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31 जुलाई 2017

1 अगस्त 2017 का मौसम पूर्वानुमान

उत्तर भारत की तरफ एक नया पश्चिमी विक्षोभ आता दिखाई दे रहा है। यह सिस्टम इस समय उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे जम्मू कश्मीर के पास पहुँच गया है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा अनूपगढ़, हिसार, बरेली, गया, पुरुलिया और दीघा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है।
बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो गया है। इसके अलावा एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के मध्य पश्चिम में आंध्र प्रदेश के तटों के पास भी बना हुआ है। इस सिस्टम से दक्षिणी तटीय तमिलनाडु तक एक ट्रफ रेखा दिखाई दे रही है।
गुजरात के कच्छ क्षेत्र और इससे सटे दक्षिणी पाकिस्तान पर भी हवाओं में एक चक्रवाती सिस्टम दिखाई दे रहा है।
पश्चिमी तटों पर उत्तरी महाराष्ट्र से उत्तरी केरल एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। हालांकि इस समय यह कमजोर है।
दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तट से बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक और चक्रवात का संचलन देखा गया है। एक धीमी गर्त इस प्रणाली से आंतरिक तमिलनाडु तक फैल रहा है।
बीते 24 घंटों के दौरान हुई बारिश
पिछले 24 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी राजस्थान और आंतरिक तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई।
कोंकण गोवा, मध्य महाराष्ट्र, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, तटीय कर्नाटक, गुजरात, ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई है।
उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों के साथ मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत में कहीं-कहीं हल्की वर्षा रिकॉर्ड की गई।
अगले 24 घंटों के दौरान संभावित मौसम
आगामी 24 घंटों के दौरान देश में सबसे अधिक बारिश का ज़ोर उत्तर भारत के हिमालयी राज्यों पर हो सकता है। इस दौरान जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ भागों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, बिहार के कुछ हिस्सों में कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इन भागों में एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा भी दर्ज की जा सकती है।
पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, कोंकण गोवा, उत्तरी तटीय कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिण तटीय ओडिशा और आंतरिक तमिलनाडु में एक-दो स्थानों पर बारिश देखने को मिल सकती है।
झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, केरल, मध्य महाराष्ट्र और तटीय कर्नाटक, गुजरात तथा पूर्वोत्तर भारत के शेष हिस्सों में कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना है।

नीचे भाव में मांग बढ़ने से दलहन की कीमतों में सुधार


आर एस राणा
नई दिल्ली। नीचे भाव में मांग बढ़ने से घरेलू बाजार में दालों की कीमतों में 100 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। मुंबई में आयातित चना के भाव बढ़कर 5,100 रुपये, मुंदडा में 5,150 रुपये, मुंबई में उड़द एफएक्यू के भाव 3,750 से 3,850 रुपये, एसक्यू के भाव 4,800 रुपये, और लेमन अरहर के भाव 3,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दालों के भाव घरेलू मंडियों में काफी नीचे बन गए थे, इसी वजह से मांग बढ़ी है। त्यौहारी सीजन के साथ ही दलहन में खपत का समय है इसलिए आगे दालों की मांग में और भी सुधार आने का अनुमान है जिससे अरहर, उड़द और मूंग तथा मसूर के भाव में हल्का सुधार और भी आ सकता है। उधर दक्षिण भारत के राज्यों में चालू खरीफ में मानसूनी बारिश सामान्य से काफी कम हुई है, तथा चालू सप्ताह में भी इन राज्यों में बारिश कम होने की आशंका है, जिससे दलहन की प्रति हैक्टेयर में उत्पादकता में कमी आयेगी।
चना का स्टॉक तो उत्पादक मंडियों में पिछले साल से ज्यादा है, लेकिन भाव काफी नीचे आ चुके हैं, जबकि आगे चना दाल और बेसन में खपत ज्यादा रहेगी। त्यौहारी सीजन के कारण खासकर के बेसन में मांग और बढ़ेगी, इसलिए चना की कीमतों में आगे और सुधार आने का अनुमान है।.............   आर एस राणा

पंजाब, हरियाणा में भारी बारिश का अनुमान

गुजरात और राजस्थान में जोरदार बारिश के बाद अगले 24 घंटे में पंजाब और हरियाणा के साथ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में बारिश होने का अनुमान है। हालांकि इस सीजन देश में ज्यादा बारिश पश्चिमी राजस्थान में हुई है। एक जून से कल तक इस इलाके में सामान्य से 129 फीसदी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड हुई है जबकि गुजरात में सामान्य से करीब 60 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। इस दौरान उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में अच्छी बारिश हुई है। हालांकि दक्षिण भारत को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं। खास करके केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में सामान्य से कम बारिश हुई है जबकि उत्तर भारत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का इलाका भी कम बारिश के हालात से गुजर रहा है। देश के करीब 16 फीसदी इलाकों में अबतक सामान्य से कम बारिश हुई है।

कच्चे तेल में तेजी

कच्चे तेल में तेजी आई है और ग्लोबल मार्केट में इसका दाम करीब तीन महीने के ऊपरी स्तर पर चला गया है। ब्रेंट का भाव 52 डॉलर और डब्ल्यूटीआई का दाम 49 डॉलर के ऊपर है। अमेरिका में क्रूड उत्पादन की रफ्तार धीमी पड़ गई है। इस साल मार्च में रिकॉर्ड स्तर से अमेरिका में क्रूड का भंडार करीब 10 फीसदी घट गया है। वहीं वेनेजुएला पर अमेरिकी पाबंदी की आशंका से भी क्रूड की कीमतों को सपोर्ट मिला है। इस महीने तेल उत्पादकों की बैठक के बाद से क्रूड में करीब 10 फीसदी की तेजी आ चुकी है और आज लगातार छठे दिन इसमें बढ़त पर कारोबार हो रहा है।  सोने ने भी करीब दो महीने के ऊपरी स्तर को छू लिया है। कॉमैक्स पर सोना 1270 डॉलर के पार जाने के बाद फिलहाल दबाव में है। दरअसल उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव से सोने की कीमतों को सपोर्ट मिला है। इस साल की पहली छमाही में चीन में सोने का उत्पादन करीब 10 फीसदी गिर गया है। चीन के मैन्युफैक्चरिंग आंकड़ों के बाद लंदन मेटल एक्सचेंज पर कॉपर दो साल की ऊंचाई पर चला गया है। करेंसी बाजार की बात करें तो आज डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आई है और 1 डॉलर की कीमत 64 रुपये के पास आ गई है।

29 जुलाई 2017

तिलहनों में सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की बुवाई पिछड़ी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन में तिलहनों की प्रमुख फसल सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की बुवाई पिछड़ रही है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई अभी तक केवल 95.66 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 106.66 लाख हैक्टेर में हो चुकी थी।
इसी तरह मूंगफली की बुवाई भी चालू खरीफ में घटकर 33.05 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक मूंगफली की बुवाई 37.32 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। सनफ्लावर की बुवाई चालू खरीफ में 1.12 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 1.27 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। शीसम सीड की बुवाई भी चालू खरीफ में घटकर अभी तक 9.65 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 10.05 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
केस्टर सीड की बुवाई चालू खरीफ में 2.41 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 1.04 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
गुजरात के साथ ही राजस्थान में भारी बाढ़ से मूंगफली और केस्टर सीड की फसल को नुकसान होने की आशंका है जिससे मूंगफली के भाव आगे सुधार आने का अनुमान है। केस्टर सीड का स्टॉक पिदले साल की तुलना में कम है, तथा बाढ़ से फसल को तो नुकसान होने का अनुमान है ही, साथ ही नई बुवाई में भी देरी होगी, जिससे आगे इसके भाव में और तेजी बनने का अनुमान है। हालांकि नुकसान का सही पता मौसम साफ होने के बाद ही चलेगा।..............    आर एस राणा

राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में बारिश



दक्षिण पश्चिम मॉनसून पिछले 24 घंटो के दौरान दक्षिणी राजस्थान और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में सक्रिय मॉनसून की स्थिति देखी गई। जबकि गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिमी तटों पर सामान्य मॉनसून की स्थिति देखी गई।
पिछले 24 घंटों के दौरान महाबलेश्वर में 119 मिलीमीटर, चित्तोडगढ़ में 129 और वलसाड में 79 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
28 जुलाई तक के बारिश के आंकड़ों के अनुसार देश भर में बारिश का आंकड़ा 4 प्रतिशत पर बना हुआ है। उत्तर-पश्चिमी भारत में सामान्य से 17 प्रतिशत अधिक, मध्य भारत में सामान्य से 13 फीसदी अधिक वर्षा हुई है। दक्षिण भारत में बारिश सामान्य से 16% पीछे है और पूर्वोत्तर भारत 6 प्रतिशत पीछे है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा बीकानेर, शिवपुरी, फुरसतगंज, मालदा होते हुए मिज़ोरम तक बनी हुई है।
अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण पश्चिम मॉनसून, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, ओड़ीशा, पूर्वोत्तर भारत, गुजरात और पश्चिमी तट पर सक्रिय रहेगा। जबकि उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, दक्षिणी राजस्थान और केरल पर मॉनसून का प्रदर्शन सामान्य रहेगा।..........www.skymet.com

बाजरा की बुवाई 11 लाख हैक्टेयर ज्यादा, मक्का की कम

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में जहां बाजरा की बुवाई में करीब 11 लाख हैक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है, वहीं मक्का के साथ ही ज्वार की बुवाई में कमी आई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में मोटे अनाजों की कुल बुवाई बढ़कर 150.19 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 145.40 लाख हैक्टेयर में ही मोटे अनाजों की बुवाई हुई थी।
मोटे अनाजों में बाजरा की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 61.37 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 50.08 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। मक्का की बुवाई चालू खरीफ में घटकर अभी तक केवल 69.14 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 72.94 लाख हैक्टेयर में मक्का की बुवाई हो चुकी थी।
इसी तरह से चालू खरीफ में ज्वार की बुवाई भी घटकर 14.02 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 16.15 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। रागी की बुवाई चालू खरीफ में अभी तक 3.10 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 3.73 लाख हैक्टेयर में रागी की बुवाई हो चुकी थी।.......    आर एस राणा

पहली तिमाही में ग्वार गम उत्पादों का निर्यात 115 फीसदी बढ़ा

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात मूल्य के हिसाब से 115.01 फीसदी बढ़कर 1,176.33 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही में इनका निर्यात केवल 547.10 करोड़ रुपये का ही हुआ था।
मात्रा के हिसाब से चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले दो महीनों में ग्वार गम उत्पादों का निर्यात बढ़कर 1,07,458 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में इनका निर्यात 46,691 टन का ही हुआ था।
चालू खरीफ में राजस्थान के साथ ही गुजरात और हरियाणा में ग्वार सीड की बुवाई तो ज्यादा हुई है, लेकिन गुजरात और राजस्थान के कई जिलों में जहां बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं, वहीं कई जिलों में बारिश से सामान्य से काफी कम हुई है, जिससे ग्वार सीड की फसल को नुकसान होने की आशंका है। अतः आगामी सप्ताह में इन राज्यों में मानसूनी बारिश कैसी रहती है इस पर भी ग्वार सीड और ग्वार गम की तेजी निर्भर करेगी। शनिवार को जोधपुर मंडी में ग्वार गम का भाव 7,200 रुपये और ग्वार सीड का भाव 3,500 रुपये तथा गंगानगर मंडी में 3,400 रुपये प्रति क्विंटल रहे। ग्वार गम की कीमतों में 100 रुपये और ग्वार सीड की कीमतों में 50 रुपये की तेजी दर्ज की गई।...................    आर एस राणा

28 जुलाई 2017

गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भारी बारिश के आसार



मॉनसून 2017 दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश और गुजरात में व्यापक रूप में सक्रिय रहा और भारी बारिश दर्ज की गई। दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान, पंजाब के कुछ भागों, शेष मध्य प्रदेश, दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश, कोंकण, गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल और अंडमान निकोबार में सामान्य मॉनसून के चलते अच्छी बारिश हुई।
पिछले 24 घंटों के दौरान रायसेन में 209 मिलीमीटर, वलसाड में 162 और गुना में 96 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
27 जुलाई तक के बारिश के आंकड़ों के अनुसार देश भर में बारिश का आंकड़ा कुछ कम हुआ है लेकिन 104% पर बना हुआ है। उत्तर-पश्चिमी भारत में सामान्य से 18 प्रतिशत अधिक, मध्य भारत में सामान्य से 13 फीसदी अधिक वर्षा हुई है। दक्षिण भारत के आंतरिक हिस्से काफी दिनों से सूखे हैं और यहाँ बारिश सामान्य से 15% पीछे है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा जैसलमर, सतना, डाल्टनगंज, पुरुलिया और दिघा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक पहुँच रही है।
अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून के संभावित प्रदर्शन की बात करें तो पूर्वी गुजरात, दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान तथा पश्चिमी मध्य प्रदेश में व्यापक मॉनसून के चलते भारी बारिश होने के आसार हैं। पश्चिमी तटों पर भी मॉनसून की सक्रियता बढ़ी है जिससे कोंकण गोवा, तटीय कर्नाटक और केरल में अच्छी बारिश होने की संभावना है।
उत्तरी पंजाब, उत्तराखंड, दक्षिणी हिमाचल प्रदेश और दक्षिणी जम्मू कश्मीर में सामान्य मॉनसून के बीच हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। उत्तर प्रदेश और बिहार के तराई क्षेत्रों, पूर्वोत्तर भारत, दक्षिणी तटीय ओड़ीशा, दक्षिणी छत्तीसगढ़ और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम मॉनसून वर्षा के आसार हैं।
देश के चारों महानगरों का कल का मॉनसूनी मौसम देखें तो मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में हल्की से मध्यम जबकि दिल्ली में हल्की वर्षा होने की संभावना है।........www.skymet.com