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26 सितंबर 2025

केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश और गुजरात से खरीफ फसलों की खरीद को दी मंजूरी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2025-26 के दौरान उत्तर प्रदेश और गुजरात में किसानों से दलहन एवं तिलहन की फसलों की खरीद को मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश से किसानों से समर्थन मूल्य पर मूंग, तिल एवं मूंगफली के अलावा गुजरात से सोयाबीन, मूंग तथा मूंगफली की अनुमति दी गई। इन राज्यों से अरहर एवं उड़द की 100 फीसदी खरीद की भी सरकार ने मंजूरी है, तथा इन दोनों राज्यों में किसानों से 13,890.60 करोड़ रुपये की खरीफ फसलों की खरीद की जायेगी।  


केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई वर्चुअल बैठक में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही तथा गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल शामिल हुए। वहीं केंद्रीय कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी तथा केंद्र एवं दोनों राज्य सरकारों के वरिष्ठ कृषि अधिकारी भी बैठक में सम्मिलित हुए। बैठक में शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों के हित में पूरी खरीद प्रक्रिया पारदर्शी, डिजिटल व सुचारू रूप से की जाए, जिस पर दोनों राज्यों के कृषि मंत्रियों ने कहा कि उपज खरीद आधुनिक बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण व पीओएस मशीन व्यवस्था के साथ डिजिटल पोर्टलों के जरिए होगी।

बैठक में उत्तर प्रदेश के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद शिवराज सिंह ने राज्य में उड़द 2 लाख 27 हजार 860 टन (100 फीसदी) खरीद को स्वीकृति प्रदान की, जिसका मूल्य 1777.30 करोड़ रुपये रहेगा। अरहर की भी शत प्रतिशत 1,13,780 टन की खरीद के लिए केंद्र की ओर से मंजूरी दी गई, जिसकी कीमत 910.24 करोड़ रुपये रहेगी। मूंग की 1983 टन खरीद को मंजूरी दी गई, जिसकी कीमत 17.38 करोड़ रुपये होगी। इसके अलावा तिल की 30,410 टन खरीद की स्वीकृति केंद्र ने दी है, जिसकी कीमत 299.42 करोड़ रुपये होगी। साथ ही मूंगफली की 99,438 टन खरीद की स्वीकृति दी गई है, जिसका मूल्य 722.22 करोड़ रुपये रहेगा।


केंद्रीय कृषि मंत्री ने गुजरात में किसानों से उड़द की 47,780 टन की खरीद को मंजूरी दी है, जिसकी कुल कीमत 372.68 करोड़ रुपये होगी। साथ ही सोयाबीन की 1,09,905 टन की खरीद की मंजूरी दी है, जिसकी कीमत 585.57 करोड़ रुपये होगी। गुजरात में मूंगफली की 12 लाख 62 हजार 163 टन की खरीद की स्वीकृति दी गई है, जिसकी कीमत 9,167.08 करोड़ रुपये होगी। इसके अलावा मूंग की 4,415 टन खरीदने की स्वीकृति दी है, जिसका मूल्य 38.71 करोड़ रुपये होगा।

शिवराज सिंह चौहान ने खरीद प्रक्रिया में पूरी तरह से पारदर्शिता अपनाने पर जोर दिया, ताकि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं होने पाएं, साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाए कि वास्तविक किसानों से ही खरीद हो तथा बिचौलिए इसका फायदा नहीं ले सके। इसके लिए सभी खरीद केंद्रों पर खरीद शुरू होने से पहले आधार आधारित बायोमेट्रिक/चेहरा प्रमाणीकरण, तथा पीओएस मशीनों की तैनाती (उत्तर प्रदेश में लगभग 350 तथा गुजरात में करीब 400) होगी। नेफेड और एनसीसीएफ को किसानों के पूर्व-पंजीकरण के लिए पत्र भेजे गए हैं, तथा पंजीकृत किसान ही एमएसपी पर फसल बेच सकेंगे। खरीद कार्यवाही पूरी तरह ई-समृद्धि और ई-सम्युक्ति पोर्टल पर डिजिटल के माध्यम से होगी, जिससे सीधे बैंक खाते से भुगतान किया जायेगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि उपरोक्त स्वीकृत मात्रा को खरीफ 2025-26 के प्रथम अग्रिम अनुमान आने के बाद आवश्यकतानुसार संशोधित भी किया जा सकता है, ताकि किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि डिजिटल एवं पारदर्शी व्यवस्था से हर पात्र किसान को सरकारी दर पर अपनी फसल बेचने तथा समय से भुगतान पाने का अधिकार मिलेगा।

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