नई
दिल्ली। केंद्र सरकार ने मार्च के लिए 21 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया
है। बाजार की मौजूदा सुस्ती और कमजोर मांग को देखते हुए यह कोटा ज्यादा
माना जा रहा है। इससे बाजार में नरमी का रुख बने रहने की संभावना रहेगी।
पिछले साल मार्च में भी 21 लाख टन का कोटा जारी किया गया था।
बाजार
के जानकारों के मुताबिक मार्च के लिए 21 लाख टन के कोटे से कीमतों पर दबाव
बना रह सकता है। क्योंकि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले साल की तुलना में
मार्च में मांग कम रहने की आशंका है। चीनी में आम उपभोक्ताओं के साथ ही
उद्योग की मांग भी कम रहने की आशंका है। हालांकि आगे कोल्ड ड्रिंक और
आइसक्रीम जैसे गर्मियों के उत्पादों की खपत बढ़ने से चीनी की मांग में
सुधार आयेगा।
सरकार ने फरवरी के लिए 17 लाख टन का कोटा जारी किया
था। पिछली फरवरी के मुकाबले 3 लाख टन कोटा कम होने के बावजूद मौजूदा फरवरी
के कोटे की चीनी बिक नहीं पाई। मांग की कमी के कारण भाव पर लगातार दबाव
रहा। फरवरी 2020 के लिए सरकार ने 20 लाख टन का कोटा दिया था।
27 फ़रवरी 2021
मार्च के लिए 21 लाख टन चीनी का कोटा जारी, कीमतों पर रहेगा दबाव
दिल्ली में अरहर, मसूर में मंदा, मुंबई में चना, काबूली चना, उड़द मंदी
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की बढ़े भाव में मांग कमजोर होने से शनिवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर, चना के साथ ही मसूर की कीमतों में गिरावट आई। उधर मुंबई में भी चना, काबूली चना और उड़द में दाल मिलों की ग्राहकी कमजोर होने मंदा आया।
मुंबई और अन्य घरेलू बाजारों से नरमी के संकेत के साथ, बर्मा लाईन की नई अरहर के चेन्नई से हाजिर डिलीवरी के सौदे 100 रुपये घटकर 6,850 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुए। अरहर की कीमतें चेन्नई में 100 रुपये घटकर भाव 6,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, आयातित अरहर का स्टॉक कम होने के बावजूद भी ग्राहकी कमजोर रही। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम भी 50 रुपये घटकर 7,000 से 7,025 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हरियाणा में नई घरेलू अरहर भी सीमित आवक होने के बावजूद भी 50 रुपये घटकर 6,250 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई।
दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा और मध्य प्रदेश की मसूर की कीमतों में 25 से 75 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 5,750 और 5,825 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। घरेलू बाजार में बढ़े भाव में स्टॉकिस्टों की खरीद कमजोर थी। उत्पादक मंडियो में आयातित मसूर का स्टॉक ज्यादा है, साथ ही आने वाले दिनों में उत्पादक मंडियों में नई फसल की बढ़ेगी, इसलिए मसूर में बढ़े भाव में खरीद कर व्यापार नहीं करना चाहिए।
दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से शनिवार को मुंबई में चना के साथ ही काबूली चना और उड़द की कीमतों में गिरावट आई। बर्मा उड़द एफएक्यू पुरानी के साथ ही नई में दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से 50—50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,300-7,350 रुपये और 7,400-7,450 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। हाजिर स्टॉक कम होने के बावजूद भी कीमतों में मंदा आया।
मुंबई में तंजानिया चना के दाल 50 रुपये घटकर 4,500 रुपये रह गए, जबकि जलगांव मंडी में चापा चना की कीमतों में 125 रुपये का मंदा आकर भाव 4,650 रुपये और चना मिक्स के दाम 100 रुपये घटकर 4,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इंदौर मंडी में चना के बिल्टी भाव 100 रुपये घटकर 4,950 से 5,00 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
स्टॉकिस्ट चना की कीमतें तेज करना चाहते है, तथा तेजी का कारण मौसम में आए बदलाव को माना जा रहा है। मौसम में आई गर्माहट से चना की पछेती फसल को नुकसान की आशंका है, इससे दाम तेज हो सकते हैं लेकिन अभी बड़ी तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए।
तंजानिया लाईन के चना के साथ ही रूस-सूडान के काबुली चना में मिलों की कमजोर मांग के साथ ही उत्पादक मंडियों में घरेलू फसल की आवक बनने के कारण 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
चेन्नई में बर्मा उड़द एसक्यू की कीमतों में 150 रुपये की गिरावट आकर भाव 8,000 रुपये और अप्रैल डिलीवरी के 150 रुपये घटकर 8,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
उत्तर प्रदेश के कौंच, जालान, उरई के साथ ही कानपुर, झांसी एवं मध्यप्रदेश की दतिया और डबरा लाईन के साथ ही कुछ अन्य मंडियों में नई मटर की आवक शुरू हो गई है, तथा चालू रबी में मटर का उत्पादन अनुमान ज्यादा है। मध्य मार्च तक आवकों का दबाव बनेगा, इसलिए हल्की गिरावट आने का अनुमान है।
26 फ़रवरी 2021
दाल मिलों की मांग बढ़ने से दिल्ली में अरहर और मसूर तेज, चना नरम
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों के साथ ही व्यापारियों की मांग बढ़ने से शुक्रवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर के साथ ही मसूर की कीमतों में तेजी आई।
व्यापारियों के अनुसार दालों में खुदरा के साथ ही थोक बाजारों में मांग बढ़ने लगी है।
मुंबई और अन्य घरेलू बाजारों से मजबूती के संकेत के साथ, बर्मा लाईन की नई अरहर के चेन्नई से हाजिर डिलीवरी के सौदे 100 रुपये बढ़कर 6,900 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुए। अरहर की कीमतें चेन्नई में 125 रुपये बढ़कर भाव 6,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, आयातित अरहर का स्टॉक कम होने के कारण बिकवाली कमजोर रही। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम भी 100 रुपये बढ़कर 7,075 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। हरियाणा में नई घरेलू अरहर भी सीमित आवक होने के कारण 50 रुपये बढ़कर 6,300 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई।
दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मध्य प्रदेश और कनाडा की मसूर की कीमतों में 50 से 75 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 5,900 और 5,775 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हालांकि घरेलू बाजार में बढ़े भाव में स्टॉकिस्टों की खरीद कमजोर थी। उत्पादक मंडियो में आयातित मसूर का स्टॉक ज्यादा है, साथ ही आने वाले दिनों में उत्पादक मंडियों में नई फसल की बढ़ेगी, इसलिए मसूर में बढ़े भाव में खरीद कर व्यापार नहीं करना चाहिए।
दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा की मसूर के दाम मुंबई, कोलकाता, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर तथा ऑस्ट्रेलिया मसूर के दाम मुंबई और कोलकाता में शुक्रवार को दूसरे दिन भी 75 से 200 रुपये प्रति क्विंटल तेज हुए। मसूर दाल में थोक के साथ ही खुदरा बाजार में ग्राहकी अच्छी रही, तथा इसमें 100 रुपये की तेजी आकर दाम 6,450 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, तथा इन भाव में अच्छा व्यापार हुआ।
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख बाजारों में दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से देसी मसूर की कीमतों में क्वालिटीनुसार 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। दिल्ली और कटनी के मिलर्स की मांग बराबर बनी रही। हालांकि, ईंधन की कीमतों में वृद्धि, नए ई-वे बिल और जीएसटी के विरोध में व्यापारियों द्वारा देशव्यापी हड़ताल का आह्वान करने के कारण आज मध्यप्रदेश के प्रमुख बाजार बंद थे।
वायदा में आई नरमी से दोपहर बाद चना की कीमतों में 25 रुपये का मंदा आकर भाव राजस्थानी चना के 4,950 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के 4,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 75 रुपये की गिरावट आई, जबकि अप्रैल वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 73 रुपये का मंदा आया।
महाराष्ट्र में 24.67 लाख टन चना के उत्पादन का अनुमान
नई दिल्ली। चालू रबी में महाराष्ट्र में चना का उत्पादन 24.67 लाख टन होने का अनुमान है। राज्य सरकार के कृषि निदेशालय के अनुसार अरहर का उत्पादन 11.78 लाख टन, मूंग 2.26 लाख टन और उड़द का उत्पादन 2.58 लाख टन तथा अन्य दालों का उत्पादन 1.98 लाख टन होने का अनुमान है।
राज्य के कृषि निदेशालय के अनुसार राज्य में तिलहनी फसलों में सोयाबीन का उत्पादन 62 लाख टन, मूंगफली का 2.43 लाख टन और तिल का उत्पादन 0.02 लाख टन होने का अनुमान है। कपास का उत्पादन 88.22 लाख गांठ होने का अनुमान है।
चावल का उत्पादन अनुमान राज्य में 31.37 लाख टन, गेहूं का 17.83 लाख टन और ज्वार का उत्पादन 19 लाख टन तथा बाजरा का 8.28 और रागी का उत्पादन 1.07 लाख टन तथा मक्का का उत्पादन 39 लाख टन होने का अनुमान है।
25 फ़रवरी 2021
दिल्ली में मसूर और चना की कीमतों में तेजी, अरहर और उड़द में मंदा
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की मांग बढ़ने से गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में मसूर और चना की कीमतों में तेजी आई, जबकि अरहर के साथ ही उड़द की कीमतों में गिरावट देखी गई।
दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 100 से 200 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 5,700 और 5,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर तथा ऑस्ट्रेलिया मसूर के दाम मुंबई और कोलकाता में गुरूवार को 50 से 75 रुपये प्रति क्विंटल तेज हुए। मसूर दाल में थोक के साथ ही खुदरा बाजार में ग्राहकी अच्छी रही, तथा मसूर दाल में 6,350 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर अच्छा व्यापार हुआ। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख बाजारों में दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से देसी मसूर की कीमतों में क्वालिटीनुसार 25 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। दिल्ली और कटनी के मिलर्स की मांग अच्छी देखी गई।
बर्मा लाईन की नई अरहर की कीमतों में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,800-6,825 रुपये रह गई, चेन्नई से हाजिर डिलीवरी में मिलों की मांग और बिक्री कमजोर रही रही। चेन्नई में अरहर की कीमतों में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,475 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हालांकि, सीमित स्टॉक होने के कारण नीचे दाम पर बिकवाली कमजोर रही। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर में व्यापारिक गतिविधियां कमजोर होने के कारण 25 रुपये की नरमी आकर भाव 6,950-6,975 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। हरियाणा की नई आहर के भाव आज 6,250 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में भी 100—100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,500 रुपये और 8,450 रुपये प्रति क्विंटल रह गई, क्योंकि दाल मिलों की मांग उड़द में कमजोर रही, साथ ही चेन्नई में उड़द की कीमतों में नरमी का असर भी रहा। आयातित उड़द का हाजिर में स्टॉक कम होने के बावजूद भी कीमतों में गिरावट आई है।
उधर, कोटा (राजस्थान) की नई उड़द के साथ ही मध्य प्रदेश की नेफेड द्वारा खरीदी हुई उड़द की कीमतों में भी 50 रुपये का मंदा आकर भाव 6,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दाल मिलों की मांग कमजोर होने के कारण गुरूवार को चेन्नई, दिल्ली और मुंबई में बर्मा उड़द की कीमतों में 25 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। घरेलू नई उड़द की कीमतों में प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में क्वालिटीनुसार मिलाजुला रुख रहा। महाराष्ट्र लाईन की नई उड़द की कीमतों में दिल्ली में 150 रुपये की गिरावट आकर भाव 7,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दिल्ली में चना की कीमतों में 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर राजस्थानी चना के दाम 4,950 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के भाव 4,900 से 4,925 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
वायदा में चना में 4 फीसदी का सर्किट लगा।
अकोला मंडी में नये चना के दाम 100 रुपये तेज होकर 4,950 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मुंबई में तंजानिया का चना 100 रुपये बढ़कर 4,600 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 185 रुपये की तेजी आई, जबकि अप्रैल वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 186 रुपये का सुधार आया।
24 फ़रवरी 2021
दिल्ली में मसूर की कीमतों में तेजी, उड़द एसक्यू में गिरावट
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों के साथ ही व्यापारियों की मांग बढ़ने से बुधवार को दिल्ली के नया बाजार में मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई जबकि उड़द एसक्यू में गिरावट आई।
दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मध्य प्रदेश और कनाडा लाईन की मसूर की कीमतों में 25 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 5,650 से 5,675 रुपये और 5,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हालांकि आयातित स्टॉक ज्यादा होने के साथ ही मध्य प्रदेश और राजस्थान की कुछ मंडियों में मसूर की आवक शुरू होने से कीमतों में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
दाल मिलों की हाजिर मांग सीमित होने से कनाडा की मसूर के दाम मुंबई, कोलकाता, हजीरा, मुंद्रा और कांडला बंदरगाह पर तथा ऑस्ट्रेलिया मसूर के दाम मुंबई और कोलकाता में बुधवार को स्थिर बने रहे। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख बाजारों में दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से देसी मसूर की कीमतों में क्वालिटीनुसार 25 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई।
चेन्नई में आई गिरावट के साथ ही दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से दिल्ली में बर्मा उड़द एसक्यू की कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 8,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। हाजिर में उड़द का स्टॉक कमजोर होने के बावजूद भी कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। दूसरी ओर, उड़द एफएक्यू 7,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।
आयातित हाजिर स्टॉक कम होने के साथ ही दाल मिलों की हाजिर मांग भी कमजोर होने से बुधवार को चेन्नई और दिल्ली में बर्मा उड़द एसक्यू की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कोलकाता में उड़द एफएक्यू की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। नई घरेलू उड़द की कीमतों में प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में क्वालिटीनुसार 50 से 200 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया, क्योंकि दाल मिलों की मांग कमजोर थी।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 10 रुपये की तेजी आई, जबकि अप्रैल वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 14 रुपये का सुधार आया।
खाद्यान्न का रिकार्ड 30.34 करोड़ टन उत्पादन का अनुमान, धान एवं गेहूं का बंपर
नई दिल्ली। चालू फसल सीजन 2020-21 में देश में खाद्यान्न का रिकार्ड 30.34 करोड़ टन उत्पादन होने का अनुमान है जोकि फसल सीजन 2019-20 के 29.75 करोड़ टन से अधिक है।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार चालू फसल सीजन 2020-21 में देश में धान के साथ ही गेहूं का रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है। धान का उत्पादन बढ़कर 12.03 करोड़ टन और गेहूं का 10.92 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल इनका उत्पादन क्रमश: 11.84 और 10.57 करोड़ टन का ही हुआ था।
मोटे अनाजों का उत्पादन अनुमान फसल सीजन 2020-21 में 493.6 लाख टन, दालों का 244.2 लाख टन और तिलहन का उत्पादन 373.1 लाख टन होने का अनुमान है। मोटे अनाजों में मक्का का उत्पादन 301.6 लाख टन होने का अनुमान है। दालों में चना का उत्पादन 116.2 लाख टन और अरहर का उत्पादन 38.8 लाख टन होने का अनुमान है। तिलहनी फसलों में सोयाबीन का उत्पादन 137.1 लाख टन और मूंगफली का 101.5 लाख टन होने का अनुमान है। सरसों का उत्पादन 104.3 लाख टन होने का अनुमान है। कपास का उत्पादन चालू फसल सीजन में 365.4 लाख गांठ (एक गांठ -170 किलो) होने का अनुमान है।
23 फ़रवरी 2021
तेल मिलों की मांग से हरियाणा और राजस्थान में बिनौला के दाम रुके, पंजाब में नरम
नई दिल्ली। उत्तर भारत के राज्यों पंजाब में मंगलवार को बिनौला की कीमतों में नरमी आई, जबकि हरियाणा और राजस्थान की मंडियों में दाम स्थिर बने रहे। कपास खली के भाव इन राज्यों में रुक गए।
हरियाणा के आदमपुर में बिनौला के एक्स फैक्ट्री भाव लगातार दूसरे दिन 3175 से 3225 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे जबकि कपास खली में मांग कमजोर रही, लेकिन तेल मिलों की बिकवाली भी कम आने से भाव 2700 से 2800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। राज्य की सिरसा और कलवानी मंडी में बिनौला के भाव 3,250 रुपये और कैथल मंडी 3,050 रुपये प्रति क्विंटल पर लगातार दूसरे दिन स्थिर बने रहे। राजस्थान की अलवर मंडी में बिनौला के भाव 3050 रुपये तथा ब्यावर में 2,900 से 3,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे। पंजाब की भटिंडा और अबोहर मंडी में मंगलवार को बढ़े भाव में मांग कमजोर होने से बिनौला के भाव में 25 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई।
हरियाणा की असंध और उचाना मंडी में कपास खली के दाम 2,880 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे। बरवाला मंडी में कपास खली के भाव 2,690 से 2,800 रुपये और कैथल में 2,820 से 2,860 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। राजस्थान की शादुलशहर मंडी में कपास खली के दाम 2550 से 2650 रुपये और गोलूवाला मंडी में 2,640 से 2,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। राज्य की खैरथल मंडी में मंगलवार को बिनौला की कीमतें लगातार दूसरे दिन 2975 से 3025 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।
व्यापारियों के अनुसार विश्व बाजार में दाम बढ़ने से कपास की कीमतों में तेजी बनी हुई है, साथ ही बिनौला तेल के भाव पिछले दो दिनों में करीब 25 से 30 रुपये प्रति 10 किलो तक बढ़ चुके हैं। ऐसे में बिनौला में तेल मिलों की मांग बनी रहने से भाव में सुधार ही आने की उम्मीद है लेकिन कपास खली की कीमतों में सीमित तेजी, मंदी बनी रहने की संभावना है।
दिल्ली में अरहर, चना और मसूर की कीमतों में तेजी जारी
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों के साथ ही व्यापारियों की खरीद बढ़ने से मंगलवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर, चना और मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
दाल मिलों की मांग से कर्नाटक लाईन की नेफेड की पुरानी अरहर की कीमतें 150 रुपये बढ़कर 7,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। हरियाणा लाईन की नई अरहर की कीमतों में लगातार दूसरे दिन 150 रुपये की तेजी आकर भाव 6,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई से तैयार डिलीवरी में बर्मा की नई अरहर की कीमतों में 125 रुपये की तेजी आकर भाव 6,850 रुपये क्विंटल हो गए। चेन्नई में नई अरहर के दाम आज 6,500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
बर्मा में लेमन अरहर नई के दाम 750 डॉलर और पुरानी के 690 डॉलर प्रति टन पर स्थिर बने रहे।
बर्मा में उड़द एफएक्यू के दाम 770 डॉलर और एसक्यू के भाव 920 डॉलर प्रति टन पर स्थिर बने रहे।
चेन्नई में बर्मा उड़द एसक्यू के दाम 25 रुपये बढ़कर 8,300 रुपये और अप्रेल डिलीवरी के दाम 100 रुपये बढ़कर 8,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। उड़द एफएक्यू के दाम चेन्नई में 7450 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
आयातित हाजिर स्टॉक कम होने के साथ ही दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मंगलवार को चेन्नई और कोलकाता में में बर्मा की उड़द की कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। हालांकि उड़द दाल में थोक एवं खुदरा में ग्राहकी कमजोर ही रही, लेकिन अगले सप्ताह से मांग में सुधार आने का अनुमान है। नई घरेलू उड़द की कीमतों में प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में क्वालिटीनुसार मिलाजुला रुख देखा गया।
बर्मा आधारित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, भारत (चेन्नई) के लिए उड़द ले जाने वाला सीधा जहाज ने अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। इस बीच, कंटेनरों के भाड़े में बढ़ोतरी हुई है। आंध्र प्रदेश के प्रमुख जिलों में उड़द की आवक बराबर बनी हुई है।
दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 25 से 50 रुपये की तेजी आकर भाव 5,625 रुपये और 5,575 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। हालांकि आयातित स्टॉक ज्यादा होने के साथ ही मध्य प्रदेश और राजस्थान की कुछ मंडियों में मसूर की आवक शुरू होने से कीमतों में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
दिल्ली में राजस्थानी चना के भाव 4,725 से 4,750 रुपये और मध्य प्रदेश लाईन के चना के दाम 4,700 से 4,725 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
22 फ़रवरी 2021
जानिए किस राज्य से केंद्र सरकार एमएसपी पर कितना चना खरीदेगी
नई दिल्ली। चालू रबी में केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश से 2,12,850 टन, महाराष्ट्र से 6,17,000 टन, तेलंगाना से 51,325 टन, कर्नाटक से 1,67,000 टन और मध्य प्रदेश से 2,28,500 टन चना की खरीद को मंजूरी दी है, जबकि पिछले रबी सीजन में इन राज्यों से क्रमश: 34,498 टन, 3,34,624 टन, 47,600 टन, 1,01,843 टन और 7,06,314 टन चना की खरीद को मंजूरी दी थी।
केस्टर सीड का उत्पादन 2.61 फीसदी घटने का अनुमान - एसईए
नई दिल्ली।
बुआई में आई कमी से चालू फसल सीजन 2020-21 में केस्टर सीड का उत्पादन
2.61 फीसदी घटकर 19.02 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल देश में
19.53 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन
ऑफ इंडिया, एसईए द्वारा जारी अग्रिम अनुमान के अनुसार प्रमुख उत्पादक
राज्य गुजरात में चालू फसल सीजन में केस्टर सीड का उत्पादन 16.29 लाख टन
होने का अनुमान है जोकि इसके पिछले साल के 16.59 लाख टन से कम है। राजस्थान
में केस्टर सीड का उत्पादन 2.35 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले
साल 2.45 लाख टन का हुआ था। आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में केस्टर सीड का
उत्पादन लगभग 22 हजार टन और अन्य राज्यों में करीब 15,000 टन होने का
अनुमान है।
चालू सीजन में केस्टर सीड की बुआई में 15 फीसदी की कमी
आई थी, लेकिन उत्पादकता पिछले साल की तुलना में ज्यादा बैठी है। एसईए के
अनुसार केस्टर सीड का तीसरा उत्पादन अनुमान मार्च/अप्रैल में जारी किया
जायेगा। एसईए के अनुसार चालू सीजन में औसतन प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 2,303
किलोग्राम बैठी है जोकि पिछले साल के 2,007 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर से
ज्यादा है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार केस्टर सीड की बुआई 2020-21
में 15 फीसदी घटकर केवल 8,26,120 हेक्टेयर में ही हुई थी जबकि इसके पिछले
साल बुआई 9,73,190 हेक्टयेर में हुई थी।
दिल्ली में अरहर, मसूर और काबूली चना तेज, देसी चना और उड़द में मंदा
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों के साथ ही व्यापारियों की खरीद बढ़ने से सोमवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर, मसूर के साथ ही काबूली चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। देसी चना के साथ ही उड़द की कीमतों में गिरावट आई।
दाल मिलों की मांग से कर्नाटक लाईन की नेफेड की पुरानी अरहर की कीमतें 50 रुपये बढ़कर 6,850 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। इसी तरह, हरियाणा लाईन की नई अरहर की कीमतों में 100 रुपये की तेजी आकर भाव 6,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई से तैयार डिलीवरी में बर्मा की नई अरहर की कीमतें 6,725 रुपये क्विंटल पर स्थिर बनी रही। चेन्नई में नई अरहर के दाम आज 6,450 से 6,500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
बर्मा में लेमन अरहर नई का भाव 750 डॉलर और पुरानी का 690 डॉलर प्रति टन पर स्थिर रहा।
उड़द बर्मा में एसक्यू का भाव 920 डॉलर और एफएक्यू का 770 डॉलर प्रति टन पर स्थिर बना रहा।
आयातित हाजिर स्टॉक कम होने के बावजूद भी दाल मिलों की कमजोर मांग से सोमवार को चेन्नई में बर्मा की उड़द एसक्यू की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। नई घरेलू उड़द की कीमतें प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में क्वालिटीनुसार 100-200 रुपये प्रति क्विंटल घट गई क्योंकि मिलों की हाजिर मांग काफी कमजोर रही।
दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 25 रुपये की तेजी आकर भाव 5,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि कनाडा लाईन की मसूर के दाम 5,525 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। हालांकि आयातित स्टॉक ज्यादा होने के साथ ही मध्य प्रदेश और राजस्थान की कुछ मंडियों में मसूर की आवक शुरू होने से कीमतों में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
दाल मिलों की सीमित मांग के कारण कनाडा की मसूर के दाम मुंबई, कोलकाता, हजीरा, मुंद्रा और कांडला बंदरगाह पर तथा ऑस्ट्रेलिया मसूर के दाम मुंबई और कोलकाता में सोमवार को स्थिर बने रहे। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख बाजारों में देसी मसूर की कीमतों में मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से क्वालिटीनुसार 25 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। मध्य प्रदेश के कुछ बाजारों में नई मसूर की आवक हुई, तथा नए मालों में करीब 10-13 फीसदी की नरमी आ रही है।
स्थानीय व्यापारियों की मांग से महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और इंदौर लाईन के काबूली चना की कीमतों में 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। हालांकि, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में नए काबुली चने की आवक शुरू हो गई है। दाल ज्यादा होने के कारण आयातित काबूली चना के पड़ते नहीं लग रहे हैं।
राजस्थानी देसी चना के दाम दिल्ली में 75 रुपये घटकर 4,700 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 100 रुपये घटकर 4,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
गुजरात की मंडियों नए चना की आवक बढ़ रही है, तथा मंडियों में नया चना 4100-4345 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है।
ललितपुर में नया सफ़ेद मटर 13 से 15 फीसदी मॉइस्चर वाला 5500 से 5800 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर बिका।
19 फ़रवरी 2021
उत्तर प्रदेश से एमएसपी पर चना और मसूर की खरीद को मंजूरी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन 2020-21 में पीएसएस स्कीम के तहत 2,12,850 टन चना एवं 1,13,200 टन मसूर की खरीद को मंजूरी दे दी है। चना एवं मसूर की खरीद नेफेड राज्य सरकार की एजेंसियों के साथ मिलकर करेगी।
दाल मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली में अरहर, चना और मसूर में गिरावट
नई
दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से शुक्रवार को
दिल्ली के नया बाजार में अरहर, चना और मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की
गई।
चेन्नई से तैयार डिलीवरी में बर्मा की नई अरहर की कीमतों में
100 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,700 रुपये क्विंटल रह गई, हालांकि आवक कम
होने के बावजूद भी मांग कम थी। इसी तरह से चेन्नई में नई अरहर की कीमतों
में आज 100 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
हरियाणा लाईन की नई अरहर की कीमतों में 200 रुपये का मंदा आकर भाव 6,000
रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की पुरानी अरहर की
कीमतें 100 रुपये घटकर 6,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गई।
मध्य
प्रदेश में मौसम में आए सुधार से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की
कीमतों में 25 से 100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 5,525 रुपये और 5,600
रुपये प्रति क्विंटल रह गए। आयातित स्टॉक ज्यादा होने के साथ ही मध्य
प्रदेश और राजस्थान की कुछ मंडियों में मसूर की आवक शुरू होने से कीमतों
में नरमी आई।
नीचे दाम पर स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा की मसूर के भाव में कोलकाता में शुक्रवार को 25 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आया। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख बाजारों में मसूर की कीमतों में क्वालिटीनुसार मिलाजुला रुख रहा। मध्य प्रदेश के कुछ बाजारों में नई मसूर की आवक हुई, तथा नए मालों में करीब 10-13 फीसदी की नरमी आ रही है। आयातित मसूर का बकाया स्टॉक ज्यादा है, जबकि मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ बाजारों में नई मसूर की आवक शुरू हो गई है, इसलिए कीमतों पर दबाव है।
विदेशी बाजार में दाम तेज होने के कारण आगे मसूर का आयात होने की उम्मीद नहीं है। कनाडा की क्रिमसन और ऑस्ट्रेलिया मसूर के दाम 680 डॉलर और कंटेनरों में 670 डॉलर प्रति टन, सीएंडएफ के भाव बोले जा रहे हैं।
राजस्थानी चना की कीमतों मेंं आज 75 रुपये का मंदा
आकर भाव 4,750 से 4,775 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के भाव में 50 रुपये
की गिरावट आकर भाव 4,725 से 4,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
आयातित हाजिर स्टॉक कम होने के बावजूद भी दाल मिलों की कमजोर मांग से शुक्रवार को चेन्नई, दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में उड़द के दाम स्थिर बने रहे। दूसरी ओर, नई घरेलू उड़द की कीमतें राजस्थान और गुजरात की प्रमुख मंडियों में क्वालिटी के हिसाब से 100-200 रुपये प्रति क्विंटल तेज बोली गई। मिलों की हाजिर मांग में तेजी देखी गई।
जनवरी में डीओसी का निर्यात 194 फीसदी बढ़ा, दक्षिण कोरिया सबसे बड़ा आयातक
नई
दिल्ली। जनवरी में डीओसी के निर्यात में 194 फीसदी की भारी बढ़ोतरी होकर
कुल निर्यात 498,060 टन का हुआ है जबकि पिछले साल जनवरी में 169,397 टन का
ही निर्यात हुआ था।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया,
एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले दस महीनों अप्रैल से जनवरी
के दौरान डीओसी का निर्यात 39 फीसदी बढ़कर 2,962,680 टन का हुआ है जबकि
पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 2,127,635 टन का ही हुआ
था।
एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले दस महीनों में
डीओसी का निर्यात सबसे ज्यादा दक्षिण कोरिया को 726,667 टन का हुआ, हालांकि
यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना से 6.24 फीसदी कम है। पिछले वित्त वर्ष की
समान अवधि में दक्षिण कोरिया ने भारत से 775,077 टन डीओसी का आयात किया था।
वियतनाम ने चालू वित्त वर्ष के पहले दस महीनों में 390,139 टन, थाइलैंड ने
183,924 टन, यूएसए ने 199,145 टन, ताइवान ने 115,128 टन तथा बंग्लादेश ने
383,637 टन डीओसी का आयात किया है।
दिसंबर के मुकाबले जनवरी में
डीओसी की कीमतों में भी तेजी आई है। जनवरी में सोया डीओसी का भाव बढ़कर
भारतीय बंदरगाह पर 529 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि दिसंबर में इसका भाव 492
डॉलर प्रति टन था। हालांकि सरसों डीओसी का भाव दिसंबर के 295 डॉलर प्रति
टन से घटकर जनवरी में भारतीय बंदरगाह पर 293 डॉलर प्रति टन रह गया।
18 फ़रवरी 2021
चीनी उत्पादन 208 लाख टन के पार, पिछले साल की तुलना में 22.86 फीसदी ज्यादा
नई
दिल्ली। चीनी मिलों में जल्द पेराई शुरू होने से चालू पेराई सीजन 2020-21
के पहले साढ़े चार महीनों पहली अक्टूबर से 15 फरवरी 2021 तक चीनी का
उत्पादन 22.86 फीसदी बढ़कर 208.89 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले सीजन
में इस दौरान केवल 170.01 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था।
चालू
पेराई सीजन में 497 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी जिनमें से 33 चीनी
मिलों में गन्ने की उपलब्धता नहीं होने से पेराई बंद हो गई है।
इंडियन
शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र
में चालू पेराई सीजन में 15 फरवरी 2021 तक 75.46 लाख टन चीनी का उत्पादन हो
चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 43.38 लाख टन का ही उत्पादन हुआ
था। राज्य में चालू पेराई सीजन में 183 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी,
जिनमें से दो चीनी मिलों में पेराई बंद हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश
में चालू पेराई सीजन में 120 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जिसमें से
चार मिलों में पेराई बंद हो चुकी है। राज्य में 15 फरवरी 2021 तक 65.13 लाख
टन चीनी का उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 66.34
लाख टन से थोड़ा कम है, पिछले पेराई सीजन में राज्य में 119 मिलों में
पेराई चल रही थी।
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 15 फरवरी तक
39.07 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान
अवधि में केवल 30.80 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था।
गुजरात में
चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 6.55 लाख टन और तमिलनाडु में 2.25
लाख टन चीनी का उत्पादन 15 फरवरी 2021 तक हो चुका है। देश के अन्य राज्यों
आंध्रप्रदेश और तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और मध्य
प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा में 20.43 लाख टन चीनी का उत्पादन हो
चुका है।
इस्मा के अनुसार चालू सीजन के पहले साढ़े चार महीनों में करीब 25 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुके हैं।
दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से दिल्ली में अरहर और उड़द नरम, मसूर तेज
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के कई जिलों के साथ ही महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में खराब मौसम जारी है तथा इन राज्यों में कई जगहों पर ओलावृष्टि भी हुई है, जिससे चना, मसूर और गेहूं की फसल की आवक प्रभावित होगी, साथ ही क्वालिटी पर भी असर पड़ेगा। इसलिए भाव में और सुधार बन सकता है।
स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर और उड़द की कीमतों में गिरावट आई, जबकि मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
बर्मा की नई अरहर की कीमतों में आज दिल्ली में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। दूसरी ओर, हरियाणा और कर्नाटक लाईन की नई अरहर के साथ-साथ नेफेड ने पुरानी अरहर की कीमतें 6,200 रुपये और 6,900-6,925 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। इसी तरह चेन्नई में अरहर की कीमतें 6,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रही। बर्मा में लेमन अरहर नई के दाम 750 डॉलर और पुरानी के 690 डॉलर प्रति टन पर स्थिर बने रहे।
बर्मा उड़द एफएक्यू-एसक्यू के दाम चेन्नई-मुंबई के कमजोर संकेतों के बाद सुस्त मिलर्स के व्यापार के कारण 50-100 रुपये घटकर 7,550-7,600 रुपये और 8,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गईं। हाजिर में स्टॉक कम होने के बाद भी भाव में गिरावट आई है। कोटा (राजस्थान) में मध्य प्रदेश की पुरानी नेफेड की खरीदी हुई उड़द के दाम 150 रुपये घटकर 7,050 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई। महाराष्ट्र लाईन की नई उड़द भी 100 रुपये घटकर 8,050-8,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गई।
आयातित हाजिर स्टॉक कम होने के बावजूद भी दाल मिलों की हाजिर मांग घटने से गुरूवार को चेन्नई, दिल्ली और मुंबई में उड़द की कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। दाल मिलों की मांग घटने से घरेलू मंडियों में नई देसी उड़द की कीमतों में क्वालिटीनुसार 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की क्वालिटीनुसार गिरावट आई।
बर्मा में, उड़द एसक्यू में स्थानीय और निर्यात मांग कमजोर होने से 30 डॉलर की गिरावट आकर भाव 920 डॉलर प्रति टन रह गए, जबकि एफएक्यू के दाम 770 डॉलर प्रति पर स्थिर रहे। बंदरगाह पर लोडिंग-अनलोडिंग की गतिविधियां बंद रही। बर्मा आधारित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, भारत (चेन्नई) के लिए उड़द ले जाने वाला सीधा जहाज भी निर्धारित अविध के लिए स्थगित कर दिया गया है। बंदरगाह पर सामान्य गतिविधियां अगले 3 से 4 दिनों में शुरू होने की संभावना है।
स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आने एवं दाल मिलों की नीचे दाम पर मांग बढ़ने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 25 से 150 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 5,550 रुपये और 5,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
मसूर की कीमतों में तेजी को समर्थन इसलिए मिला, क्योंकि मध्य प्रदेश के प्रमुख मसूर उत्पादक क्षेत्रों में बेमौसम मौसम बारिश और ओलों से फसल प्रभावित होने का डर है। मध्य प्रदेश में नई फसल की आवक पर इसका प्रभाव पड़ेगा, साथ ही खड़ी फसल को बेमौसम बारिश से नुकसान होने की आशंका है।
नीचे दाम पर स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा की मसूर के भाव मुंबई, कोलकाता, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतें मुंबई और कोलकाता में गुरूवार को 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गई। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ बाजारों में मसूर में ग्राहकी अच्छी होने से 25 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की क्वालिटीनुसार तेजी आई है।
दिल्ली में राजस्थानी चना के दाम 4,850 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 4,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
17 फ़रवरी 2021
दाल मिलों की मांग बढ़न से दिल्ली में अरहर एवं मसूर तेज, चना के दाम रुके
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बुधवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर के साथ ही मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
नीचे दाम पर मिलों की मांग बढ़ने और चेन्नई में कीमतों में आए सुधार से, बर्मा की नई अरहर की कीमतों में आज दिल्ली में 100 रुपये की तेजी आकर भाव 6,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इसी तरह चेन्नई में अरहर की कीमतों में 150 रुपये की तेजी आकर भाव 6,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हरियाणा लाईन की नई अरहर की कीमतों में 100 रुपये की तेजी आकर भाव 6,200 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की पुरानी अरहर के दाम भी दिल्ली में 100 रुपये बढ़कर 6,900 से 6,925 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई।
स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आने एवं दाल मिलों की नीचे दाम पर मांग बढ़ने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 75 से 100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 5,525 रुपये और 5,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
मसूर की कीमतों में तेजी को समर्थन इसलिए मिला, क्योंकि मध्य प्रदेश के प्रमुख मसूर उत्पादक क्षेत्रों में बेमौसम मौसम बारिश और ओलों से फसल प्रभावित होने का डर है। मध्य प्रदेश में नई फसल की आवक पर इसका प्रभाव पड़ेगा, साथ ही खड़ी फसल को बेमौसम बारिश से नुकसान होने की आशंका है।
आयातित का हाजिर स्टॉक कम होने के साथ ही दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बुधवार को चेन्नई और मुंबई में उड़द की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। इसी तरह से, दाल मिलों की मांग बढ़ने से प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में नई देसी उड़द की कीमतों में क्वालिटीनुसार 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। बर्मा में, उड़द एफएक्यू और एसक्यू में स्थानीय और निर्यात मांग कमजोर होने से इनके दाम स्थिर बने रहे। हड़ताल के कारण बंदरगाह पर लोडिंग-अनलोडिंग की गतिविधियां बंद रही है।
दिल्ली में राजस्थानी चना के दाम 4,850 रुपये और मध्यप्रदेश के चना के दाल 4,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश के 18 जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की भविष्यवाणी जारी की है, अत: बारिश या फिर ओले गिरे तो चना की फसल की आवक में देरी के साथ ही क्वालिटी को भी नुकसान होगा। इसलिए भाव बढ़ने की उम्मीद है।
उद्योग ने केंद्र से चार-चार लाख टन अरहर और उड़द के लाइसेंस जारी करने की मांग की
नई दिल्ली। उत्पादन अनुमान में कमी की आशंका के कारण ऑल इंडिया दाल मिल्स एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से चार-चार लाख टन अरहर और उड़द के आयात के लिए दाल मिलों को आयात लाइसेंस जारी करने का आग्रह किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय उद्योग और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और विदेश व्यापार के महानिदेशक को अखिल भारतीय दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष, सुरेश अग्रवाल ने अलग-अलग लिखे पत्रों में मांग की है कि इस साल कीट के हमले के कारण अरहर और उड़द की फसलों को नुकसान हुआ है। अत: देश में अरहर और उड़द का उत्पादन घटने की आशंका है, जिससे आने वाले दिनों में दलहनी फसलों की कीमतों में तेजी आ सकती है।
अत: घरेलू बाजार में दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, DGFT को तुरंत दाल मिलों को आयात लाइसेंस जारी कर देना चाहिए क्योंकि दाल मिलों को आवश्यक आयात औपचारिकताएं पूरी करने के लिए समय लगेगा। अग्रवाल ने कहा कि पिछले साल आयात लाइसेंस जारी करने में देरी और आयात की अवधि कम होने के कारण, निर्यातक देशों दालों की कीमतों में तेजी आई थी।
इसके अलावा शिपिंग कंपनियों द्वारा भांड़े में बढ़ोतरी से भी, आयातक दाल मिलों के मालिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
15 फ़रवरी 2021
अरहर, चना, मसूर और उड़द एफएक्यू के दाम दिल्ली में घटे, राजमा और मूंग में तेजी
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से सोमवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर, चना और मसूर के साथ ही उड़द एफएक्यू की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि राजमा की कीमतों में सुधार आया।
बर्मा लाईन की नई अरहर की कीमतें आज दिल्ली में 6,750 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। चेन्नई में अरहर की कीमतों में 50 रुपये का मंदा आकर भाव 6,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हरियाणा लाईन की नई अरहर की कीमतों में 100 रुपये का मंदा आकर भाव 6,100 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की पुरानी अरहर के दाम भी दिल्ली में 100 रुपये घटकर 6,850 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई।
चना की कीमतों में 25 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आकर राजस्थान चना के दाम दिल्ली में 4,700 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 4,675 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
मोठ के भाव आज दिल्ली में 50 रुपये बढ़कर 7,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
बर्मा उड़द एफएक्यू की कीमतों में आज दिल्ली में 100 रुपये की गिरावट आकर भाव 7,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हाजिर में स्टॉक कम होने के बावजूद भी इसकी कीमतों में गिरावट आई। उड़द एसक्यू के दाम आज दिल्ली में 8,800 रुपये पर स्थिर बने रहे।
आयातित का हाजिर स्टॉक कम होने के बावजूद भी दाल मिलों की मांग घटने से सोमवार को चेन्नई, मुंबई और दिल्ली में बर्मा उड़द की कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया।
मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कोलकाता के बाजार में बर्मा उड़द एफएक्यू में 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। मिलों की सीमित मांग से प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में नई देसी उड़द की कीमतों में क्वालिटीनुसार 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया।
बर्मा में, उड़द एफएक्यू और एसक्यू में स्थानीय और निर्यात मांग कमजोर होने से इनके दाम स्थिर बने रहे। हड़ताल के कारण बंदरगाह पर लोडिंग-अनलोडिंग की गतिविधियां बंद रही है। बर्मा आधारित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, भारत (चेन्नई) के लिए उड़द ले जाने वाला सीधा जहाज भी निर्धारित अविध के लिए स्थगित कर दिया गया है। निकट भविष्य में बंदरगाह पर गतिविधियां शुरू होने की संभावना है।
स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ने एवं दाल मिलों की मांग कम होने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 25 से 125 रुपये का मंदा आकर भाव क्रमशः 5,450-5,475 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मसूर दाल में उठाव कमजोर होने से कीमतों पर दबाव देखा गया जबकि मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ बाजारों में नई घरेलू मसूर की आवक देखी गई।
स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा की मसूर के भाव कांडला, हजीरा और मुंद्रा बंदरगाह के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतें सोमवार को मुंबई में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल घट गई। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की प्रमुख मंडियों में, व्यापारिक गतिविधियां कमजोर होने के कारण देसी मसूर की कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
चीन की राजमा के साथ ही बर्मा और मद्रास की शर्मिली चित्रा छोटी किस्म की राजमा की कीमतों में आज दिल्ली में 200-500 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।
जलगांव, जयपुर, किशनगढ़ और दिल्ली में दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मूंग की कीमतों में आज 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई।
उत्तर प्रदेश सरकार ने लगातार तीसरे साल गन्ना मूल्य में नहीं की बढ़ोतरी
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने लगातार तीसर साल गन्ने के राज्य परामर्श मूल्य, एसएपी में कोई बढ़ोतरी नहीं। रविवार देर शाम पेराई सत्र 2020-21 के लिए गन्ने के राज्य परामर्श मूल्य, एसएपी की घोषणा कर दी। अत: पिछले पेराई सीजन की तरह सामान्य प्रजाति के गन्ने का मूल्य 315 रुपये और अगेती प्रजाति का 325 रुपये क्विंटल निर्धारित किया गया है। अस्वीकृत प्रजाति के गन्ना एसएपी 310 रुपये प्रति क्विंटल ही रहेगा।
मार्च 2017 में सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने पहले साल सत्र 2017-18 में गन्ने के राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) में 10 रुपये की वृद्धि की थी। तब अस्वीकृत, सामान्य व अगेती प्रजाति के लिए क्रमश: 310, 315 और 325 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य घोषित किया था। गन्ना पेराई सत्र 2018-19 और 2019-20 में भी राज्य परामर्शी मूल्य यथावत रहा। इस बार पेराई सीजन 2020-21 के लिए गन्ना मूल्य की घोषणा बहुत विलंब से हुई है तथा तीसरे साल भी इसको स्थिर रहा।
राज्य में पहली अक्तूबर 2020 से गन्ने की पेराई आरंभ हो गई थी। गन्ना मूल्य रविवार को कैबिनेट बाईसर्कुलेशन तय किया गया है। इस बार किसान गन्ना मूल्य में वृद्धि की उम्मीद संजोए हुए थे। लगभग दो माह की देरी से गन्ना मूल्य घोषित होने के बावजूद रेट यथावत रहने से किसानों की उम्मीदों को झटका लगा है।
13 फ़रवरी 2021
चालू रबी में 112 लाख टन चना के उत्पादन का अनुमान - उद्योग
नई दिल्ली। चालू रबी सीजन में देश में चना का उत्पादन बढ़कर 112 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 107.31 लाख टन से ज्यादा है। महाराष्ट्र के साथ ही गुजरात में चना का उत्पादन अनुमान ज्यादा है, जबकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक तथा आंधप्रदेश और तेलंगाना में उत्पादन अनुमान कम है।
आईजीपीए द्वारा आयोजित तीसरे दलहन सेमिनार में जारी आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में चना का उत्पादन चालू रबी में 25.75 लाख टन होने का अनुमान है जोकि इसके पिछले साल के 27.38 लाख टन से 5.95 फीसदी कम है। महाराष्ट्र में चालू रबी में चना का उत्पादन 12.57 फीसदी बढ़कर 24.53 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले रबी सीजन में राज्य में 21.79 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
राजस्थान में चालू रबी में चना का उत्पादन 21.24 लाख टन ही होने का अनुमान है जोकि पिछले रबी सीजन के 21.38 लाख टन से 0.65 फीसदी कम है। कर्नाटक में चना का उत्पादन पिछले साल के 12.26 लाख टन से घटकर चालू रबी में 11.75 लाख टन ही होने का अनुमान है। गुजरात में चना का उत्पादन चालू रबी में पिछले साल के मुकाबले 116.67 फीसदी बढ़कर 8.19 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल केवल 3.78 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था। इसी तरह से आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में चना का उत्पादन पिछले साल के 8.03 लाख टन से घटकर चालू रबी में 5.32 लाख टन होने का अनुमान है। अन्य राज्यों में चना का उत्पादन बढ़कर 15.22 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले रबी में इन राज्यों में 14.69 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
नेफेड के साथ हाजिर बाजारों को मिलाकर चना का बकाया स्टॉक करीब 20 से 22 लाख टन चना का बचा हुआ है। नेफेड के पास 12 से 13 लाख टन चना का बकाया स्टॉक है। जानकारों के अनुसार चना के दाम नीचे में मंडियों में 4,300 से 4,400 रुपये प्रति क्विंटल बनने पर खरीद करनी चाहिए, आगे न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी 5,100 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीद शुरू होने पर कीमतों में सुधार आने का अनुमान है।
12 फ़रवरी 2021
दाल मिलों अच्छी मांग से दिल्ली चना तेज, उड़द, अरहर और मसूर में नरमी
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बनी रहने से शुक्रवार को दिल्ली के नया बाजार में चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई जबकि उड़द, अरहर और मसूर की कीमतों में नरमी आई।
स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ने से दोपहर बार मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतें 25 रुपये घटकर 5625 रुपये प्रति क्विंटल रह गई । आयातित स्टॉक की उपलब्धता ज्यादा होने के साथ ही, इस वर्ष बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी और मसूर दाल में उठाव कमजोर होने से कीमतों में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं है। मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ बाजारों में नई घरेलू मसूर की आवक देखी गई।
दिल्ली में राजस्थानी चना के दाम 100 रुपये बढ़कर 4,725 से 4,750 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 75 रुपये तेज होकर 4,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
बर्मा में लेमन अरहर नई का भाव 750 डॉलर प्रति टन और पुरानी का 690 डॉलर प्रति टन सीएंडएफ रहा। दिल्ली में लेमन अरहर के भाव 50 रुपये घटकर 6,800 रुपये और महाराष्ट्र की अरहर के दाम 50 रुपये घटकर 7,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
बर्मा उड़द एफएक्यू का भाव 770 डॉलर प्रति टन और एसक्यू का भाव 950 डॉलर प्रति टन पर स्थिर रहा। चेन्नई में उड़द एफएक्यू के दाम 50 रुपये घटकर 7,600 रुपये और मार्च डिलीवरी के भाव 7,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। एसक्यू के दाम भी 50 रुपये घटकर 8,550 रुपये और मार्च डिलीवरी के 8,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 25 रुपये की तेजी आई, जबकि अप्रैल वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 18 रुपये का सुधार आया।
चालू तेल वर्ष की पहली तिमाही में खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 3 फीसदी बढ़ा-एसईए
नई
दिल्ली। चालू तेल वर्ष 2020-21 (नवंबर-20 से अक्टूबर-21) की पहली तिमाही
नवंबर से जनवरी के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 3 फीसदी की
बढोतरी होकर कुल आयात 3,556,153 टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की पहली
तिमाही में इनका आयात 3,451,313 टन का हुआ था।
साल्वेंट
एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसईए के अनुसार जनवरी में खाद्य एवं
अखाद्य तेलों के आयात में 8 फीसदी की कमी आकर कुल आयात 1,096,669 टन का हुआ
है जबकि पिछले साल जनवरी में इनका आयात 1,195,812 टन का हुआ था। जनवरी में
खाद्य तेलों का आयात 1,074,635 टन का और अखाद्य तेलों का 22,034 टन का हुआ
है।
एसईए के अनुसार विश्व बाजार में दाम बढ़ने से आयातित खाद्य
तेलों की कीमतों में दिसंबर के मुकाबले जनवरी में बढ़ोतरी हुई है। भारतीय
बंदरगाह पर आरबीडी पामोलीन तेल का भाव दिसंबर में 968 डॉलर प्रति टन था,
जोकि जनवरी में बढ़कर 1,022 डॉलर प्रति टन हो गया। इसी तरह से क्रुड पाम तेल
का भाव जनवरी 2021 में बढ़कर 1,047 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि दिसंबर में
इसका भाव 974 डॉलर प्रति टन था। क्रुड सोयाबीन तेल का भाव दिसंबर के 1,081
डॉलर प्रति टन से बढ़कर जनवरी में 1,121 डॉलर प्रति टन हो गया।
लॉजिस्टिक और भुगतान की समस्या से चीनी निर्यात में गिरावट की आशंका-उद्योग
नई दिल्ली। विश्व बाजार में चीनी की कीमतों में आई तेजी से भारत से निर्यात तो अनुकूल हो गया है जबकि लॉजिस्टिक और भुगतान आदि के मुद्दों के कारण भारत से चीनी के निर्यात में गिरावट आने की आशंका है।
ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन, एआईएसटीए के अनुसार चालू पेराई सीजन 2020-21 अक्टूबर से सितंबर में चीनी का निर्यात 24 फीसदी घटकर 43 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पेराई सीजन 2019-20 में चीनी का निर्यात 57 लाख टन का हुआ था जबकि केंद्र सरकार ने 60 लाख टन चीनी के निर्यात का कोटा तय किया था। एआईएसटीए के अनुसार चालू पेराई सीजन में लॉजिस्टिक्स की कमी के कारण चीनी का निर्यात पिछले साल से कम होने की संभावना है।
मालूम हो कि ब्राजील और अन्य प्रमुख उत्पादक देशों में उत्पादन अनुमान कम होने के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतें बढ़ रही हैं। आईसीई मार्च वायदा में रॉ शुगर की कीमतें बढ़कर 17.05 सेंट हो गई, जोकि मार्च 2017 के बाद का उच्चतम भाव है। इसी तरह मार्च वायदा में व्हाईट शुगर के दाम बढ़कर 479.50 डॉलर प्रति टन हो गए, जोकि अप्रैल 2017 के बाद का उच्चतम भाव है।
उद्योग ने कहा कि भीड़ होने के कारण बंदरगाह पर प्रतीक्षा समय ज्यादा लग रहा है, साथ ही सोयाबीन साहित अन्य अनाजों के कारण कंटेनरों की कमी है। इसके अलावा, प्रमुख चीनी आयातकों में से एक ईरान को निर्यात में कमी आयेगी है, क्योंकि यूको बैंक और आईडीबीआई बैंक में इस्लामिक रिपब्लिक के रुपये की कमी है।
उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का घरेलू उत्पादन 299 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 274 लाख टन से ज्यादा है।
देश के तीन सबसे बड़े उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश में 105 लाख टन, महाराष्ट्र में 102 लाख टन और कर्नाटक में चालू पेराई सीजन 2020-21 में 43 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान है।
उद्योग के अनुसार चालू सीजन में 20 लाख टन का उपयोग एथेनॉल उत्पादन में होगा, जबकि चालू पेराई सीजन 2020-21 में चीनी की खपत घटकर 255 लाख टन ही होने का अनुमान है जोकि पिछले पेराई सीजन के 260 लाख टन की तुलना में कम है।
11 फ़रवरी 2021
मसाला कंपनियों की मांग बढ़ने धनिया की कीमतों में तेजी
नई दिल्ली। राजस्थान की मंडियों में धनिया के भाव 50-100 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गए। नए धनिए की आवक राजस्थान के साथ गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की मंडियों में बढ़ गई है लेकिन अच्छी क्वालिटी के चलते राजस्थान में धनिए की मांग अच्छी बनी हुई है।
कारोबारियों के अनुसार गुजरात में भी धनिए की पैदावार अच्छी है लेकिन वहां दाने की मोटाई कम रहने से खरीददारों का रुख राजस्थान और मध्य प्रदेश की मंडियों की ओर है। राजस्थान की मसाला मंडियों में नए धनिए की आवक गति पकड़ रही है। राजस्थान और एमपी में आ रहे धनिए का दाना मोटा है। नए धनिए की कीमतों में आज भी उछाल रहा। रामगंज और कोटा मंडी में नए धनिए की कीमतों में 100 रुपए प्रति क्विंटल तेजी रही। वर्तमान में मंडियो में आ रहा धनिया नीचे में औसत 4000 और ऊपर में 5800 रुपए प्रति क्विंटल लूज में बिक रहा है। बॉयर्स की मांग से कीमतों में तेजी है। राजस्थान की मंडियों में धनिए की कुल आवक 20,000-22,000 बोरी है।
दाल मिलों की मांग से दिल्ली में अरहर, उड़द एसक्यू और मसूर के भाव तेज
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर, उड़द एसक्यू के साथ ही मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
बर्मा की लेमन अरहर चेन्नई से तैयार हाजिर डिलीवरी में 125 रुपये की तेजी आकर भाव 6,825 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इसी तरह से चेन्नई में अरहर के दाम 50 रुपये बढ़कर 6,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हरियाणा लाईन की नई अरहर की कीमतों में दिल्ली में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6,250 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम भी दिल्ली में 100 रुपये बढ़कर 7,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
नीचे दाम पर दाल मिलों की मांग बढ़ने बर्मा उड़द एसक्यू की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 8,850 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि एफएक्यू के दाम 7,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
आयातित हाजिर स्टॉक कम होने एवं दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से चेन्नई, कोलकाता और दिल्ली में गुरूवार को बर्मा उड़द की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। मिलों की सीमित मांग से प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में नई देसी उड़द की कीमतों में क्वालिटीनुसार मिलाजुला रुख रहा।
बर्मा में, उड़द एसक्यू की कीमतें कमजोर रही। स्थानीय व्यापारी के अनुसार, राजनीतिक मुद्दे के कारण हड़ताल के कारण व्यापारिक गतिविधियां सुस्त थी। उड़द की खरीद के लिए खरीदारों की दिलचस्पी तो थी, लेकिन बिकवाल नहीं थे। हड़ताल के कारण बाजार कल से रविवार तक बंद रहेगा।
सूत्रों के अनुसार बर्मा में बंदरगाह पर सामान्य गतिविधियों के साथ ही, बैंकिंग लेन-देन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, लेकिन यह प्रक्रिया काफी धीमी है। बर्मा के मीडिया सूत्रों के अनुसार, 14 से 28 फरवरी तक 14 दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। इसका असर बैंकिंग लेनदेन पर पड़ेगा।
स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आने एवं दाल मिलों की मांग बढ़ने से मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में लगातार तीसरे दिन 25 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 5625 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कनाडा की मसूर के भाव दिल्ली में आज 5500 से 5550 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
दाल मिलों की सीमित मांग से मुंबई, कोलकाता, हजीरा, मुंद्रा और कांडला बंदरगाह पर गुरूवार को कनाडा के साथ ही आस्ट्रेलिया की मसूर के भाव मुंबई और कोलकाता बाजारों में स्थिर बने रहे।
घरेलू मसूर के दाम उत्तर प्रदेश के प्रमुख बाजारों जैसे बरेली, बहराइच और ओराई में हाजिर मिलों की मांग बढ़ने से 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल तक तेज हो गए। मध्य प्रदेश के कटनी और अशोकनगर बाजारों में मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से 100 से 200 रुपये प्रति क्विंटल का क्वालिटीनुसार मंदा आया।
आयातित स्टॉक की उपलब्धता ज्यादा होने के साथ ही, इस वर्ष बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी और मसूर दाल में उठाव कमजोर होने से कीमतों में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं है। मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ बाजारों में नई घरेलू मसूर की आवक देखी गई।
चना के भाव दिल्ली के लारेंस रोड़ पर 50 रुपये घटकर राजस्थानी चना के दाम 4,650 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 4,625 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
10 फ़रवरी 2021
बढ़े भाव में कमजोर मांग से दिल्ली में अरहर, चना, उड़द में मंदा, मसूर में तेजी
नई दिल्ली। बढ़े भाव में स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से बुधवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर, चना और उड़द की कीमतों में गिरावट आई, जबकि मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
मुंबई में कीमतों में आई गिरावट, स्थानीय मिलों की मांग घटने से बर्मा की नई लेमन अरहर के दाम दिल्ली में 250 रुपये घटकर 6700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह, चेन्नई में स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ने से अरहर के दाम 100 रुपये घटकर 6,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हरियाणा लाईन की नई अरहर की कीमतों में दिल्ली में 100 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,200 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम भी दिल्ली में 150 रुपये घटकर 6,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
चेन्नई में दाम घटने के कारण बर्मा उड़द एसक्यू और एफएक्यू में दाल मिलों की मांग कमजोर होने ने कारण दिल्ली में इनकी कीमतों में 50 रुपये का मंदा आकर भाव क्रमशः 8,800 रुपये और 7750 से 7800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उड़द में हाजिर में स्टॉक कमजोर होने के बाद भी कीमतों में नरमी आई।
स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आने एवं दाल मिलों की मांग बढ़ने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 50 से 75 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 5500 से 5550 रुपये तथा 5600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। आयातित स्टॉक की उपलब्धता ज्यादा होने के साथ ही, इस वर्ष बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी और मसूर दाल में उठाव कमजोर होने से कीमतों में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं है। मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ बाजारों में नई घरेलू मसूर की आवक देखी गई।
केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2020-21 में कर्नाटक ने 1,67,000 टन चना की खरीद पीएसएस योजना के तहत मंजूरी दे दी है। चना की खरीद नेफेड राज्य सरकार की एजेंसियों के साथ मिलकर करेगी।
दिल्ली में चना की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आकर राजस्थानी चना के दाम 4,700 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के भाव 4,675 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 37 रुपये की गिरावट आई, जबकि अप्रैल वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 41 रुपये का मंदा आया।
अक्टूबर से जनवरी के दौरान सोया डीओसी का निर्यात 223 फीसदी से ज्यादा बढ़ा-सोपा
नई
दिल्ली। पहली अक्टूबर 2020 से शुरू हुए चालू फसल सीजन 2020-21 के पहले चार
महीनों अक्टूबर से जनवरी के दौरान सोया डीओसी का निर्यात 223.12 फीसदी
बढ़कर 9.50 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले फसल सीजन की समान अवधि में इसका
निर्यात 2.94 लाख टन का ही हुआ था।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ
इंडिया, सोपा के अनुसार पहली अक्टूर 2020 से 31 जनवरी 2021 तक सोया डीओसी
का उत्पादन 33.92 लाख टन का हुआ है, जिसमें ने 9.50 लाख टन का निर्यात हो
चुका है। इसमें से 2.10 लाख टन की खपत घरेलू बाजार में फूड में और 19.50
लाख टन की खपत फीड में हो चुकी है।
सोपा के अनुसार पहली अक्टूबर से
जनवरी अंत तक 64 लाख टन सोयाबीन की आवक मंडियों में हो चुकी है जिसमें से
42.50 लाख टन की क्रेसिंग हो चुकी है। उद्वयोग के अनुसार चालू सीजन में
सोयाबीन का उत्पादन 104.55 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के
93.06 लाख टन से ज्यादा है। पहली अक्टूबर को नई फसल की आवक के समय 5.16 लाख
टन का बकाया स्टॉक बचा हुआ था, जबकि 3 लाख टन आयात का अनुमान है। अतः
सोयाबीन की कुल उपलब्धता 112.71 लाख टन की बैठेगी, जोकि पिछले साल के
101.96 लाख टन से ज्यादा है।
09 फ़रवरी 2021
दाल मिलों की मांग बढ़ने से अरहर, चना और मसूर दिल्ली में तेज
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मंगलवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर, चना के साथ ही मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
मिलों की मांग बढ़ने से बर्मा की नई लेमन अरहर के दाम दिल्ली में 50 रुपये तेज होकर 6950 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हालांकि, घरेलू बाजार में अरहर में बढ़ी हुई कीमतों में मांग कमजोर रही, जिससे कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की नरमी आई, लेकिन नीचे दाम पर खरीददारों को माल कम मिला, क्योंकि स्टॉकिस्ट नीचे दाम पर बिकवाली नहीं कर रहे हैं।
स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आने एवं दाल मिलों की मांग बढ़ने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 50 से 75 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 5450 से 5500 रुपये तथा 5525 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
आयातित स्टॉक की उपलब्धता ज्यादा होने के साथ ही, इस वर्ष बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी और मसूर दाल में उठाव कमजोर होने से कीमतों में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ बाजारों में नई घरेलू मसूर की आवक देखी गई।
मुंबई में कनाडा की मसूर कंटेनर के भाव 5350 से 5,400 रुपये और कांडला में भाव 5,200 से 5,225 रुपये तथा आस्ट्रेलिया मसूर के दाम कंटेनर के 5,400 से 5,500 रुपये और मुंद्रा पर भाव 5,300 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
मुंबई में लेमन अरहर के भाव 6550 रुपये और उड़द एफएक्यू के दाम 5,ख्850 रुपये तथा एसक्यू के भाव 8,600 रुपये प्रति क्विंटल रहे। एफएक्यू में 50 रुपये का मंदा आया।
दिल्ली में राजस्थानी चना के दाम 25 रुपये बढ़कर 4,725 से 4,750 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 4,725 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 6 रुपये की तेजी आई, जबकि अप्रैल वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 13 रुपये का सुधार आया।
08 फ़रवरी 2021
मध्य प्रदेश से मसूर और आंध्रप्रदेश से चना, उड़द और मूंग की खरीद को मंजूरी
नई दिल्ली। केंद्र ने मध्य प्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन 2020-21 में 79,300 टन मसूर की खरीद को मंजूरी दी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार मसूर की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद नेफेड राज्य सरकार की एजेंसियों के साथ मिलकर करेगी। किसानों को राज्य सरकार की एजेंसियों के पास पंजीकरण कराना होगा।
केंद्र ने आंध्रप्रदेश से चालू रबी विपणन सीजन 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 1,39,900 टन चना, 81,650 टन उड़द के साथ ही 19,950 टन मूंग की खरीद को मंजूरी दे दी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार किसानों चना, उड़द और मूंग की खरीद नेफेड के माध्यम से राज्य सरकार की एजेंसियों के साथ मिलकर की जायेगी। किसानों को राज्य सरकार की एजेंसियों के पास एमएसपी पर खरीद के लिए पंजीकरण कराना होगा।
दिल्ली में बर्मा अरहर के साथ ही उड़द में तेजी, मध्य प्रदेश की मसूर और चना नरम
नई
दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से सोमवार को दिल्ली के नया
बाजार में अरहर के साथ ही उड़द एफएक्यू की कीमतों में तेजी दर्ज की गई जबकि
मध्य प्रदेश की मसूर के साथ ही चना में मंदा आया।
चेन्नई में
कीमतों में आई तेजी से बर्मा की नई लेमन अरहर के दाम दिल्ली में 300 रुपये
तेज होकर 6,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इसी तरह से चेन्नई से फरवरी
डिलीवरी की अरहर की कीमतें 6,650 से 6,700 रुपये प्रति क्विंटल और मार्च
डिलीवरी के दाम 6,950 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। इस दौरान, हरियाणा लाईन
की नई अरहर के दाम 300 रुपये बढ़कर 6300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
कर्नाटक लाईन की नेफेड द्वारा खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम दिल्ली में 300
रुपये बढ़कर 7100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
चेन्नई और मुंबई में
कीमतों में आए सुधार से दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से दिल्ली में बर्मा
उड़द एफएक्यू में 100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 7,850 रुपये प्रति
क्विंटल हो गए जबकि एसक्यू के दाम 8,850 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने
रहे।
दाल मिलों की सीमित खरीददारी से मध्य प्रदेश लाईन की मसूर में
आज दिल्ली में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 5,450 रुपये प्रति क्विंटल रह
गए, जबकि कनाडा की मसूर के दाम 5,450 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने
रहे। आयातित स्टॉक की उपलब्धता ज्यादा होने के साथ ही, इस वर्ष बुवाई
क्षेत्रफल में बढ़ोतरी और मसूर दाल में उठाव कमजोर होने से कीमतों पर दबाव
देखा गया। मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ बाजारों में नई घरेलू मसूर की
आवक देखी गई।
दिल्ली में राजस्थानी चना के दाम 25 रुपये घटकर 4,725
रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 4,675 से 4,700 रुपये प्रति क्विंटल रह
गए।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर
मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 27 रुपये की गिरावट आई, जबकि
अप्रैल वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 26 रुपये का मंदा आया।
उद्योग ने कॉटन उत्पादन अनुमान 1.50 लाख गांठ बढ़ाया, दूसरे बार की बढ़ोतरी
नई
दिल्ली। पहली अक्टूबर 2020 से शुरू चालू हुए फसल सीजन में उद्योग ने दूसरी
बार उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी की है। कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया, एसईए के
अनुसार चालू सीजन में 360 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) का उत्पादन होने का
अनुमान है जोकि इससे पहले के अनुमान से 1.50 लाख गांठ ज्यादा है।
एसईए ने आरंभिक अनुमान में 356 लाख गांठ कॉटन के उत्पादन का अनुमान जारी किया था, जबकि जनवरी में उत्पादन अनुमान को बढ़ाकर 358.50 लाख गांठ कर दिया था। एसईए द्वारा जारी तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार 360 लाख गांठ कॉटन के उत्पादन का अनुमान है, जोकि पिछले साल के बराबर है।
उद्योग के अनुसार चालू फसल सीजन में उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कॉटन का उत्पादन 62 लाख गांठ होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 63 लाख गांठ से एक लाख गांठ कम है। मध्य भारत के गुजरात और महाराष्ट्र में कॉटन का उत्पादन क्रमशः 94 और 85 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इन राज्यों में क्रमशः 95 और 87 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। मध्य प्रदेश में चालू सीजन में कॉटन का उत्पादन अनुमान 20 लाख गांठ होने की उम्मीद है जोकि पिछले साल के 18 लाख गांठ से ज्यादा है। दक्षिण भारत के राज्यों तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में कॉटन का उत्पादन क्रमशः 49.50 और 16 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इन राज्यों में क्रमशः 52 और 15.25 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। उद्योग ने तीसरे अनुमान में तेलंगाना में उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी की है। कर्नाटक में चालू सीजन में 24.50 लाख गांठ, और तमिलनाडु में 5 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है जबकि पिछले साल इन राज्यों में क्रमशः 20 और 5 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। चालू सीजन में ओडिशा में 3 और अन्य राज्यों में एक लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है।
एसईए के अनुसार चालू फसल सीजन में कॉटन का आयात घटकर 14 लाख गांठ ही होने का अनुमान है जबकि पहले 15.50 लाख गांठ के आयात का अनुमान है। चालू फसल सीजन के पहले चार महीनों में करीब 6 लाख गांठ का आयात हो चुका है। चालू सीजन में कॉटन का निर्यात 54 लाख गांठ होने का अनुमान है जोकि प्रारंभिक अनुमान के बराबर ही है लेकिन पिछले साल के 50 लाख गांठ से ज्यादा है। एसईए के अनुसार 31 जनवरी 2021 तक 29 लाख गांठ की शिपमेंट हो चुकी है।
उद्योग के अनुसार 31 जनवरी 2021 तक देशभर के राज्यों की मंडियों में 255.25 लाख गांठ की आवक हो चुकी है।
06 फ़रवरी 2021
बढ़े भाव में दाल मिलों की मांग कमजोर होने से दिल्ली में अरहर और उड़द में मंदा
नई दिल्ली। बढ़ी कीमतों पर स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से शनिवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर और उड़द की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। बर्मा की नई लेमन अरहर की कीमतों में दिल्ली में मिलों की मांग कमजोर होने से आज 0300 रुपये का मंदा आकर भाव 6,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान, हरियाणा लाईन की नई अरहर के दाम 200 रुपये घटकर 6000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड द्वारा खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम दिल्ली में 200 रुपये घटकर 6800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
चेन्नई में कीमतों में आई नरमी से दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से दिल्ली में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू में 100 से 150 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमशः 7750 रुपये और 8850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
04 फ़रवरी 2021
दिल्ली में चना, अरहर, उड़द के साथ मध्यप्रदेश का काबूली चना तेज
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में चना, अरहर, उड़द के साथ ही मध्य प्रदेश के काबूली चना और चीन की राजमा की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।
राजस्थानी चना के दाम 150 रुपये तेज होकर 4,750 से 4,775 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 4,725 से 4,750 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
मसूर की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 4,525 से 4,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
बर्मा की नई लेमन अरहर की कीमतों में दिल्ली में लगातार छटे दिन 100 रुपये की तेजी आकर भाव 6,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। अरहर की कीमतों में तेजी को इसलिए भी समर्थन मिल रहा है क्योंकि नेफेड ने 30 जनवरीए 2021 से अरहर की बिक्री बंद कर दी। इसी तरह से चेन्नई से फरवरी डिलीवरी की अरहर की कीमतें 150 रुपये बढ़कर 6300 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। इस दौरान हरियाणा लाईन की नई अरहर के दाम 200 रुपये बढ़कर 6000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड द्वारा खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम दिल्ली में 125 रुपये बढ़कर 6650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
बर्मा में लेमन अरहर नई के भाव 40 डॉलर की तेजी आकर भाव 750 डॉलर प्रटिन हो गए, जबकि राुनी के दाम 20 डॉलर तेज होकर 690 डॉलर प्रति टन बोले गए।
चेन्नई और मुंबई में कीमतों में आए सुधार से दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से दिल्ली में बर्मा उड़द एसक्यू और एफएक्यू में 100-100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 8,850 रुपये और 7,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
बर्मा में उड़द एफएक्यू के दाम 5 डॉलर बढ़कर 810 डॉलर प्रति टन हो गए, जबकि एसक्यू की कीमतों में 20 डॉलर की तेजी आकर भाव 960 डॉलर प्रति टन हो गए।
हाजिर स्टॉक कम होने के साथ ही मिलों की मांग में आए सुधार से दिल्ली में चीन की चित्रा राजमा के भाव 100 रुपये बढ़कर 11ए700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इस बीच, मद्रास लाईन की चित्रा सॉर्टेक्स और शर्मिला छोटी किस्म के साथ-साथ पूना लाईन की सॉर्टेक्स किस्म की राजमा के दाम स्थिर बने रहे।
स्थानीय मिलों की मांग बढ़ने इंदौर लाईन के काबुली चना के दाम 200 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। हालांकि महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और इंदौर में आगामी दिनों में नए काबूली चना की आवक शुरू होने की उम्मीद है। आयात शुल्क ज्यादा होने के कारण विदेशी से आयात पड़ते नहीं लगेंगे।
दलहन आयात पर जो एलडीसी का लाभ मिलता है, वह केवल बेसिक आयात शुल्क पर ही मिलेगा, इसका लाभ नए एग्री इंफ्रा डेवलपमेंट सेस पर नहीं मिलेगा।
सीमा शुल्क द्वारा उत्पन्न नवीनतम आयात बिल के अनुसार, यह स्पष्ट है कि केवल मूल कस्टम ड्यूटी को माफ किया गया है, लेकिन एआईडीसी को व्यावहारिक रूप से अतिरिक्त अधिभार द्वारा उतारे गए मूल्यों को लेने के लिए लगाया गया है।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 109 रुपये की तेजी आईए जबकि अप्रैल वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 110 रुपये का सुधार आया।
03 फ़रवरी 2021
दिल्ली में अरहर की कीमतों में तेजी जारी, चना और मसूर में नरमी
नई
दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बुधवार को दिल्ली के नया
बाजार में अरहर की कीमतों में तेजी जारी रही, जबकि चना और मसूर के भाव नरम
हो गए।
बर्मा की नई लेमन अरहर की कीमतों में दिल्ली में लगातार
पांचवे दिन 100 रुपये की तेजी आकर भाव 6,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
अरहर की कीमतों में तेजी को इसलिए भी समर्थन मिल रहा है क्योंकि नेफेड ने
30 जनवरी, 2021 से अरहर की बिक्री बंद कर दी। इसी तरह से चेन्नई से फरवरी
डिलीवरी की अरहर की कीमतें 50 रुपये बढ़कर 6150 से 6,175 रुपये प्रति
क्विंटल हो गई। हरियाणा लाईन की नई अरहर के दाम 50 रुपये बढ़कर 5800 रुपये
प्रति क्विंटल हो गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड द्वारा खरीदी हुई पुरानी अरहर
के दाम दिल्ली में 100 रुपये बढ़कर 6,525 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
मुंबई
में लेमन की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6,150 से 6,200 रुपये
प्रति क्विंटल हो गए। बर्मा में लेमन अरहर नई के भाव 710 डॉलर और पुरानी के
670 डॉलर प्रति टन रहे।
उड़द एफएक्यू के भाव मुंबई में 7,500 रुपये
और पुरानी के 7,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे। बर्मा में उड़द
एफएक्यू के भाव 805 डॉलर और एसक्यू के 940 डॉलर प्रति टन रहे।
दाल
मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मसूर के भाव दिल्ली में 25 रुपये घटकर
5,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मुद्रा बंदरगाह पर मसूर के भाव 25 रुपये
घटकर 5,125 रुपये और हजीरा में भी 5,125 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
राजस्थानी चना की कीमतों में 100 रुपये का मंदा आकर भाव 4,625 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के भाव 4,575 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
अरहर, उड़द और काबूली चना में आगे तेजी की उम्मीद
नई दिल्ली। अरहर की कीमतों में सप्ताहभर से तेजी बनी हुई है, जानकारों के अनुसार अभी दाम तेज बने रहेंगे, क्योंकि स्टॉकिस्टों की खरीद बराबर बनी हुई है।
स्टॉकिस्टों के अनुसार चालू सीजन में उत्पादन अनुमान कम है, तथा पाइपलाईन खाली थी। नेफेड ने अरहर की बिकवाली बंद कर दी है। उधर बर्मा में उत्पादन अनुमान कम है, तथा अफ्रीका में नई फसल की आवक अक्टूबर में नवंबर में बनेगी।
जानकारों के अनुसार अरहर में तेजी आने पर मुनाफावसूली करते रहें। माना जा रहा है कि आगे इसके दाम उपर में 7,000 से 7,200 रुपये प्रति क्विंटल तक बन सकते हैं।
उड़द में तेजी का अनुमान
उड़द का उत्पादन अनुमान तमिलनाडु में कम है, बर्मा से आयातित उड़द का हाजिर स्टॉक भी कम है। फरवरी, मार्च में उड़द दाल में मांग बढ़ने की उम्मीद से भाव में 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी बनने के आसार
काबूली चना में घटे भाव में खरीद करें
काबूल चना का वैश्विक उत्पादन और केरी ओवर स्टॉक कम माना जा रहा है, तथा इसमें मांग पहले की तुलना में अच्छी है।
देश में काबूली चना का उत्पादन अनुमान से 2 से 2.50 लाख टन होने का अनुमान, जबकि आगे मांग बढ़ेगी। अत: काबूली चना में घटे भाव में खरीद करें, तथा मुनाफावसूली भी करते रहें।
02 फ़रवरी 2021
चीनी उत्पादन 176 लाख टन के पार, पिछले साल की तुलना में 25 फीसदी ज्यादा
नई
दिल्ली। चीनी मिलों में जल्द पेराई शुरू होने से चालू पेराई सीजन 2020-21
के पहले चार महीनों पहली अक्टूबर से 31 जनवरी 2021 तक चीनी का उत्पादन
25.37 फीसदी बढ़कर 176.83 लाख टन को हो चुका है जबकि पिछले सीजन में इस
दौरान केवल 141.04 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था।
केंद्र सरकार
द्वारा आम बजट में अल्कोहल पर आयात शुल्क को 2.5 फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी
कर दिया है, इससे घरेलू उद्योग को फायदा होगा। चालू पेराई सीजन में 491
चीनी मिलों में पेराई चल रही है जबकि पिछले साल इस समय 447 चीनी मिलों में
ही पेराई चल रही थी।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार
चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में 31 जनवरी 2021 तक
63.80 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल
34.64 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था। राज्य में चालू पेराई सीजन में 182
चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो चुकी है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस समय तक
केवल 140 मिलों में ही पेराई आरंभ हो पाई थी।
उत्तर प्रदेश में
चालू पेराई सीजन में 120 चीनी मिलों में पेराई चल रही है तथा 31 जनवरी 2021
तक राज्य में 54.43 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन
की समान अवधि में 54.96 लाख टन से थोड़ा कम है, पिछले पेराई सीजन में राज्य
में 119 मिलों में पेराई चल रही थी।
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन
में 31 जनवरी तक 34.38 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले पेराई
सीजन की समान अवधि में केवल 27.94 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था।
गुजरात
में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 5.55 लाख टन और तमिलनाडु,
आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में 3.56 लाख टन तथा अन्य राज्यों में 15.11 लाख
टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।
इस्मा के अनुसार चालू सीजन के पहले
तीन महीनों में यानि पहली अक्टूबर 2020 से 31 दिसंबर, 2020 तक चीनी की
बिक्री पिछले साल के लगभग 67.5 लाख टन के बराबर हुई है।
दिल्ली में चना, अरहर, मसूर की कीमतों में तेजी, उड़द के भाव में नरमी
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मंगलवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर के साथ मसूर की कीमतों में तेजी आई, जबकि उड़द के भाव में गिरावट दर्ज की गई।
दिल्ली में राजस्थानी चना के भाव 75 रुपये बढ़कर 4,700 से 4,725 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 50 रुपये तेज होकर 4,650 से 4,675 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
बर्मा की नई लेमन अरहर की कीमतों में दिल्ली में लगातार चौथे दिन 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
इसी तरह से चेन्नई से फरवरी डिलीवरी की अरहर की कीमतें 50 रुपये बढ़कर 6100 रुपये प्रति क्विंटल हो गई।
इस दौरान, हरियाणा लाईन की नई अरहर के दाम 150 रुपये बढ़कर 5750 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
कर्नाटक लाईन की नेफेड द्वारा खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम दिल्ली में 6,425 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा और मध्य प्रदेश की मसूर की कीमतों में क्रमश: 50 और 75 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 5425 रुपये और 5350 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह तथा आस्ट्रेलियाई मसूर के भाव मुंबई मंगलवार को 50 से 75 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। दाल मिलों की मांग से देसी मसूर की कीमतों में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख बाजारों में क्वालिटीनुसार मिलाजुला रुख रहा।
आयातित स्टॉक ज्यादा होने के साथ ही चालू रबी में बुआई में हुई बढ़ोतरी से मसूर की कीमतों में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं है।
बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,700 से 7,750 रुपये और 8,700 से 8,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। चेन्नई और मुंबई में इसकी कीमतों में आई नरमी का असर दिल्ली में देखा गया वह भी हाजिर स्टॉक होने के बाद।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) पर मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 87 रुपये की तेजी रही, जबकि अप्रैल वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 76 रुपये का सुधार आया।
01 फ़रवरी 2021
दिल्ली में अरहर, उड़द और मसूर की कीमतों में तेजी, चना नरम
नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से सोमवार को दिल्ली के नया बाजार में बर्मा की लेमन अरहर एवं उड़द के साथ के साथ कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में तेजी आई।
केंद्र सरकार ने आज पेश किए बजट 2021 में चना, काबुली चना, मसूर, और मटर पर कृषि बुनियादी ढांचा और विकास उपकर (AIDC) सेस लगा है जोकि दो फरवरी से लागू होगा, हालांकि इससे इनके शुल्क में अंत नहीं आयेगा।
म्यांमार में तख्ता पलट के बाद, सेना का नियंत्रण होने से, बंदरगाह पर अनिश्चितता बनने से भारत को होने वाले दालों का निर्यात प्रभावित होने की आशंका है।
सब्जियों के दाम सस्ते होने के कारण दालों में थोक के साथ ही खुदरा बाजार में ग्राहकी कमजोर बनी हुई है।
बर्मा की नई लेमन अरहर की कीमतों में दिल्ली में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6,350 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
मुंबई में लेमन अरहर के दाम 100 रुपये बढ़कर 6,100 रुपये प्रति हो गए।
इसी तरह से चेन्नई से फरवरी डिलीवरी की अरहर की कीमतें 50 रुपये बढ़कर 6050 रुपये प्रति क्विंटल हो गई।
इस दौरान, हरियाणा लाईन की नई अरहर के दाम 50 रुपये बढ़कर 5600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
बर्मा उड़द एसक्यू और एफएक्यू की कीमतों में 50—50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर भाव क्रमश: 8,850 रुपये और 7,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई और मुंबई में इसकी कीमतों में आये सुधार का असर दिल्ली में देखा गया।
उड़द एफएक्यू के भाव मुंबई में 50 रुपये घटकर 7,500 रुपये और पुरानी के भाव 7,450 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
इसी प्रकार, राजस्थान में (कोटा) की उड़द के साथ-साथ मध्य प्रदेश लाईन की पुरानी नफेड द्वारा खरीदी हुई उड़द की कीमतों में भी 50—50 रुपये की तेजी आकर भाव 7,150-7,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दूसरी ओर, महाराष्ट्र लाईन की नई उड़द का भाव 8,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा।
दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मध्य प्रदेश और कनाड़ा की मसूर की कीमतों में क्रमश: 50 और 100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 5350 रुपये और 5300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
आयातित स्टॉक ज्यादा होने के साथ ही चालू रबी में बुआई में हुई बढ़ोतरी से मसूर की कीमतों में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं है।
राजस्थानी चना के भाव दिल्ली में 4,650 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाल 4,625 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
मसूर के दाम दिल्ली में 100 रुपये तेज होकर 5,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
मूंंग के भाव 100 रुपये बढ़कर 7,000 से 7,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) पर मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 7 रुपये तेज रही, जबकि अप्रैल वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 37 रुपये का सुधार आया।