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05 सितंबर 2025

सीसीआई ने चालू सप्ताह में 42,800 गांठ कॉटन की बिक्री की, उत्पादक राज्यों में भाव स्थिर

नई दिल्ली। चालू सप्ताह में कॉटन कारपोरेशन आफ इंडिया, सीसीआई ने घरेलू बाजार में फसल सीजन 2024-25 की खरीदी हुई 42,800 गांठ कॉटन, एक गांठ 170 किलो की बिक्री की। उत्पादक राज्यों में शनिवार को कॉटन की कीमत स्थिर हो गई।

व्यापारियों के अनुसार चालू सप्ताह के आरंभ में सीसीआई ने कॉटन की बिक्री कीमतों में 1,100 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी 356 किलो की कटौती की थी। सीसीआई ने कॉटन की बिक्री कीमतों में कटौती केंद्र सरकार द्वारा 30 सितम्बर तक कॉटन पर आयात शुल्क हटाने के फैसले के बाद, सस्ती विदेशी कॉटन से मुकाबला करने के लिए की थी। हालांकि जानकारों का मानना है कि ज्यादातर स्पिनिंग मिल्स ने अगले डेढ़ से दो महीनों की जरूरत की कॉटन पहले ही खरीदी हुई हैं, और घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय कॉटन की कीमतों के बीच अभी भी अंतर बना हुआ है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में सीसीआई कॉटन की बिक्री कीमतों में और भी कटौती कर सकती है। इसलिए मिलर्स इस समय केवल जरुरत के हिसाब से कॉटन की खरीद कर रहे हैं।

स्पिनिंग मिलों की मांग सीमित होने के कारण शनिवार को शाम के सत्र में गुजरात के साथ ही उत्तर भारत के राज्यों में कॉटन की कीमत स्थिर हो गई।

गुजरात के अहमदाबाद में 29 शंकर-6 किस्म की कॉटन के भाव शनिवार को 55,900 से 56,000 रुपये प्रति कैंडी, एक कैंडी-356 किलो पर स्थिर हो गए। पंजाब में रुई हाजिर डिलीवरी के भाव 5,920 से 5,930 रुपये प्रति मन बोले गए। हरियाणा में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के भाव 5,660 से 5,780 रुपये प्रति मन बोले गए। ऊपरी राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के दाम 5,930 से 5,940 रुपये प्रति मन बोले गए। लोअर राजस्थान में रुई के भाव हाजिर डिलीवरी के दाम घटकर 55,600 से 55,700 रुपये कैंडी बोले गए।

स्पिनिंग मिलों की मांग सीमित होने के कारण गुजरात के साथ ही उत्तर भारत के राज्यों में कॉटन की कीमत स्थिर हो गई। व्यापारियों के अनुसार विश्व बाजार में कॉटन के दाम घरेलू बाजार की तुलना में नीचे होने के कारण इसके आयात पड़ते सस्ते हैं, जबकि घरेलू बाजार में यार्न में उठाव कमजोर है। घरेलू बाजार में उत्तर भारत के राज्यों में सितंबर में तथा अन्य राज्यों में अक्टूबर में कपास की नई फसल की आवक बनेगी। अत: हाजिर बाजार में कॉटन की कीमतों में नरमी ही आने का अनुमान है।

कृषि मंत्रालय के अनुसार 15 अगस्त तक चालू खरीफ सीजन देशभर में कपास की बुआई कम होकर 107.87 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 111.11 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी।

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