मंत्रालय ने रबी मक्का के साथ ही धान और मूंगफली की बुवाई आंकड़े घटाए
आर एस राणा
नई दिल्ली। जैसे-जैसे दिन बीतते हैं उस हिसाब से रबी फसलों की बुवाई आंकड़ो में बढ़ोतरी होती है, यह बात तो हम सभी जानते हैं लेकिन अगर कृषि मंत्रालय बुवाई आंकड़ो में सप्ताह के बाद कमी दर तो क्या समझा जाये। मतलब साफ है कि बुवाई आंकड़ो की सत्यता पर ही सवाल उठना लाजिमी है। ऐसा ही किया है कृषि मंत्रालय ने, हाल ही में जारी रबी सीजन में हुई मक्का, धान और मूंगफली की बुवाई के आंकड़ों में।
कृषि मंत्रालय ने 2 दिसंबर 2016 को बुवाई आंकड़े जारी किए, जिसमें बताया गया कि 2 दिसंबर 2016 तक मक्का की बुवाई 10.15 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी जबकि रबी फसल सीजन 2015-16 की समान अवधि में 9.53 लाख हैक्टेयर में मक्का बुवाई होने की बात कही गई थी। इसके बाद 9 दिसंबर 2016 को मंत्रालय ने मक्का की बुवाई चालू रबी में तो कम की ही, साथ ही पिछले साल के बुवाई आंकड़े भी बदल दिए।
कृषि मंत्रालय ने 9 दिसंबर 2016 को मक्का के जो बुवाई आंकड़े जारी किए, उसके अनुसार मक्का की बुवाई केवल 8.99 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुवाई 8.63 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। होना तो यह चाहिए था कि 2 दिसंबर 2016 के बाद 9 दिसंबर 2016 को जारी किए गए आंकड़ो में मक्का की बुवाई में बढ़ोतरी हुई हो, लेकिन यहां तो उल्टा बुवाई कम हो गई।
इसी तरह से धान के रौपाई मंत्रालय द्वारा जारी 9 दिसंबर 2016 के अुनसार 8 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी रौपाई 10.98 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी, जबकि मंत्रालय द्वारा जारी 2 दिसंबर 2016 को जो आंकड़े जारी किए थे, उसके अनुसार 2 दिसंबर 2016 तक धान की रौपाई 13.37 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी रौपाई 14.84 लाख हैक्टेयर में होने के आंकड़े जारी किए गए थे।
इसी तरह से रबी मूंगफली की बुवाई मंत्रालय द्वारा जारी 2 दिसंबर 2016 के आंकड़ों के अनुसार 4.63 लाख हैक्टेयर में हो चुकी बताई गई, जबकि इसके पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 4.13 लाख हैक्टेयर में होने की बात कही गई, लेकिन 9 दिसंबर 2016 को जो आंकड़े जारी किए गए उसमें चालू रबी सीजन 2016-17 में मूंगफली की बुवाई केवल 3.15 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 2.34 लाख हैक्टेयर में ही हुई है।
चालू रबी में ज्वार के बुवाई आंकड़ो में भी गड़बड़ी हुई है, मंत्रालय के अनुसार 2 दिसंबर 2016 तक देषभर में 27.62 लाख हैक्टेयर में ज्वार की बुवाई हुई थी, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 35.12 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी, जबकि मंत्रालय द्वारा जारी 9 दिसंबर 2016 के अनुसार चालू रबी में ज्वार की बुवाई 29.32 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है तथा पिछले साल इस समय तक 34.58 लाख हैक्टेयर में ही मक्का की बुवाई होने के आंकड़े जारी किए है। अतः पिछले साल 2 दिसंबर तक जब 35.12 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी तो फिर 9 दिसंबर को घटकर 34.58 लाख हैक्टेयर में ही कैसे रह गई।............आर एस राणा
आर एस राणा
नई दिल्ली। जैसे-जैसे दिन बीतते हैं उस हिसाब से रबी फसलों की बुवाई आंकड़ो में बढ़ोतरी होती है, यह बात तो हम सभी जानते हैं लेकिन अगर कृषि मंत्रालय बुवाई आंकड़ो में सप्ताह के बाद कमी दर तो क्या समझा जाये। मतलब साफ है कि बुवाई आंकड़ो की सत्यता पर ही सवाल उठना लाजिमी है। ऐसा ही किया है कृषि मंत्रालय ने, हाल ही में जारी रबी सीजन में हुई मक्का, धान और मूंगफली की बुवाई के आंकड़ों में।
कृषि मंत्रालय ने 2 दिसंबर 2016 को बुवाई आंकड़े जारी किए, जिसमें बताया गया कि 2 दिसंबर 2016 तक मक्का की बुवाई 10.15 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी जबकि रबी फसल सीजन 2015-16 की समान अवधि में 9.53 लाख हैक्टेयर में मक्का बुवाई होने की बात कही गई थी। इसके बाद 9 दिसंबर 2016 को मंत्रालय ने मक्का की बुवाई चालू रबी में तो कम की ही, साथ ही पिछले साल के बुवाई आंकड़े भी बदल दिए।
कृषि मंत्रालय ने 9 दिसंबर 2016 को मक्का के जो बुवाई आंकड़े जारी किए, उसके अनुसार मक्का की बुवाई केवल 8.99 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुवाई 8.63 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। होना तो यह चाहिए था कि 2 दिसंबर 2016 के बाद 9 दिसंबर 2016 को जारी किए गए आंकड़ो में मक्का की बुवाई में बढ़ोतरी हुई हो, लेकिन यहां तो उल्टा बुवाई कम हो गई।
इसी तरह से धान के रौपाई मंत्रालय द्वारा जारी 9 दिसंबर 2016 के अुनसार 8 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी रौपाई 10.98 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी, जबकि मंत्रालय द्वारा जारी 2 दिसंबर 2016 को जो आंकड़े जारी किए थे, उसके अनुसार 2 दिसंबर 2016 तक धान की रौपाई 13.37 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी रौपाई 14.84 लाख हैक्टेयर में होने के आंकड़े जारी किए गए थे।
इसी तरह से रबी मूंगफली की बुवाई मंत्रालय द्वारा जारी 2 दिसंबर 2016 के आंकड़ों के अनुसार 4.63 लाख हैक्टेयर में हो चुकी बताई गई, जबकि इसके पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 4.13 लाख हैक्टेयर में होने की बात कही गई, लेकिन 9 दिसंबर 2016 को जो आंकड़े जारी किए गए उसमें चालू रबी सीजन 2016-17 में मूंगफली की बुवाई केवल 3.15 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 2.34 लाख हैक्टेयर में ही हुई है।
चालू रबी में ज्वार के बुवाई आंकड़ो में भी गड़बड़ी हुई है, मंत्रालय के अनुसार 2 दिसंबर 2016 तक देषभर में 27.62 लाख हैक्टेयर में ज्वार की बुवाई हुई थी, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 35.12 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी, जबकि मंत्रालय द्वारा जारी 9 दिसंबर 2016 के अनुसार चालू रबी में ज्वार की बुवाई 29.32 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है तथा पिछले साल इस समय तक 34.58 लाख हैक्टेयर में ही मक्का की बुवाई होने के आंकड़े जारी किए है। अतः पिछले साल 2 दिसंबर तक जब 35.12 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी तो फिर 9 दिसंबर को घटकर 34.58 लाख हैक्टेयर में ही कैसे रह गई।............आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें