आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में जहां गुजरात में धनिया की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है, वहीं आंध्रप्रदेष में बुवाई पिछड़ रही है। गुजरात कृषि निदेषालय के अनुसार राज्य में अभी तक 24,100 हैक्टेयर में धनिया की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 4,700 हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। राज्य में सामान्यतः धनिया की बुवाई 90,400 हैक्टेयर में होती है।
उधर आंध्रप्रदेष में चालू रबी में अभी तक केवल 289 हैक्टेयर में ही धनिया की बुवाई हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 5,346 हैक्टेयर में धनिया की बुवाई हो चुकी थी। राज्य में धनिया की बुवाई सामन्यतः 24,100 हैक्टेयर में होती है।
चालू रबी में धनिया की बुवाई ज्यादा होने का अनुमान है, जबकि उत्पादक राज्यों में बकाया स्टॉक भी ज्यादा है। ऐसे में सर्दियों की मांग से भाव में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार तो आ सकता है लेकिन बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। मध्य प्रदेष की रामगंज मंडी में बादामी क्वालिटी के धनिया का भाव 6,500 रुपये, ईगल क्वालिटी के धनिया का भाव 6,750 रुपये और स्कूटर ब्रांड धनिया का भाव 6,800 से 7,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा तथा दैनिक आवक 7,000 बोरी की हुई।............आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी में जहां गुजरात में धनिया की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है, वहीं आंध्रप्रदेष में बुवाई पिछड़ रही है। गुजरात कृषि निदेषालय के अनुसार राज्य में अभी तक 24,100 हैक्टेयर में धनिया की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 4,700 हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। राज्य में सामान्यतः धनिया की बुवाई 90,400 हैक्टेयर में होती है।
उधर आंध्रप्रदेष में चालू रबी में अभी तक केवल 289 हैक्टेयर में ही धनिया की बुवाई हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 5,346 हैक्टेयर में धनिया की बुवाई हो चुकी थी। राज्य में धनिया की बुवाई सामन्यतः 24,100 हैक्टेयर में होती है।
चालू रबी में धनिया की बुवाई ज्यादा होने का अनुमान है, जबकि उत्पादक राज्यों में बकाया स्टॉक भी ज्यादा है। ऐसे में सर्दियों की मांग से भाव में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार तो आ सकता है लेकिन बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। मध्य प्रदेष की रामगंज मंडी में बादामी क्वालिटी के धनिया का भाव 6,500 रुपये, ईगल क्वालिटी के धनिया का भाव 6,750 रुपये और स्कूटर ब्रांड धनिया का भाव 6,800 से 7,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा तथा दैनिक आवक 7,000 बोरी की हुई।............आर एस राणा
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