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05 सितंबर 2025

कॉटन की कीमतों में लगातार चौथे दिन गिरावट जारी, अगले महीने नई कपास की आवक बढ़ेगी

नई दिल्ली। स्पिनिंग मिलों की मांग कमजोर बनी रहने के कारण शनिवार को शाम के सत्र में गुजरात में लगातार चौथे दिन कॉटन की कीमतों में मंदा आया, इस दौरान उत्तर भारत में इसके दाम स्थिर से नरम हुए।


गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव शनिवार को लगातार चौथे दिन 100 रुपये कमजोर होकर 55,300 से 55,500 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो रह गए।

पंजाब में रुई हाजिर डिलीवरी के भाव नरम होकर नरम होकर 5,760 से 5,770 रुपये प्रति मन बोले गए। हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव घटकर 5,525 से 5,650 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के दाम 5,770 से 5,800 रुपये प्रति मन बोले गए। लोअर राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के दाम 54,500 से 54,600 रुपये कैंडी बोले गए।

उत्तर भारत के राज्यों हरियाणा में नई कपास की आवक छोटे पैमाने पर शुरू हो गई है, जो कि नए मौसम की शुरुआत का संकेत है। मौसम अनुकूल रहा तो अगले महीने पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में भी नई कपास की आवक बनेगी। गुजरात एवं महाराष्ट्र के साथ ही अन्य उत्पादक राज्यों में नई कपास की आवक अक्टूबर में बनेगी।

व्यापारियों के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में कपास के फीसदी अच्छी स्थिति में हैं, लेकिन फलों का विकास निर्धारित समय से थोड़ा पीछे है। पश्चिमी टेक्सास के उत्पादक क्षत्रों में आने वाले सप्ताह में फसल की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए हल्की बारिश की उम्मीद कर रहे हैं। डेल्टा क्षेत्र में ठंडी परिस्थितियों ने पौधों को कुछ राहत प्रदान की है, जबकि दक्षिण-पूर्व में किसान आवश्यकतानुसार कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं।

जानकारों के अनुसार पाकिस्तान में हाल की बारिश से फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन कुछ खेतों में बाढ़ का खतरा है।

उधर ब्राजील में आने वाले हफ्तों के लिए अनुकूल मौसम पूर्वानुमान के साथ, माटो ग्रोसो राज्य में कपास की कटाई जोर पकड़ रही है। अर्जेंटीना में पिछले सीजन की तुलना में बुआई क्षेत्र में उल्लेखनीय गिरावट आने की उम्मीद है, जिसका उत्पादन अनुमान पर असर पड़ेगा।

केंद्र सरकार ने कॉटन के आयात पर शून्य शुल्क की समय सीमा को 30 सितंबर 2025 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 कर दिया है।

व्यापारियों के अनुसार घरेलू अधिकांश स्पिनिंग मिलों के पास कॉटन का डेढ़ से दो महीनो का बकाया स्टॉक बचा हुआ है, जिस कारण मिलें जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही है। उत्तर भारत के राज्यों में सितंबर एवं अन्य राज्यों में अक्टूबर में कपास की नई फसल की आवक बनेगी। ऐसे में हाजिर बाजार में कॉटन की कीमतों में आगामी दिनों में नरमी ही आने का अनुमान है।

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