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05 सितंबर 2025

सूरजमुखी तेल, सोया तेल और अन्य वस्तुओं के आयात हेतु रूसी निर्यातकों के साथ चर्चा

मास्को, रूस, 3 सितंबर। खाद्वय तेलों से जुड़े उद्योग जगत के पदाधिकारियों ने सूरजमुखी तेल, सोया तेल और अन्य वस्तुओं के आयात हेतु 30 से अधिक रूसी निर्यातकों के साथ गहन चर्चा की। मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास के प्रतिनिधि अनुराग नयन (द्वितीय सचिव) और अनुग्रह ने भी वित्तीय व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने में सहायता का आश्वासन दिया, विशेष रूप से रुपया एवं रूबल भुगतान प्रणाली के माध्यम से।


भारत के अग्रणी वनस्पति तेल संघ, सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के शीर्ष अधिकारियों का 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल रूस में एक सप्ताह के 'सूरजमुखी बीज परिसर अध्ययन दौरे' पर हैं। रूसी निर्यात केंद्र समूह के सहयोग से आयोजित और एसईए के अध्यक्ष संजीव अस्थाना के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य रूस के सूरजमुखी के इतिहास - खेतों से लेकर कारखानों तक - की गहराई से पड़ताल करना है।

अस्थाना ने बताया कि यह दौरा सूरजमुखी परिसर का अध्ययन करने, उत्पादन, प्रसंस्करण और निर्यात के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ रूसी किसानों, उत्पादकों और निर्यातकों के साथ सीधे संबंध बनाने में हमारी मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे भारत और रूस के बीच मजबूत व्यापारिक संबंधों को भविष्य के अवसरों का मार्ग प्रशस्त  है।

डॉ. मेहता ने कहा कि हम दोनों देशों के बीच व्यापार को मजबूत करने के लिए भारतीय दूतावास की प्रतिबद्धता और उसके प्रबल समर्थन की सराहना करते हैं।

इस दौरे पर खाद्वय तेल उद्योग के शीर्ष अधिकारियों को वोरोनिश का भी दौरा करने का मौका मिला, जो अपनी उपजाऊ काली मिट्टी के लिए प्रसिद्ध एक कृषि केंद्र है, और उन्हें रूस की सबसे बड़ी खाद्य तेल कंपनी और सूरजमुखी तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता, ईएफकेओ समूह के शीर्ष अधिकारियों से बातचीत करने का मौका भी मिला।

गौरतलब है कि ईएफकेओ ने अकेले पिछले साल लगभग 8,00,000 टन सूरजमुखी तेल का निर्यात किया था और अपनी प्रस्तुति के दौरान भारतीय आयातकों के साथ सहयोग बढ़ाने में गहरी रुचि व्यक्त की थी। बाजोरिया ने सूरजमुखी के खेत का वीडियो बनाते हुए कहा कि रूस की यह एक बेहद फलदायी यात्रा रही, जहाँ हमने न केवल खूबसूरत सूरजमुखी के खेत देखे, बल्कि ईएफकेओ के मुख्यालय और उसके अनुसंधान एवं विकास केंद्र का भी दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल ने ईएफकेओ के कार्यकारी निदेशक एंटोन ग्रिट्से के साथ सूरजमुखी के खेत का दौरा किया।

इस दौरान भारतीय दल ने रूसाग्रो समूह के प्रमुखों से भी मुलाकात की जो कि रूस के खाद्य और कृषि क्षेत्र की एक प्रमुख ताकत है और विभिन्न श्रेणियों में शीर्ष पदों पर आसीन है। प्रतिनिधिमंडल ने ऐसे कई प्रमुख ब्रांडों के बारे में जानकारी ली।

मालूम हो कि भारत हर साल 35 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात करता है, जिसमें से अकेले रूस 20 लाख टन का आयात करता है।

यह दौरा अभी भी जारी है, और इसमें कई तरह के व्यावसायिक अवसर सामने आएंगे! यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि हम 'हिंदी रूसी भाई भाई' से 'हिंदी रूसी बिज़ बज़' तक का लंबा सफर तय कर चुके हैं।

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