आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन 2016-17 में तिलहनी फसलों की पैदावार 52.25 लाख टन बढ़कर 178.25 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इनका उत्पादन केवल 126 लाख टन का ही हुआ था।
साल्वेंट एक्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार खरीफ तिलहन की प्रमुख फसल सोयाबीन का उत्पादन बढ़कर चालू खरीफ सीजन में 105.75 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 72.10 लाख टन का ही हुआ था। इसी तरह से खरीफ में मूंगफली का उत्पादन बढ़कर 53.75 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ सीजन में इसका उत्पादन 32.30 लाख टन मूंगफली का उत्पादन ही हुआ था। सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता फसल सीजन 2016-17 में अनुकूल मौसम के कारण ज्यादा होने से उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है।
अन्य तिलहनी फसलों में सनफ्लावर का उत्पादन चालू खरीफ सीजन 2016-17 में बढ़कर 1.69 लाख टन का होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 0.80 लाख टन का ही हुआ था। हालाकि सीस्मसीड और केस्टर सीड के उत्पादन में पिछले साल की तुलना में कमी आने का अनुमान है। सीस्म सीड का उत्पादन कम होकर चालू खरीफ सीजन 2016-17 में 4.15 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार 5 लाख टन की हुई थी। इसी तरह से केस्टर सीड का उत्पादन घटकर 11.30 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि फसल सीजन 2015-16 में इसकी पैदावार 14 लाख टन की हुई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार खरीफ सीजन में तिलहनी फसलों की बुवाई 5.12 लाख हैक्टेयर बढ़कर 190.31 लाख हैक्टेयर में हुई है, जबकि इसके पिछले साल इनकी बुवाई केवल 185.19 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
खरीफ सीजन 2016-17 में तिलहनी फसलों की पैदावार में हुई बढ़ोतरी से खाद्य तेलों का उत्पादन भी 26.79 लाख टन बढ़कर 61.38 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले खरीफ सीजन में खाद्य तेलों का उत्पादन 34.59 लाख टन का ही हुआ था। खाद्य तेलों के उत्पादन में हुई बढ़ोतरी से आयातित खाद्य तेलों में आगामी महीनों में कमी आने का अनुमान है। .................आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन 2016-17 में तिलहनी फसलों की पैदावार 52.25 लाख टन बढ़कर 178.25 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इनका उत्पादन केवल 126 लाख टन का ही हुआ था।
साल्वेंट एक्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार खरीफ तिलहन की प्रमुख फसल सोयाबीन का उत्पादन बढ़कर चालू खरीफ सीजन में 105.75 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 72.10 लाख टन का ही हुआ था। इसी तरह से खरीफ में मूंगफली का उत्पादन बढ़कर 53.75 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ सीजन में इसका उत्पादन 32.30 लाख टन मूंगफली का उत्पादन ही हुआ था। सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता फसल सीजन 2016-17 में अनुकूल मौसम के कारण ज्यादा होने से उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है।
अन्य तिलहनी फसलों में सनफ्लावर का उत्पादन चालू खरीफ सीजन 2016-17 में बढ़कर 1.69 लाख टन का होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 0.80 लाख टन का ही हुआ था। हालाकि सीस्मसीड और केस्टर सीड के उत्पादन में पिछले साल की तुलना में कमी आने का अनुमान है। सीस्म सीड का उत्पादन कम होकर चालू खरीफ सीजन 2016-17 में 4.15 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार 5 लाख टन की हुई थी। इसी तरह से केस्टर सीड का उत्पादन घटकर 11.30 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि फसल सीजन 2015-16 में इसकी पैदावार 14 लाख टन की हुई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार खरीफ सीजन में तिलहनी फसलों की बुवाई 5.12 लाख हैक्टेयर बढ़कर 190.31 लाख हैक्टेयर में हुई है, जबकि इसके पिछले साल इनकी बुवाई केवल 185.19 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
खरीफ सीजन 2016-17 में तिलहनी फसलों की पैदावार में हुई बढ़ोतरी से खाद्य तेलों का उत्पादन भी 26.79 लाख टन बढ़कर 61.38 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले खरीफ सीजन में खाद्य तेलों का उत्पादन 34.59 लाख टन का ही हुआ था। खाद्य तेलों के उत्पादन में हुई बढ़ोतरी से आयातित खाद्य तेलों में आगामी महीनों में कमी आने का अनुमान है। .................आर एस राणा
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