आर एस राणा
नई दिल्ली। निर्यातकों की मांग बढ़ने से मध्य जनवरी के बाद बासमती धान के साथ ही चावल की कीमतों में तेजी आने का अनुमान है। ईरान के साथ ही अन्य देशों की आयात मांग दिनों में चावल में बढ़ेगी, जबकि चालू सीजन में बासमती चावल की पैदावार में 25 से 30 फीसदी की कमी आने की आषंका है। उत्पादक मंडियों में 1,121 बासमती धान के भाव 2,625 से 2,650 रुपये और 1,121 बासमती चावल रॉ के भाव 5,900 से 6,000 रुपये, सेला का भाव 4,800 से 4,900 रुपये तथा स्टीम का भाव 5,800 से 5,900 रुपये प्रति क्विंटल है।
अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर महीनें में बासमती चावल के निर्यात सौदों में कमी आई है, जिससे कुल चावल निर्यात पिछले साल की तुलना में कम रहने की आषंका है। हालांकि जनवरी से निर्यात मांग में तेजी आने का अनुमान है। ईराक, यमन, सीरिया और टर्की में राजीनितक गतिरोध का असर चावल के निर्यात पर पड़ा है। चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 8 महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात घटकर 23.04 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 23.97 लाख टन का हुआ था। माना जा रहा है जहां चालू सीजन में बासमती चावल की पैदावार में 15 से 20 फीसदी की कमी आई है, वहीं 10 से 15 फीसदी क्वालिटी भी प्रभावित हुई है, इसलिए चालू सीजन में ब्रोकन की स्थिति 5 फीसदी ज्यादा आ रही है। ऐसे में आगामी महीनें में जहां चावल की कीमतों में तेजी आयेगी, वहीं धान के भाव में भी बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
दस जनवरी के बाद जहां ईरान की बासमती चावल में आयात मांग बढ़ेगी, वहीं नये साल की छुट्टिया समाप्त होने के बाद यूरोपीय देशों की आयात मांग में भी तेजी आयेगी। जानकारों के अनुसार पिछले साल जहां बासमती चावल की कुल पैदावार 80 लाख टन की हुई थी, वहीं चालू सीजन में पैदावार 55 से 60 लाख टन ही होने का अनुमान है। चीन की कंपनियों ने भारतीय चावल मिलों से चावल आयात में रुचि तो दिखाई है, लेकिन अभी तक कोई आयात सौदे नहीं किए हैं। सूत्रों के अनुसार जनवरी में भारत से निर्यातकों का प्रतिनिधिमंडल चीन जायेगा, उसके बाद ही चीन की कंपनियों द्वारा कुछ आयात सौदे किए जाने की संभावना है।.............आर एस राणा
नई दिल्ली। निर्यातकों की मांग बढ़ने से मध्य जनवरी के बाद बासमती धान के साथ ही चावल की कीमतों में तेजी आने का अनुमान है। ईरान के साथ ही अन्य देशों की आयात मांग दिनों में चावल में बढ़ेगी, जबकि चालू सीजन में बासमती चावल की पैदावार में 25 से 30 फीसदी की कमी आने की आषंका है। उत्पादक मंडियों में 1,121 बासमती धान के भाव 2,625 से 2,650 रुपये और 1,121 बासमती चावल रॉ के भाव 5,900 से 6,000 रुपये, सेला का भाव 4,800 से 4,900 रुपये तथा स्टीम का भाव 5,800 से 5,900 रुपये प्रति क्विंटल है।
अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर महीनें में बासमती चावल के निर्यात सौदों में कमी आई है, जिससे कुल चावल निर्यात पिछले साल की तुलना में कम रहने की आषंका है। हालांकि जनवरी से निर्यात मांग में तेजी आने का अनुमान है। ईराक, यमन, सीरिया और टर्की में राजीनितक गतिरोध का असर चावल के निर्यात पर पड़ा है। चालू वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 8 महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात घटकर 23.04 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 23.97 लाख टन का हुआ था। माना जा रहा है जहां चालू सीजन में बासमती चावल की पैदावार में 15 से 20 फीसदी की कमी आई है, वहीं 10 से 15 फीसदी क्वालिटी भी प्रभावित हुई है, इसलिए चालू सीजन में ब्रोकन की स्थिति 5 फीसदी ज्यादा आ रही है। ऐसे में आगामी महीनें में जहां चावल की कीमतों में तेजी आयेगी, वहीं धान के भाव में भी बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
दस जनवरी के बाद जहां ईरान की बासमती चावल में आयात मांग बढ़ेगी, वहीं नये साल की छुट्टिया समाप्त होने के बाद यूरोपीय देशों की आयात मांग में भी तेजी आयेगी। जानकारों के अनुसार पिछले साल जहां बासमती चावल की कुल पैदावार 80 लाख टन की हुई थी, वहीं चालू सीजन में पैदावार 55 से 60 लाख टन ही होने का अनुमान है। चीन की कंपनियों ने भारतीय चावल मिलों से चावल आयात में रुचि तो दिखाई है, लेकिन अभी तक कोई आयात सौदे नहीं किए हैं। सूत्रों के अनुसार जनवरी में भारत से निर्यातकों का प्रतिनिधिमंडल चीन जायेगा, उसके बाद ही चीन की कंपनियों द्वारा कुछ आयात सौदे किए जाने की संभावना है।.............आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें