09 मई 2011
मंडियों में गेहूं का अंबार आवक ज्यादा उठान धीमी
ग्राउंड रिपोर्ट : पंजाबगेहूं का सीजन आता है तो पूरे देश की नजरें पंजाब और हरियाणा पर टिक जाती हैं। आखिर ये दोनों ही राज्य देश के गोदामों को हर साल भरते हैं। पूरे देश के इन 'अन्नदाताÓ राज्यों में इस साल विपरीत स्थिति दिखाई दे रही है। पंजाब में जहां अनुकूल मौसम के चलते गेहूं के दाने का बेहतर विकास हुआ और उत्पादन बढऩे का अनुमान है। इस वजह से वहां मंडियों में आवक पिछले साल से ज्यादा हो रही है। इसके विपरीत हरियाणा में रतुआ रोग के चलते फसल को नुकसान हुआ। इस वजह से वहां उत्पादन और मंडियों में आवक पिछले साल से कम चल रही है। बिजनेस भास्कर ने इन दोनों राज्यों की मंडियों का जमीनी जायजा लेने के लिए अपने संवाददाताओं को भेजा। पंजाब की मंडियों का दौरा नरेश बातिश ने किया, वहीं हरियाणा की मंडियों का जायजा आर. एस. राणा ने लिया। पेश है दोनों संवाददाताओं की ग्राउंड रिपोर्ट। बटाला, फतेहगढ़ चूडिय़ां, फगवाड़ा, जगरांव, माछीवाड़ा, अटारी, जंडियाला मंडियों में गेहूं का अंबार लगा है। ठेकेदारों ने कम रेट भरकर गेहूं उठान का काम तो ले लिया लेकिन सस्ते मजदूर न मिलने के कारण मंडियों से गेहू का उठान धीमा है। कुछ मंडियों में उठान में दिक्कत आ रही है। इसके अलग-अलग कारण हैं। अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क बना हुआ है ताकि इन मंडियों में पड़े गेहूं की लिफ्टिंग में तेजी आ सके।- रविंदर सिंह चीमा वाइस चेयरमैन, पंजाब मंडी बोर्डगेहूं पंजाबचालू सीजन में 110 लाख टन आवक होने का अनुमानअब तक मंडियों में 100 लाख टन गेहूं की सप्लाई हुईपंजाब में इस बार गेहूं का उत्पादन सात-आठ लाख टन बढऩे की संभावना है। कुल उत्पादन 160 लाख टन तक पहुंच सकता है। पंजाब की मंडियों में अब तक 100 लाख टन तक गेहूं पहुंच चुका है। अगले एक सप्ताह के भीतर पंजाब की मंडियों में गेहूं की आवक पूरी हो जाएगी। संभावना है कि पंजाब की मंडियों में इस साल 108-110 लाख टन तक गेहूं की आवक हो सकती है। पिछले साल मंडियों में 103.95 लाख टन गेहूं की आवक हुई थी। हालांकि पंजाब की कुछ मंडियां ऐसी हैं, जहां पर अभी भी गेहूं उठान की समस्या आ रही है।पंजाब की काफी संख्या में ऐसी मंडियां हैं, जहां पर मंडियों में गेहूं का उठान नहीं हो पा रहा है। करीब 25 लाख टन गेहूं अभी भी विभिन्न मंडियों में उठान के इंतजार में पड़ा हुआ है। आढ़ती लगातार मांग उठा रहे हैं कि गेहूं की उठान में तेज की जाए। आढ़तियों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में बूंदा-बांदी हो रही है।ऐसे में बारिश होने पर गेहूं को होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी उनकी ही रहेगी। पंजाब के बटाला, फतेहगढ़ चूडिय़ां, फगवाड़ा, जगरांव, माछीवाड़ा, अटारी, जंडियाला मुख्य रूप से ऐसी मंडियां हैं, जहां पर गेहूं का उठान जल्दी नहीं हो पा रहा है। कुछ मंडियां तो ऐसी हैं जहां पर ठेकेदारों ने कम रेट लगाकर गेहूं उठान के ठेके तो ले लिए, लेकिन अब वे गेहूं की उठान नहीं कर रहे हैं क्योंकि उन्हें सस्ते श्रमिक नहीं मिल पा रहे हैं। वहीं कुछ मंडियों के नजदीक गोदाम न होने के चलते फिलहाल गेहूं में ही को मंडियों में पड़ा है। तरनतारन, अमृतसर एवं गुरदासपुर मंडी में अभी गेहूं की आवक अन्य मंडियों के मुकाबले ज्यादा हो रही है। पंजाब में रोजाना अभी भी 5-6 लाख टन गेहूं की आवक मंडियों में हो रही है।मंडी बोर्ड के वाइस चेयरमैन रविंदर सिंह चीमा के मुताबिक मंडियों में अभी तक 100 लाख टन के गेहूं पहुंच चुका है। पिछले साल मंडियों में 103.95 लाख टन गेहूं पहुंचा था। इस बार उत्पादन बढ़ोतरी से मंडियों में गेहूं पिछले साल के मुकाबले ज्यादा पहुंच रहा है।इस साल पंजाब की मंडियों में 108-110 लाख टन गेहूं की कुल आवक हो सकती है। चीमा के मुताबिक गेहूं का उठान ज्यादातर मंडियों में तेजी से हुआ है हालांकि अभी भी कुछ मंडियां ऐसी हैं जहां पर उठान में दिक्कत आ रही है। इसके अलग-अलग स्थानीय कारण हैं। मंडी बोर्ड भी मंडियों के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए है ताकि इन मंडियों में पड़ी गेहूं की लिफ्टिंग में तेजी आ सके।कृषि विभाग पंजाब के संयुक्त निदेशक गुरदयाल सिंह के मुताबिक पंजाब में इस बार मौसम अनुकूल रहने के चलते गेहूं का कुल उत्पादन 160 लाख टन तक पहुंचने की संभावना है, जो पिछले साल करीब 151.69 लाख टन था। पंजाब में 8 लाख टन के करीब गेहूं का उत्पादन बढ़ा है। गेहूं की फसल पकने में देरी होने से इसके दाने का अच्छा विकास हुआ। पंजाब में जिन किसानों ने समय पर अपनी फसलों पर स्प्रे नहीं किया, वहां पर पीली कुंगी बीमारी का भी असर पड़ा है। जिससे कुछ किसानों का उत्पादन घटा है। हालांकि कुल मिलाकर उत्पादन बढ़ा है। (Business Bhaskar)
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