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12 सितंबर 2025

गन्ने की उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ाने हेतु एनएसआई एवं यूपीसीएसआर में समझौता

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में गन्ने की उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही राज्य के गन्ना किसानों की आय में बढ़ोतरी करने के लिए गन्ने के उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।


यह समझौता राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) कानपुर और उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद (यूपीसीएसआर) शाहजहांपुर के बीच संपन्न हुआ। प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी की उपस्थिति में समझौते पर राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की निदेशक प्रो. श्रीमती सीमा परोहा तथा उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के निदेशक वी. के. शुक्ल ने हस्ताक्षर किए।

गन्ना मंत्री के विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में गन्ना मंत्री ने कहा कि एनएसआई अपनी 52 एकड़ कृषि भूमि पर अभिजनक बीज के गन्ने का उत्पादन करेगा, जिसमें 20 एकड़ में शरदकालीन गन्ना रोपण और शेष क्षेत्र में बसंत कालीन गन्ना रोपण किया जाएगा। अगले चरण में एनएसआई अपने फार्म की अतिरिक्त भूमि का उपयोग बीज गन्ना उत्पादन हेतु करेगा। यूपीसीएसआर, एनएसआई को अभिजनक की नर्सरी तैयार करने हेतु गन्ने की उन्नत किस्मों के बीज सक्षम स्तर से निर्धारित मूल्य पर उपलब्ध कराएगा तथा वैज्ञानिकों द्वारा खेत का निरीक्षण कर आवश्यक तकनीकी सुझाव एवं मार्गदर्शन निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा। बीज तैयार होने के बाद किसानों को इसकी आपूर्ति एक उचित मूल्य तय करके की जायेगी।

गन्ना मंत्री ने कहा कि स्वस्थ्य एवं गुणवत्तापूर्ण अभिजनक बीज के उत्पादन एवं देखरेख हेतु एनएसआई के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को यूपीसीएसआर द्वारा निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस समझौते से प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए प्रतिवर्ष लगभग 15,000 क्विंटल अतिरिक्त ब्रीडर सीड उपलब्ध होगा।

उन्होंने कहा कि इस पहल से दोनों विशेषज्ञ संस्थाओं के बीच परस्पर विश्वास व तकनीकी हस्तांतरण में तेजी आयेगी तथा उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को गुणवत्तापूर्ण गन्ने के बी मिल सकेंगे, जिससे गन्ने प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी। अत: गन्ने का प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ेगा, तो किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी, साथ ही राज्य में चीनी का उत्पादन भी बढ़ेगा।

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