 593.11 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूदा था, जबकि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की अपनी और किराये पर ली गई कुल भंडारण क्षमता 1 अप्रैल 2011 को 316.1 लाख टन की ही थी।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 31 मार्च 2012 तक 40 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता तैयार हो जाएगी। हरियाणा व पंजाब में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत क्रमश: दस साल और सात साल के लिए संशोधित गारंटी योजना के तहत भंडारण क्षमता बढ़ाई जा रही है। केंद्र की योजना दो सालों में खाद्यान्न भंडारण क्षमता 165.65 लाख टन बढ़ाने की है।
सबसे ज्यादा भंडारण क्षमता पंजाब में 51.25 लाख टन की व हरियाणा में 38.80 लाख टन की बनाने की योजना है। एफसीआई पिछले सात साल में केवल 5.8 लाख टन की भंडारण क्षमता ही बढ़ा पाया है। वर्ष 2004-05 से वर्ष 2010-11 के दौरान निगम को केंद्र सरकार से भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए 130.55 करोड़ रुपये का फंड आवंटित हुआ है।सूत्रों के अनुसार निगम को गोदाम बनाने के लिए वर्ष 2004-05 में 5.87 करोड़, वर्ष 2005-06 में 20.78 करोड़ रुपये, वर्ष 2006-07 में 7.50 करोड़ रुपये, वर्ष 2007-08 में 4 करोड़ रुपये, वर्ष 2008-09 में 16.45 करोड़ रुपये, वर्ष 2009-10 में 24.43 करोड़ रुपये और वर्ष 2010-11 में 35 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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