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12 सितंबर 2025

भारी बारिश एवं बाढ़ से धान की फसल को नुकसान, कीमतों में तेजी आने का अनुमान

नई दिल्ली। अगस्त के आखिरी सप्ताह के साथ ही सितंबर की शुरुआत में पंजाब एवं हरियाणा में हुई भारी बारिश और बाढ़ से बासमती धान की फसल को नुकसान होने की आशंका है। ऐसे में घरेलू बाजार के साथ ही विश्व स्तर पर बासमती चावल की कीमतों में तेजी आने का अनुमान है।


उत्पादक मंडियों में पूसा 1,509 किस्म के धान की आवकों में बढ़ोतरी हुई है, साथ ही इसके दाम भी 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल तक तेज हो चुके हैं। बासमती चावल की कीमतों में हाल ही में करीब 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है तथा आगामी दिनों में इनकी कीमतों में और भी तेजी आने का अनुमान है।

पंजाब की समाना मंडी में मंगलवार को पूसा 1,509 किस्म के कंबाइन के धान की आवक 1,500 बोरी की हुई तथा मंडी में व्यापार 2,930 से 3,625 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ। हरियाणा की इंद्री मंडी में पूसा 1509 किस्म के नए कंबाइन के धान की आवक 4,000 बोरी की हुई तथा इसका व्यापार 2,700 से 3,361 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ। उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मंडी में पूसा 1,509 किस्म के नए धान की आवक 500 बोरी की हुई, तथा इसका व्यापार 2,875 से 3,150 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ।

दिल्ली के नया बाजार में मंगलवार को पूसा 1,718 किस्म के स्टीम चावल के दाम 7,200 से 7,400 रुपये और इसके सेला चावल के भाव 6,700 से 6,900 प्रति क्विंटल बोले गए। इसी तरह से पूसा 1,509 किस्म के सेला चावल के भाव तेज होकर 6,200 से 6,450 रुपये और इसके नए स्टीम चावल के भाव 7,000 से 7,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

जानकारों के अनुसार पंजाब के अमृतसर, गुरदासपुर, कपूरथला, फिरोजपुर, पठानकोट, होशियारपुर, मुक्तसर, फाजिल्का, तरनतारन, मोगा, संगरूर, और बरनाला सहित कई धान उत्पादक जिले प्रभावित हुए हैं। ब्यास नदी का पानी कपूरथला के कई गांवों के खेतों में घुस गया है। अत: जिन खेतों में पानी भरा हुआ है वहां चावल की क्वालिटी तो प्रभावित होने का डर है ही है, साथ ही उत्पादकता में भी भारी कमी आयेगी।

हरियाणा में भारी बारिश और बाढ़ के कारण 30,0000 एकड़ से अधिक भूमि पर फसलें खराब हुई है, जिसमें सबसे ज्यादा धान एवं कपास की फसल प्रभावित हुई हैं। राज्य के सोनीपत, जींद, रोहतक और भिवानी तथा हिसार जिले ज्यादा प्रभावित हुए हैं, इन जिलों में जलभराव के कारण धान के खेत पानी में डूबे हुए है। अगस्त के आखिरी हफ्ते और सितंबर की आरंभ में हुई भारी बारिश से रावी, चिनाब, सतलुज और ब्यास नदियाँ उफान पर आ गई, जिससे हरियाणा और पंजाब के खेतों में पानी भर गया।

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