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15 सितंबर 2025

हाल में हुई भारी बारिश एवं बाढ़ से पंजाब में रबी फसलों की बुआई भी संकट में

नई दिल्ली। पंजाब के बाढ़ प्रभावित जिलों में अभी भी खेतों में पानी खड़ा हुआ है, इसलिए रबी फसलों की बुआई पर भी संकट बना हुआ है। किसान मिट्टी पर गाद जमा होने की सूचना दे रहे हैं, जो कि रबी फसलों की बुवाई के लिए चिंता का विषय हो सकता है।


जानकारों के अनुसार रबी फसलों में सरसों की बुआई का समय चालू महीने में शुरू हो जायेगा, जबकि धान की कटाई के बाद गेहूं की बुआई शुरू हो जाती है। खेतों में पानी खड़ा होने के कारण सरसों के साथ ही गेहूं की बुआई में भी देरी की आशंका है।

पंजाब में हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में लगभग 1,48,000 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि जलमग्न हो गई है तथा इससे खरीफ फसलों खासकर के धान और कपास को भारी नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों ने राज्य के सभी 23 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया है।

केंद्र ने हाल ही में आई बाढ़ के कारण पंजाब में कृषि योग्य भूमि को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक सर्वेक्षण शुरू किया है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बताया कि राज्य प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से बाहर होने के कारण, यह अनिश्चित है कि सरकार वर्तमान में कितनी सहायता प्रदान कर सकती है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, आईएमडी के अनुसार चालू मानसून सीजन में राज्य में अब तक सामान्य से 53 फीसदी अधिक वर्षा हुई है। पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर और तरनतारन जैसे महत्वपूर्ण कृषि जिलों में सामान्य से लगभग 100 फीसदी वर्षा हुई है। जानकारों का कहना है कि इस समय नुकसान की सही मात्रा का आकलन करना मुश्किल है।

जानकारों के अनुसार हाल की बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान कपास एवं धान की फसल को हुआ है। इंडियन कॉटन एसोसिएशन लिमिटेड (आईसीएएल) के अनुसार राज्य के फाजिल्का, मुक्तसर, अबोहर और मानसा आदि जिलों में हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ से कपास की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। आईसीएएल के अनुसार इन राज्यों में कपास की आने वाली फसल को लगभग 10-15 फीसदी का नुकसान होने का अनुमान है।

पंजाब के फाजिल्का के राइस मिलर्स पवन गुप्ता के अनुसार अमृतसर, गुरदासपुर, कपूरथला, फिरोजपुर, पठानकोट, होशियारपुर, मुक्तसर, फाजिल्का, तरनतारन, मोगा, संगरूर, और बरनाला सहित कई धान उत्पादक जिले हाल ही हुई बारिश एवं बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

गुरदासपुर क्षेत्र से सटे जिलों में, जो मुख्य रूप से बासमती धान का उत्पादक क्षेत्र है, लगभग 80-90 फीसदी फसल नष्ट हो गई है। बाढ़ से प्रभावित जिलों में भंडारित अनाज को भी काफी नुकसान हुआ है। पंजाब के कुल कृषि योग्य क्षेत्र का लगभग 35-40 फीसदी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।

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