नई दिल्ली। उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश एवं बाढ़ से चालू खरीफ सीजन में उड़द की फसल को नुकसान होने की आशंका है, साथ ही चालू वित्त वर्ष 2025-26 के पहले चार महीनों में इसके आयात में भी 10 फीसदी की कमी आई है। इसके बावजूद भी घरेलू बाजार में उड़द के दाम समर्थन मूल्य से नीचे बने हुए हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2025-26 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान उड़द का आयात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 10 फीसदी कम होकर 230,760 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की समान अवधि में इसका आयात 256,451 टन का हुआ था।
गुलबर्गा स्थित उड़द के कारोबारी चंद्रशेखर एस नादर के अनुसार कर्नाटक के साथ ही महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश में भारी बारिश एवं बाढ़ से उड़द की फसल को नुकसान हुआ है तथा इस समय मंडियों में जो माल आ रहे हैं, उनकी क्वालिटी भी हल्की है। पिछले दो साल से मिलर्स नुकसान में हैं, तथा अधिकांश छोटी दाल मिलें या तो बंद हो चुकी है, या फिर बंद होने के कगार पर है। इस समय केवल बड़ी दाल मिल ही उड़द की खरीद कर रही है। हाल ही में कीमतों में आई गिरावट से उड़द के आयातकों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
दिल्ली के नया बाजार के दलहन कारोबारी राजेश जैन ने बताया कि हाजिर बाजार में नकदी की किल्लत है, जिस कारण दाल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर पा रही है। बड़ी कंपनियां सस्ते दाम पर दाल बेच रही है, जिस कारण छोटे दुकानदार मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं। अत: उड़द की मांग पहले की तुलना में कम हुई है।
सूत्रों के अनुसार 3 सितंबर से 14 सितंबर के दौरान चेन्नई बंदरगाह पर बर्मा की उड़द 18,750 टन का और ब्राजील से 19,875 टन आयातित उड़द आई है।
बर्मा से आयातित उड़द एफएक्यू एवं एसक्यू के भाव में चेन्नई में गुरूवार को स्थिर हो गए। हाल ही में इसकी कीमतों में गिरावट आई थी। उड़द एफएक्यू के भाव सितंबर एवं अक्टूबर शिपमेंट के 785 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ पर स्थिर हो गए, जबकि इस दौरान एसक्यू उड़द के भाव सितंबर एवं अक्टूबर शिपमेंट के 865 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ बोले गए।
जानकारों के अनुसार म्यांमार से एक वैसल 8,600 टन उड़द लेकर आ रहा है, जोकि चेन्नई बंदरगाह पर 18 सितंबर को पहुंच गया है। इसके अलावा एक और वैसल जिसमें 9,000 टन उड़द है, यह 21 सितंबर तक आयेगा। इसके अलावा एक और वैसल 6,000 टन उड़द लेकर आयेगा।
मुंबई में उड़द एफएक्यू के भाव 25 रुपये कमजोर होकर 7,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कोलकाता में उड़द एफएक्यू के भाव 50 रुपये घटकर 7,150 से 7,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
गुंटूर में उड़द पॉलिश के भाव 7,375 से 7,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए, जबकि विजयवाड़ा में पॉलिश उड़द के दाम 7,300 से 7,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
मध्य प्रदेश की अशोकनगर मंडी में गुरुवार को नई उड़द की आवक 125 से 150 क्विंटल की हुई तथा इसका व्यापार 5,850 से 6,666 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर हुआ। नए मालों में नमी 16 से 20 फीसदी तक आ रही है।
जानकारों के अनुसार आयात में कमी उड़द के भाव को कुछ सहारा दे सकती है, लेकिन घरेलू दाल मिलों की खरीद कमजोर होने से बड़ी तेजी के आसार नहीं है। बुंदेलखंड और महाराष्ट्र तथा राजस्थान के कुछ हिस्सों में उड़द की फसल को भारी नुकसान की खबरों के बावजूद, दाल मिलर्स एवं खुदरा व्यापारी सिर्फ जरुरत के हिसाब से ही खरीदारी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से फसल की आवक बढ़ने पर निकट भविष्य में कीमतों पर दबाव बने रहने की संभावना है।
केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2025-26 के लिए उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी 7,800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। पिछले खरीफ के मुकाबले एमएसपी में 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में उड़द की बुआई बढ़कर 12 सितंबर तक देशभर में 23.66 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इसकी बुआई 22.14 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2025-26 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान उड़द का आयात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 10 फीसदी कम होकर 230,760 टन का ही हुआ है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की समान अवधि में इसका आयात 256,451 टन का हुआ था।
गुलबर्गा स्थित उड़द के कारोबारी चंद्रशेखर एस नादर के अनुसार कर्नाटक के साथ ही महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश में भारी बारिश एवं बाढ़ से उड़द की फसल को नुकसान हुआ है तथा इस समय मंडियों में जो माल आ रहे हैं, उनकी क्वालिटी भी हल्की है। पिछले दो साल से मिलर्स नुकसान में हैं, तथा अधिकांश छोटी दाल मिलें या तो बंद हो चुकी है, या फिर बंद होने के कगार पर है। इस समय केवल बड़ी दाल मिल ही उड़द की खरीद कर रही है। हाल ही में कीमतों में आई गिरावट से उड़द के आयातकों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
दिल्ली के नया बाजार के दलहन कारोबारी राजेश जैन ने बताया कि हाजिर बाजार में नकदी की किल्लत है, जिस कारण दाल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर पा रही है। बड़ी कंपनियां सस्ते दाम पर दाल बेच रही है, जिस कारण छोटे दुकानदार मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं। अत: उड़द की मांग पहले की तुलना में कम हुई है।
सूत्रों के अनुसार 3 सितंबर से 14 सितंबर के दौरान चेन्नई बंदरगाह पर बर्मा की उड़द 18,750 टन का और ब्राजील से 19,875 टन आयातित उड़द आई है।
बर्मा से आयातित उड़द एफएक्यू एवं एसक्यू के भाव में चेन्नई में गुरूवार को स्थिर हो गए। हाल ही में इसकी कीमतों में गिरावट आई थी। उड़द एफएक्यू के भाव सितंबर एवं अक्टूबर शिपमेंट के 785 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ पर स्थिर हो गए, जबकि इस दौरान एसक्यू उड़द के भाव सितंबर एवं अक्टूबर शिपमेंट के 865 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ बोले गए।
जानकारों के अनुसार म्यांमार से एक वैसल 8,600 टन उड़द लेकर आ रहा है, जोकि चेन्नई बंदरगाह पर 18 सितंबर को पहुंच गया है। इसके अलावा एक और वैसल जिसमें 9,000 टन उड़द है, यह 21 सितंबर तक आयेगा। इसके अलावा एक और वैसल 6,000 टन उड़द लेकर आयेगा।
मुंबई में उड़द एफएक्यू के भाव 25 रुपये कमजोर होकर 7,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कोलकाता में उड़द एफएक्यू के भाव 50 रुपये घटकर 7,150 से 7,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
गुंटूर में उड़द पॉलिश के भाव 7,375 से 7,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए, जबकि विजयवाड़ा में पॉलिश उड़द के दाम 7,300 से 7,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
मध्य प्रदेश की अशोकनगर मंडी में गुरुवार को नई उड़द की आवक 125 से 150 क्विंटल की हुई तथा इसका व्यापार 5,850 से 6,666 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर हुआ। नए मालों में नमी 16 से 20 फीसदी तक आ रही है।
जानकारों के अनुसार आयात में कमी उड़द के भाव को कुछ सहारा दे सकती है, लेकिन घरेलू दाल मिलों की खरीद कमजोर होने से बड़ी तेजी के आसार नहीं है। बुंदेलखंड और महाराष्ट्र तथा राजस्थान के कुछ हिस्सों में उड़द की फसल को भारी नुकसान की खबरों के बावजूद, दाल मिलर्स एवं खुदरा व्यापारी सिर्फ जरुरत के हिसाब से ही खरीदारी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से फसल की आवक बढ़ने पर निकट भविष्य में कीमतों पर दबाव बने रहने की संभावना है।
केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2025-26 के लिए उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी 7,800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। पिछले खरीफ के मुकाबले एमएसपी में 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में उड़द की बुआई बढ़कर 12 सितंबर तक देशभर में 23.66 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में इसकी बुआई 22.14 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी।

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