आर एस राणा
नई दिल्ली। इस समय चावल मिलों की अच्छी मांग से पूसा 1,121 बासमती धान के साथ ही डीपी, सुगंधा और 1,509 किस्म के धान की कीमतों में तेजी बनी हुई है। माना जा रहा है कि चालू फसल सीजन में धान की पैदावार में कमी आई है, साथ ही कई क्षेत्रों में फसल में बीमारी से नुकसान भी हुआ है। ऐसे में आगामी दिनों में इनकी मौजूदा कीमतों में और भी 4,00 से 5,00 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने का अनुमान है।
इस समय पूसा 1,121 बासमती चावल में निर्यात मांग अच्छी है, तथा उत्तर भारत की करीब 14 राइस मिलों से चीन के आयातकों ने आयात सौदे किए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी दिनों में चावल के निर्यात में और तेजी आयेगी। प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में पूसा 1,121 धान की कीमतें मंडियों में बढ़कर 2,500 से 2,600 रुपये, डीपी धान के भाव 2,350 से 2,425 रुपये और सुगंधा के भाव 2,250 से 2,300 रुपये तथा पूसा 1,509 धान के भाव 2,350 से 2,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। बासमती धान के मंडियों में 3,300 से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल हैं।
धान की दैनिक आवक मंडियों में पिछले साल की तुलना में कम है, पिछले साल जहां इन दिनों दिल्ली की नरेला मंडी में धान की दैनिक आवक 2 लाख बोरी की हो रही थी, वहीं इस समय दैनिक आवक एक से सवा लाख बोरी की हो रही है। इस तरह से अन्य मंडियों में भी दैनिक आवक पिछले साल की तुलना में काफी कम है।
चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान जहां मूल्य के हिसाब से बासमती चावल के निर्यात में कमी आई है, वहीं गैर-बासमती चावल का निर्यात मूल्य के हिसाब से बढ़ा है। हालांकि चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में मात्रा के हिसाब से बासमती चावल के साथ ही गैर-बासमती चावल के निर्यात में भी बढ़ोतरी हुई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार अप्रैल से अक्टूबर के दौरान मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का निर्यात 12,164.61 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 14,015.04 करोड़ रुपये का हुआ था। गैर बासमती चावल का निर्यात अप्रैल से अक्टूबर के दौरान मूल्य के हिसाब से 3.14 फीसदी बढ़कर 9,588.79 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 9,296.90 करोड़ रुपये का हुआ था।
चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान 17.75 लाख टन चावल का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 16.78 लाख टन का निर्यात हुआ था। वहीं गैर बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2016-17 के अप्रैल से अगस्त के दौरान बढ़कर 30.08 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 29.83 लाख टन का हुआ था।...........आर एस राणा
नई दिल्ली। इस समय चावल मिलों की अच्छी मांग से पूसा 1,121 बासमती धान के साथ ही डीपी, सुगंधा और 1,509 किस्म के धान की कीमतों में तेजी बनी हुई है। माना जा रहा है कि चालू फसल सीजन में धान की पैदावार में कमी आई है, साथ ही कई क्षेत्रों में फसल में बीमारी से नुकसान भी हुआ है। ऐसे में आगामी दिनों में इनकी मौजूदा कीमतों में और भी 4,00 से 5,00 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने का अनुमान है।
इस समय पूसा 1,121 बासमती चावल में निर्यात मांग अच्छी है, तथा उत्तर भारत की करीब 14 राइस मिलों से चीन के आयातकों ने आयात सौदे किए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी दिनों में चावल के निर्यात में और तेजी आयेगी। प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में पूसा 1,121 धान की कीमतें मंडियों में बढ़कर 2,500 से 2,600 रुपये, डीपी धान के भाव 2,350 से 2,425 रुपये और सुगंधा के भाव 2,250 से 2,300 रुपये तथा पूसा 1,509 धान के भाव 2,350 से 2,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। बासमती धान के मंडियों में 3,300 से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल हैं।
धान की दैनिक आवक मंडियों में पिछले साल की तुलना में कम है, पिछले साल जहां इन दिनों दिल्ली की नरेला मंडी में धान की दैनिक आवक 2 लाख बोरी की हो रही थी, वहीं इस समय दैनिक आवक एक से सवा लाख बोरी की हो रही है। इस तरह से अन्य मंडियों में भी दैनिक आवक पिछले साल की तुलना में काफी कम है।
चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान जहां मूल्य के हिसाब से बासमती चावल के निर्यात में कमी आई है, वहीं गैर-बासमती चावल का निर्यात मूल्य के हिसाब से बढ़ा है। हालांकि चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में मात्रा के हिसाब से बासमती चावल के साथ ही गैर-बासमती चावल के निर्यात में भी बढ़ोतरी हुई है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार अप्रैल से अक्टूबर के दौरान मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का निर्यात 12,164.61 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 14,015.04 करोड़ रुपये का हुआ था। गैर बासमती चावल का निर्यात अप्रैल से अक्टूबर के दौरान मूल्य के हिसाब से 3.14 फीसदी बढ़कर 9,588.79 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 9,296.90 करोड़ रुपये का हुआ था।
चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान 17.75 लाख टन चावल का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 16.78 लाख टन का निर्यात हुआ था। वहीं गैर बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2016-17 के अप्रैल से अगस्त के दौरान बढ़कर 30.08 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 29.83 लाख टन का हुआ था।...........आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें