नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के कई जिलों के साथ ही महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में खराब मौसम जारी है तथा इन राज्यों में कई जगहों पर ओलावृष्टि भी हुई है, जिससे चना, मसूर और गेहूं की फसल की आवक प्रभावित होगी, साथ ही क्वालिटी पर भी असर पड़ेगा। इसलिए भाव में और सुधार बन सकता है।
स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर और उड़द की कीमतों में गिरावट आई, जबकि मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
बर्मा की नई अरहर की कीमतों में आज दिल्ली में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। दूसरी ओर, हरियाणा और कर्नाटक लाईन की नई अरहर के साथ-साथ नेफेड ने पुरानी अरहर की कीमतें 6,200 रुपये और 6,900-6,925 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। इसी तरह चेन्नई में अरहर की कीमतें 6,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रही। बर्मा में लेमन अरहर नई के दाम 750 डॉलर और पुरानी के 690 डॉलर प्रति टन पर स्थिर बने रहे।
बर्मा उड़द एफएक्यू-एसक्यू के दाम चेन्नई-मुंबई के कमजोर संकेतों के बाद सुस्त मिलर्स के व्यापार के कारण 50-100 रुपये घटकर 7,550-7,600 रुपये और 8,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गईं। हाजिर में स्टॉक कम होने के बाद भी भाव में गिरावट आई है। कोटा (राजस्थान) में मध्य प्रदेश की पुरानी नेफेड की खरीदी हुई उड़द के दाम 150 रुपये घटकर 7,050 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई। महाराष्ट्र लाईन की नई उड़द भी 100 रुपये घटकर 8,050-8,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गई।
आयातित हाजिर स्टॉक कम होने के बावजूद भी दाल मिलों की हाजिर मांग घटने से गुरूवार को चेन्नई, दिल्ली और मुंबई में उड़द की कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। दाल मिलों की मांग घटने से घरेलू मंडियों में नई देसी उड़द की कीमतों में क्वालिटीनुसार 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की क्वालिटीनुसार गिरावट आई।
बर्मा में, उड़द एसक्यू में स्थानीय और निर्यात मांग कमजोर होने से 30 डॉलर की गिरावट आकर भाव 920 डॉलर प्रति टन रह गए, जबकि एफएक्यू के दाम 770 डॉलर प्रति पर स्थिर रहे। बंदरगाह पर लोडिंग-अनलोडिंग की गतिविधियां बंद रही। बर्मा आधारित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, भारत (चेन्नई) के लिए उड़द ले जाने वाला सीधा जहाज भी निर्धारित अविध के लिए स्थगित कर दिया गया है। बंदरगाह पर सामान्य गतिविधियां अगले 3 से 4 दिनों में शुरू होने की संभावना है।
स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आने एवं दाल मिलों की नीचे दाम पर मांग बढ़ने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 25 से 150 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 5,550 रुपये और 5,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
मसूर की कीमतों में तेजी को समर्थन इसलिए मिला, क्योंकि मध्य प्रदेश के प्रमुख मसूर उत्पादक क्षेत्रों में बेमौसम मौसम बारिश और ओलों से फसल प्रभावित होने का डर है। मध्य प्रदेश में नई फसल की आवक पर इसका प्रभाव पड़ेगा, साथ ही खड़ी फसल को बेमौसम बारिश से नुकसान होने की आशंका है।
नीचे दाम पर स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा की मसूर के भाव मुंबई, कोलकाता, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतें मुंबई और कोलकाता में गुरूवार को 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गई। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ बाजारों में मसूर में ग्राहकी अच्छी होने से 25 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की क्वालिटीनुसार तेजी आई है।
दिल्ली में राजस्थानी चना के दाम 4,850 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 4,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
18 फ़रवरी 2021
दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से दिल्ली में अरहर और उड़द नरम, मसूर तेज
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